चंडीगढ़, 29 अप्रैल: कनाडा में हाल ही में हुए आम चुनावों में भारतीय मूल, विशेषकर पंजाबी समुदाय ने ऐसा इतिहास रच दिया है, जिसे लंबे समय तक याद रखा जाएगा। इस बार कुल 22 पंजाबी उम्मीदवारों ने जीत दर्ज कर संसद (हाउस ऑफ कॉमन्स) में प्रवेश किया है। यह आंकड़ा अब तक का सबसे बड़ा है और यह न केवल समुदाय की राजनीतिक ताकत को दिखाता है, बल्कि कनाडा की विविधता और समावेशी लोकतंत्र की खूबसूरत तस्वीर भी पेश करता है।
इससे पहले 2021 के चुनावों में 18 पंजाबी सांसद चुने गए थे, जबकि 2019 में यह संख्या 20 थी। लेकिन 2025 के इस चुनावी परिणाम ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। 65 पंजाबी उम्मीदवारों में से 22 की जीत यह दर्शाती है कि देश की राजनीति में उनकी भागीदारी और स्वीकार्यता लगातार बढ़ रही है।
ब्रैम्पटन बनी पंजाबी राजनीति का गढ़
ब्रैम्पटन क्षेत्र में पंजाबी उम्मीदवारों ने अभूतपूर्व प्रदर्शन करते हुए सभी 5 सीटें जीत लीं। यह इस बात का स्पष्ट संकेत है कि वहां की जनता ने पंजाबी उम्मीदवारों पर गहरा विश्वास जताया है।
-
रूबी सहोता (लिबरल) ने ब्रैम्पटन नॉर्थ से अमंदीप जज (कंजर्वेटिव) को हराया।
-
मनिंदर सिद्धू (लिबरल) ने ब्रैम्पटन ईस्ट में बॉब दोसांझ (कंजर्वेटिव) को पराजित किया।
-
अमनदीप सोही (लिबरल) ने ब्रैम्पटन सेंट्रल में तरन चहल को हराया।
-
सुखदीप कंग (कंजर्वेटिव) ने ब्रैम्पटन साउथ में सोनिया सिद्धू (लिबरल) को शिकस्त दी।
-
सबसे चौंकाने वाला परिणाम ब्रैम्पटन वेस्ट से आया, जहां अमरजीत गिल (कंजर्वेटिव) ने मौजूदा स्वास्थ्य मंत्री कमल खेरा (लिबरल) को हराकर बड़ा उलटफेर किया।
लिबरल पार्टी में पंजाबी चेहरों की चमक
लिबरल पार्टी ने भी इस चुनाव में बड़ी संख्या में पंजाबी नेताओं पर भरोसा जताया और उन्हें जीत भी हासिल हुई। इनमें से कई चेहरे कनाडा की राजनीति में पहले से ही जाना-पहचाना नाम बन चुके हैं:
-
अनीता आनंद – ओकविल ईस्ट
-
बरदीश चागर – वॉटरलू
-
अंजू ढिल्लों – डॉरवेल-लाचीन
-
सुख धालीवाल – सरे-न्यूटन
-
इकविंदर सिंह गहीर – मिसिसॉगा-मालटन
-
रणदीप सरे – सरे-सेंट्रल
-
गुरबक्श सैनी – फ्लीटवुड-पोर्ट कैल्स
-
परम बैंस – रिचमंड ईस्ट-स्टीवेनस्टन
कंजर्वेटिव पार्टी ने भी दिखाया पंजाबी शक्ति पर भरोसा
कंजर्वेटिव पार्टी के टिकट पर भी कई पंजाबी उम्मीदवारों ने जीत दर्ज कर पार्टी की झोली में सीटें डालीं:
-
जसराज हालन – कैलगरी ईस्ट
-
दलविंदर गिल – कैलगरी मैकनाइट
-
अमनप्रीत गिल – कैलगरी स्काईव्यू
-
अर्पन खन्ना – ऑक्सफोर्ड
-
टिम उप्पल – एडमिंटन गेटवे
-
परम गिल – मिल्टन ईस्ट
-
सुखमन गिल – अबॉट्सफोर्ड साउथ-लैंगली
-
जगशरण सिंह माहल – एडमिंटन साउथईस्ट
-
हर्ब गिल – विंडसर वेस्ट
NDP को बड़ा झटका, जगमीत सिंह की करारी हार
इस चुनाव में जहां लिबरल और कंजर्वेटिव पार्टियों के पंजाबी उम्मीदवारों ने शानदार प्रदर्शन किया, वहीं NDP को बड़ा झटका लगा। पार्टी के प्रमुख जगमीत सिंह को बर्नाबी सेंट्रल सीट से हार का सामना करना पड़ा और वे तीसरे स्थान पर रहे। इस हार के बाद उन्होंने पार्टी के प्रमुख पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया। यह परिणाम न केवल NDP के लिए बल्कि खुद सिंह के राजनीतिक करियर के लिए भी एक बड़ा झटका है।
कमल खेरा की हार ने दी नई बहस को जन्म
लिबरल पार्टी की प्रभावशाली नेता और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री कमल खेरा की हार भी चर्चा में रही। उन्हें कंजर्वेटिव प्रत्याशी अमरजीत गिल ने हराकर राजनीतिक हलकों को चौंका दिया। यह जीत जहां एक ओर कंजर्वेटिव पार्टी की रणनीति की सफलता है, वहीं यह संकेत भी है कि जनता बदलाव की मांग कर रही है।
राजनीति में भारतीयों की बढ़ती भागीदारी
कनाडा की संसद में पंजाबी समुदाय की यह बढ़ती उपस्थिति न सिर्फ भारतवंशियों की मेहनत और एकता का प्रतीक है, बल्कि यह इस बात का भी प्रमाण है कि लोकतंत्र में विविधता की कितनी बड़ी भूमिका होती है। भारतीय मूल के इन सांसदों से उम्मीद की जाती है कि वे न केवल प्रवासी भारतीयों की आवाज़ बनेंगे, बल्कि कनाडा के विकास और नीति निर्माण में भी निर्णायक भूमिका निभाएंगे।