बाल निकेतन, बाल सदन और आशियाना जैसी संस्थाओं के बच्चों ने इस अवसर पर विभिन्न गतिविधियों में हिस्सा लिया।
कार्यक्रम का आयोजन महिला एवं बाल विकास विभाग की देखरेख में किया गया,
और इस मौके पर विभाग की निदेशक श्रीमति मोनिका मालिक ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की।
Veer Bal Diwas – साहिबजादों की अदम्य वीरता की कहानियां
गुरु गोबिंद सिंह जी के चार साहिबजादे – बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह, बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह – केवल नाम नहीं हैं,
बल्कि एक ऐसी प्रेरणा हैं जो हर पीढ़ी को नैतिकता, सच्चाई और धर्म के प्रति अडिग रहने का संदेश देती हैं।
कार्यक्रम में बच्चों को बताया गया कि किस प्रकार इन साहिबजादों ने कम उम्र में अपने धर्म की रक्षा के लिए प्राणों का बलिदान दिया।
बाबा अजीत सिंह और बाबा जुझार सिंह ने चमकौर की लड़ाई में अपने अदम्य साहस का प्रदर्शन किया।
वहीं, बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह ने केवल 9
और 7 साल की उम्र में सरहिंद के नवाब के सामने झुकने से इनकार कर दिया और दीवार में जिंदा चुनवा दिए गए।
Veer Bal Diwas – बच्चों को मिला सीखने का मौका
मुख्य अतिथि श्रीमति मोनिका मालिक ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा, “साहिबजादों का बलिदान हमें सिखाता है
कि सच्चाई और धर्म के मार्ग पर डटकर चलना चाहिए।
उनकी कहानियां आज भी हमें प्रेरणा देती हैं
कि जीवन में कोई भी चुनौती इतनी बड़ी नहीं होती कि उससे हार मान ली जाए।”
बच्चों की रचनात्मकता का प्रदर्शन
कार्यक्रम के दौरान बच्चों के लिए पेंटिंग, निबंध लेखन, कविता पाठ और कहानी वाचन जैसी प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं।
इन गतिविधियों में बच्चों ने न केवल साहिबजादों की कहानियों को अपने शब्दों और रंगों के जरिए प्रस्तुत किया,
बल्कि अपनी गहरी समझ और संवेदनशीलता को भी उजागर किया।
प्रोत्साहन और सम्मान
प्रतिभागी बच्चों को प्रोत्साहन स्वरूप फूड पैकेट्स और उपहार दिए गए।
इस कदम ने न केवल बच्चों के आत्मविश्वास को बढ़ाया
बल्कि उन्हें आगे भी इसी तरह उत्साहपूर्वक भाग लेने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम में यह भी बताया गया कि
वीर बाल दिवस के अवसर पर हरियाणा के 11 बच्चों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
यह हरियाणा राज्य के लिए गर्व का पल है और अन्य बच्चों को प्रेरणा लेने का मौका भी।