चंडीगढ़, 9 मई: भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार बढ़ते तनाव को देखते हुए अंबाला जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक पूर्ण ब्लैकआउट लागू करने का आदेश जारी किया है। यह कदम पाकिस्तान से संभावित एयर स्ट्राइक (हवाई हमले) के खतरे को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
किसी भी रोशनी पर सख्त पाबंदी
जिला मजिस्ट्रेट अजय सिंह तोमर ने निर्देश दिए हैं कि इस ब्लैकआउट अवधि के दौरान शहर में कोई भी बाहरी रोशनी — जैसे कि स्ट्रीट लाइट्स, भवनों की बाहरी लाइटें, बड़े होर्डिंग्स पर लगी रोशनी, इनवर्टर या जनरेटर से चलने वाली लाइटें — चालू नहीं की जाएंगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जो भी व्यक्ति इन निर्देशों का उल्लंघन करता पाया जाएगा, भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
नागरिकों से शांति और सहयोग की अपील
प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे घबराएं नहीं और आवश्यक वस्तुओं की खरीददारी को लेकर संयम बरतें। पैनिक बाइंग, जमाखोरी और कालाबाजारी की किसी भी सूचना पर प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।
सरकार और सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह मुस्तैद
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा है कि पाकिस्तान की किसी भी “नापाक हरकत” का करारा जवाब दिया जाएगा। उन्होंने यह भरोसा भी दिलाया कि सभी सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं और हर स्तर पर स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए तैयार हैं।
ब्लैकआउट का उद्देश्य: जान-माल की सुरक्षा
यह ब्लैकआउट आदेश अंबाला की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए जारी किया गया है, क्योंकि अंबाला भारत के लिए एक रणनीतिक रूप से अहम सैन्य क्षेत्र भी है। अंबाला एयरबेस पर वायुसेना की तैनाती और सैन्य गतिविधियों की दृष्टि से यह निर्णय अत्यंत आवश्यक माना जा रहा है।
प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि ब्लैकआउट का सख्ती से पालन न सिर्फ सरकारी आदेश है, बल्कि यह प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी भी है। इस कदम से हम दुश्मन की हवाई निगरानी और संभावित हमले को नाकाम कर सकते हैं।
नागरिकों के लिए ज़रूरी निर्देश:
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रात 8 बजे से सुबह 6 बजे तक घर की बाहरी लाइट्स बंद रखें।
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जनरेटर, इनवर्टर या किसी अन्य माध्यम से रात को कोई भी बाहरी रोशनी चालू न करें।
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छतों, बालकनी या खुले स्थानों में रात के समय मोबाइल फ्लैशलाइट या टॉर्च का उपयोग न करें।
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कोई भी संदिग्ध गतिविधि या वस्तु दिखाई दे तो तुरंत स्थानीय प्रशासन या पुलिस को सूचित करें।
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अफवाहों से बचें और केवल आधिकारिक जानकारी पर भरोसा करें।