चंडीगढ़, 30 मई: देश की सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत करने तथा आम नागरिकों को आपातकालीन स्थितियों के लिए तैयार करने के मकसद से केंद्र सरकार ने एक नई रणनीतिक पहल की शुरुआत की है। इस योजना के अंतर्गत देश के उन जिलों में जो पाकिस्तान की सीमा से सटे हुए हैं, नियमित रूप से मॉक ड्रिल यानी अभ्यास सत्र आयोजित किए जाएंगे।
इस पहल का पहला व्यापक अभ्यास 31 मई को किया जाएगा, जिसमें सीमावर्ती राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के कई इलाके शामिल होंगे। इस दिन पूरे क्षेत्र में एक निश्चित समय के लिए सायरन की आवाजें गूंजेंगी और ब्लैकआउट यानी पूर्ण अंधेरा किया जाएगा।
किस-किस क्षेत्र में होगा यह अभ्यास?
सरकारी सूत्रों के अनुसार, यह मॉक ड्रिल जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, गुजरात और केंद्र शासित चंडीगढ़ के सीमावर्ती जिलों में एक साथ आयोजित की जाएगी। इस समन्वित अभ्यास का नाम दिया गया है ‘ऑपरेशन शील्ड’, जिसका मकसद नागरिकों को संभावित युद्ध या आतंकी हमले जैसे हालात में सुरक्षित रहने का व्यावहारिक प्रशिक्षण देना है।
मॉक ड्रिल के दौरान क्या-क्या होगा?
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ब्लैकआउट: एक निर्धारित समय के लिए बिजली बंद कर दी जाएगी ताकि नागरिकों को अंधेरे में भी सतर्कता और सुरक्षा उपायों की जानकारी हो।
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सायरन बजेंगे: चेतावनी सायरन बजाकर लोगों को संकेत दिया जाएगा कि उन्हें अलर्ट रहना है।
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सुरक्षा एजेंसियों की मौजूदगी: पुलिस, सिविल डिफेंस, NDRF, स्वास्थ्य विभाग और अन्य आपातकालीन सेवाएं इस अभ्यास में भाग लेंगी।
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प्रशिक्षण: नागरिकों को यह सिखाया जाएगा कि यदि कोई हवाई हमला, मिसाइल या ड्रोन स्ट्राइक होती है, तो उन्हें क्या करना है, कहाँ छिपना है, और किस प्रकार सरकारी आदेशों का पालन करना है।
क्यों हो रहा है यह अभ्यास?
पिछले कुछ समय में भारत-पाक सीमा पर तनाव की स्थिति बनी हुई है। विशेषकर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सरकार सुरक्षा उपायों को और सख्त करने की दिशा में कदम उठा रही है।
इसी क्रम में 7 मई को एक देशव्यापी मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया था, जो अब सीमावर्ती जिलों में नियमित रूप से होने वाले अभ्यास की शुरुआत का संकेत था।
यह अभ्यास क्यों जरूरी है?
सीमावर्ती इलाकों में बसे नागरिक संकट की घड़ी में सबसे पहले प्रभावित हो सकते हैं। इसलिए यह बेहद आवश्यक है कि वे:
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मानसिक रूप से सतर्क रहें
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सही समय पर सही निर्णय ले सकें
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व्यवहारिक रूप से प्रशिक्षित हों कि किस स्थिति में क्या कदम उठाना है
सरकार का यह प्रयास न केवल सुरक्षा एजेंसियों की तैयारी को परखने का है, बल्कि आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी है।
आपके लिए जरूरी सुझाव:
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31 मई को घबराएं नहीं – सायरन और अंधेरा केवल अभ्यास का हिस्सा है।
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स्थानीय प्रशासन की सूचना पर ध्यान दें – समय और स्थान की सटीक जानकारी वहीं से मिलेगी।
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सरकारी निर्देशों का पालन करें – यह आपकी और आपके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए है।
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अनावश्यक अफवाहों से बचें – यह मॉक ड्रिल पूर्व नियोजित है और केवल प्रशिक्षण के उद्देश्य से की जा रही है।