BJP में बड़ा बदलाव: नए अध्यक्ष की तैयारी और कैबिनेट फेरबदल की सुगबुगाहट!

चंडीगढ़, 19 अप्रैल: भारतीय जनता पार्टी (BJP) एक बार फिर अपने संगठनात्मक ढांचे में व्यापक परिवर्तन की दिशा में कदम बढ़ा रही है। 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद अब पार्टी नई ऊर्जा, नई दिशा और मजबूत रणनीति के साथ भविष्य की ओर बढ़ने की तैयारी कर रही है। इस प्रक्रिया की शुरुआत प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति से हो रही है, जो आने वाले दिनों में राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन और संभावित कैबिनेट फेरबदल की भूमिका तय करेगी।

 प्रदेश अध्यक्षों के बदलाव की बड़ी तैयारी

पार्टी के विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, इस सप्ताह के अंत तक पांच प्रमुख राज्यों – उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और ओडिशा – में नए प्रदेश अध्यक्षों की घोषणा की जा सकती है। इन राज्यों में अभी यह पद खाली है, जबकि अन्य 14 राज्यों में पहले ही नए नेतृत्व की नियुक्ति हो चुकी है। यह बदलाव इसलिए भी जरूरी है क्योंकि पार्टी के संविधान के मुताबिक, राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले कम से कम 50% राज्यों में अध्यक्षों की नियुक्ति अनिवार्य होती है।

 राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन की उलटी गिनती शुरू

प्रदेश स्तर के इन बदलावों के बाद भाजपा की सबसे अहम घोषणा – नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम का ऐलान – होने जा रहा है। पार्टी चाहती है कि अप्रैल के अंत तक यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाए। इसके साथ ही नई नेतृत्व टीम आगामी विधानसभा चुनावों और 2029 के लोकसभा चुनाव की नींव तैयार करेगी। इस निर्णय में अत्यधिक सावधानी बरती जा रही है ताकि पार्टी को मजबूत दिशा मिल सके और संगठन अधिक प्रभावी तरीके से काम करे।

 शीर्ष नेतृत्व में गहन मंथन जारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, संगठन महामंत्री बी.एल. संतोष और मौजूदा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा के बीच बीते कुछ दिनों में कई अहम बैठकें हो चुकी हैं। इन बैठकों में न सिर्फ अध्यक्ष पद के लिए संभावित नामों पर चर्चा हुई है, बल्कि संगठन की आगामी योजनाओं पर भी विचार किया गया है।

 कौन हो सकता है अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष?

अभी तक जिन नेताओं के नाम चर्चा में हैं, उनमें हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, और अनुभवी नेता भूपेंद्र यादव शामिल हैं। यह तीनों नेता संगठनात्मक क्षमता, केंद्र और राज्य सरकारों के अनुभव और RSS से मजबूत संबंधों के कारण मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं। इन नामों पर अंतिम मुहर लगाने से पहले RSS से भी फीडबैक लिया जाएगा।

 मोदी कैबिनेट में भी संभावित फेरबदल

सिर्फ पार्टी संगठन ही नहीं, बल्कि मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में भी बदलाव की चर्चाएं तेज हो गई हैं। सूत्रों का कहना है कि जैसे ही नया अध्यक्ष चुना जाएगा, केंद्र सरकार में भी कुछ नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है। इसमें एनडीए के घटक दलों – जैसे NCP, शिवसेना (शिंदे गुट) और बिहार के नेता – को भी प्रतिनिधित्व मिलने की संभावना जताई जा रही है। इससे सरकार को न केवल क्षेत्रीय संतुलन मिलेगा, बल्कि गठबंधन सहयोगियों को भी मजबूती से साधा जा सकेगा।

 देरी की वजह और नड्डा का कार्यकाल

जेपी नड्डा जनवरी 2020 में राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे। पार्टी के संविधान के अनुसार अध्यक्ष का कार्यकाल तीन वर्ष का होता है, लेकिन कोविड महामारी और फिर चुनावी व्यस्तताओं के चलते नड्डा का कार्यकाल बढ़ा दिया गया था। अब जबकि लोकसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं, पार्टी नए नेतृत्व को जिम्मेदारी सौंपने की तैयारी में है। अगला अध्यक्ष न केवल पार्टी के भीतर नई सोच और जोश लेकर आएगा, बल्कि 2025-26 के राज्य चुनावों के लिए रणनीति भी तैयार करेगा।

भाजपा एक बड़े परिवर्तन की दहलीज पर खड़ी है। प्रदेश अध्यक्षों से लेकर राष्ट्रीय नेतृत्व तक और फिर केंद्र सरकार की कैबिनेट तक, बदलाव की यह प्रक्रिया पार्टी को आगामी चुनावी चुनौतियों और जनअपेक्षाओं से निपटने के लिए सशक्त करेगी। संगठनात्मक मजबूती और राजनीतिक संतुलन दोनों को साधने की इस रणनीति से भाजपा 2029 तक की लंबी दूरी तय करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है।