Apple, एक ऐसा नाम जिसे हम सभी जानते हैं, जिसने टेक्नोलॉजी की दुनिया में क्रांति ला दी, उस से जुडी एक चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है।
बता दें कि एप्पल ने कुल 185 कर्मचारी, जो Apple के हेडक्वार्टर Cupertino में काम कर रहे थे, उन्हें निकाल दिया गया है,
और वजह… एक धोखाधड़ी स्कैम! जी हां, Apple के ‘Matching Grants’ प्रोग्राम में गड़बड़ी पाई गई,
जिससे कर्मचारियों ने अपनी जेबें भरने के लिए एक गैरकानूनी तरीका अपनाया।
क्या है पूरा मामला चलिए बताते है ?
कर्मचारियों की बात करें तो ये कर्मचारियों को Apple के ‘Matching Grants’ प्रोग्राम का गलत इस्तेमाल करने के आरोप में नौकरी से निकाल दिया गया है।
यह प्रोग्राम कर्मचारियों की चैरिटी में की गई डोनेशन्स को डबल करने का एक तरीका था,
जहां Apple उन दान राशियों को मैच करता था, जो कर्मचारी योग्य नॉन-प्रॉफिट्स को दान करते थे।
लेकिन आरोप ये है कि कुछ कर्मचारियों ने इस सिस्टम का फायदा उठाकर फर्जी दान दिखाए।
इन कर्मचारियों ने गैर-लाभकारी संगठनों के साथ मिलकर दिखावे के लिए दान किया,
और जब एप्पल ने इन दानों को मैच किया, तो इन कर्मचारियों ने अपना मूल दान तो वापस ले लिया,
और Apple की ओर से मिलने वाली matching राशि को खुद रख लिया।
Apple कंपनी को करोड़ों का नुकसान
यानी, इस तरह से कर्मचारियों ने Apple से पैसे तो लिए, लेकिन चैरिटी में दिए बिना।
इस धोखाधड़ी से ना सिर्फ कंपनी को करोड़ों का नुकसान पहुंचा, बल्कि चैरिटी के नाम पर भी लोगों को गुमराह किया गया।
शॉकिंग बात ये है कि यह धोखाधड़ी सिर्फ कुछ महीने नहीं, बल्कि तीन सालों तक चलती रही
और जिस से Apple को लगभग 152,000 डॉलर का चूना लगा
अभी तक, Bay Area से छह कर्मचारियों के नाम सामने आए हैं, और रिपोर्ट्स के मुताबिक इनमें से कई भारतीय मूल के भी है।
कभी सोचा था कि इतनी बड़ी कंपनी में ऐसा कुछ हो सकता है?
और सिर्फ यही नहीं, इस धोखाधड़ी में टैक्स चोरी भी शामिल थी,
क्योंकि इन कर्मचारियों ने झूठी डोनेशन को अपने टैक्स रिटर्न्स में दिखा कर राज्य को भी ठगा है।
कितना बड़ा घोटाला था, अब Apple की जांच जारी है, और कई और कर्मचारियों के नाम सामने आ सकते हैं।