केंद्रीय कृषि मंत्री ने भोपाल में युवाओं को किया संबोधित!

चंडीगढ़, 27 फरवरी: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को भोपाल स्थित ओरिएंटल इंस्टीट्यूट में विद्यार्थियों को “वन नेशन, वन इलेक्शन” विषय पर संबोधित किया। उन्होंने कहा कि बार-बार होने वाले चुनाव देश के विकास में बाधा हैं, इसलिए संविधान में संशोधन कर लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराए जाने चाहिए।

उन्होंने युवाओं से अपील करते हुए कहा, “स्वामी विवेकानंद जी कहते थे कि तुम अमृत के पुत्र हो, ईश्वर के अंश हो। दुनिया में ऐसा कोई काम नहीं जो तुम न कर सको। इसलिए, मेरे युवा साथियों, आगे आइए और एक राष्ट्र-एक चुनाव के समर्थन में अपनी आवाज बुलंद कीजिए।”

वन नेशन, वन इलेक्शन फोरम बनाने की अपील

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि युवाओं को “स्टूडेंट्स फॉर वन नेशन, वन इलेक्शन” नामक एक फोरम बनाना चाहिए, जिसे विद्यार्थी खुद संचालित करें। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक विचार नहीं, बल्कि एक जन-आंदोलन बनना चाहिए।

उन्होंने कहा, “सोशल मीडिया पर इस अभियान को मजबूत किया जाए ताकि पूरे देश से एक आवाज उठे कि हम एक साथ चुनाव के पक्ष में हैं। अगर जनता का दबाव बनेगा, तो सभी राजनीतिक दलों को इसे स्वीकार करना पड़ेगा। हमें धन और समय की बर्बादी रोकनी होगी और विकास कार्यों को प्राथमिकता देनी होगी।”

 

1967 तक होते थे एक साथ चुनाव

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 1967 तक भारत में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होते थे। लेकिन बाद में अनुच्छेद 356 का दुरुपयोग कर विभिन्न राज्यों में सरकारों को भंग किया जाने लगा, जिससे यह परंपरा टूट गई।

उन्होंने कहा कि 1983 में चुनाव आयोग ने पहली बार एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश की थी। इसके बाद 1999 में विधि आयोग ने भी यही सुझाव दिया। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति बनाई गई है, जिसने इस विषय पर रिपोर्ट तैयार की है। रिपोर्ट के अनुसार, 87% लोग एक साथ चुनाव के पक्ष में हैं।

बार-बार होने वाले चुनाव देश की प्रगति में बाधा

शिवराज सिंह चौहान ने बार-बार होने वाले चुनावों को देश के विकास में सबसे बड़ी रुकावट बताया। उन्होंने कहा कि,“पिछले साल मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में विधानसभा चुनाव हुए। उसके चार महीने बाद लोकसभा चुनाव हुए। फिर हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र, झारखंड में चुनाव हुए। अब दिल्ली और बिहार के चुनाव की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। हर छह महीने में कोई न कोई चुनाव होता ही रहता है। इससे धन और संसाधनों की भारी बर्बादी होती है।”

उन्होंने कहा कि हर चुनाव में सुरक्षा बलों और सरकारी अधिकारियों को लगातार एक राज्य से दूसरे राज्य भेजा जाता है। प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्रीगणों का कीमती समय चुनाव प्रचार में व्यर्थ होता है, जिससे विकास कार्य बाधित होते हैं।

उन्होंने तर्क दिया कि यदि देश में एक साथ चुनाव होंगे, तो सरकारें बाकी के साढ़े चार साल सिर्फ विकास कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगी।

मोदी सरकार के “वन नेशन, वन इलेक्शन” अभियान को समर्थन दें

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस विषय पर पूरी गंभीरता से काम कर रहे हैं और देश की जनता को भी इस मुहिम का समर्थन देना चाहिए।

उन्होंने कहा, “अब समय आ गया है कि हम राजनीति में स्थिरता लाएं। चुनावी खर्च कम करें और देश की प्रगति को बाधित होने से रोकें। हमें संविधान में संशोधन कर लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ कराने की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे।”

शिवराज सिंह चौहान ने सभी युवाओं से इस अभियान का हिस्सा बनने और इसे जन-आंदोलन में बदलने का आह्वान किया।