चंडीगढ़, 26 अप्रैल: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके में हुए भीषण आतंकी हमले ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की चिंगारी को हवा दे दी है। इस हमले में 25 भारतीय नागरिकों और एक नेपाली नागरिक की दर्दनाक मौत हो गई, जिसके बाद से भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक मोर्चा खोल दिया है। अब इस पूरी स्थिति को लेकर रूस ने भी गहरी चिंता जताई है।
रूस का आपात अलर्ट – पुतिन ने दी बड़ी चेतावनी
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 25 अप्रैल को रूस के नागरिकों और अधिकारियों के लिए आपात अलर्ट जारी करते हुए कहा कि दक्षिण एशिया में हालात बेहद नाजुक हैं और भारत-पाकिस्तान के बीच किसी भी वक्त युद्ध छिड़ सकता है।
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रूस ने अपने नागरिकों को पाकिस्तान की यात्रा न करने की सख्त सलाह दी है।
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मास्को से आपात संदेश जारी कर कहा गया कि “छोटी सी घटना से बड़ा टकराव हो सकता है।”
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रूसी राजनयिक मिशनों को हाई अलर्ट पर रखा गया है, और उन्हें दक्षिण एशिया की स्थिति पर लगातार नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।
भारत का सख्त रुख – पाकिस्तान के खिलाफ तीखे कूटनीतिक कदम
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं:
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अटारी बॉर्डर का इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट अस्थायी रूप से बंद किया गया
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सार्क वीज़ा छूट योजना (SVES) पाकिस्तानी नागरिकों के लिए स्थगित
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सिंधु जल संधि पर पुनर्विचार की प्रक्रिया तेज की गई
भारत सरकार के इन फैसलों से यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि अब देश पाकिस्तान को लेकर ‘नो टॉलरेंस’ नीति पर आगे बढ़ रहा है।
वैश्विक प्रतिक्रिया और रणनीतिक संकेत
रूस का यह बयान केवल एक चेतावनी भर नहीं, बल्कि दक्षिण एशिया में किसी बड़ी हलचल के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। आमतौर पर रूस जैसे राष्ट्रों का सार्वजनिक रूप से इस प्रकार का अलर्ट जारी करना बेहद असामान्य होता है, जो स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है।
विशेषज्ञों का मानना है:
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रूस की खुफिया एजेंसियों को इस क्षेत्र में बड़े सैन्य संघर्ष की आशंका है
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भारत को राजनयिक रूप से समर्थन देने की यह एक स्पष्ट कोशिश है
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पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पहले ही अलग-थलग पड़ रहा है, और अब रूस की यह प्रतिक्रिया उसे और दबाव में ला सकती है
भारत-पाक रिश्तों की ताजा तस्वीर
पहलगाम हमले ने एक बार फिर इस बात को उजागर कर दिया है कि सीमा पार आतंकवाद भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कितनी बड़ी चुनौती बना हुआ है।
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भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को घेरने की रणनीति अपनाई है
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UN, SCO, BRICS जैसे प्लेटफॉर्म्स पर भारत अब सीधा मुद्दा उठा रहा है
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रूस, फ्रांस, अमेरिका समेत कई देश भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन कर चुके हैं
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव अब केवल सीमा तक सीमित नहीं रहा। इसकी अनुगूंज वैश्विक स्तर पर सुनाई दे रही है। रूस का आपात अलर्ट न केवल आने वाले संकट की ओर इशारा करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि अगर समय रहते हालात नहीं संभाले गए, तो दक्षिण एशिया में युद्ध जैसी स्थिति बन सकती है – जिसका असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा।