चंडीगढ़, 6 जून: हरियाणा सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग के तत्वावधान में जिला स्तरीय ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ कार्यक्रम का आयोजन जिला उपायुक्त मोनिका गुप्ता के मार्गदर्शन और जिला कार्यक्रम अधिकारी सविता नेहरा की अध्यक्षता में किया गया। कार्यक्रम की रूपरेखा और संचालन डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर श्रीमती किरण द्वारा किया गया।
इस मौके पर बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं उपस्थित रहीं, जिन्हें विभिन्न महिला एवं बाल कल्याण योजनाओं के बारे में जानकारी देकर उन्हें जागरूकता फैलाने के लिए प्रेरित किया गया।
कार्यक्रम की प्रमुख गतिविधियां और घोषणाएं:
1️⃣ सहेली प्रोजेक्ट की शुरुआत
कार्यक्रम की सबसे उल्लेखनीय पहल रही ‘सहेली प्रोजेक्ट’ की शुरुआत। इस योजना के अंतर्गत:
-
हर गर्भवती महिला को एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एक आशा वर्कर और एक एएनएम (एनीमिया निगरानी नर्स) से जोड़ा गया।
-
इसका उद्देश्य गर्भावस्था के दौरान महिला की स्वास्थ्य, पोषण और देखरेख को सुनिश्चित करना है।
2️⃣ गांव-गांव में प्रभात फेरी द्वारा जागरूकता अभियान
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा शुरू की गई इस पहल के तहत:
-
हर गांव और खंड स्तर पर प्रभात फेरी निकाली जा रही हैं।
-
लोगों को भ्रूण हत्या की सामाजिक और कानूनी गंभीरता के बारे में बताया जा रहा है।
-
लिंग परीक्षण और भ्रूण हत्या को कानूनी अपराध बताते हुए कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई।
3️⃣ ‘बेटी है तो भविष्य है’ – परंपराओं से जुड़कर बेटियों को सम्मान
-
जिन महिलाओं के घर बेटियां हैं, उनके लिए कुआं पूजन जैसे सांस्कृतिक और सम्मानजनक आयोजन किए जा रहे हैं।
-
यह पहल समाज में बेटी को बोझ नहीं, बल्कि गर्व के रूप में देखने की सोच को मजबूती देती है।
4️⃣ गर्भवती महिलाओं की ‘गोद भराई’ कार्यक्रम
-
‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं के लिए गोद भराई समारोह आयोजित किए जा रहे हैं।
-
इसका उद्देश्य उन्हें सम्मानित करना और गर्भावस्था के दौरान समुचित देखभाल के लिए प्रेरित करना है।
संकल्प और जागरूकता का संदेश
कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थित लोगों ने ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ का संकल्प लिया।
साथ ही प्रत्येक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को यह प्रेरणा दी गई कि वे अपने-अपने गांवों में जाकर बेटियों की शिक्षा, सुरक्षा और समानता के लिए लोगों को प्रेरित और जागरूक करें।
उपायुक्त मोनिका गुप्ता का संदेश:
“बेटियों का सम्मान और सशक्तिकरण ही समाज की सच्ची प्रगति है। हमें मिलकर एक ऐसा वातावरण बनाना है जहां बेटियां गर्व से जी सकें, पढ़ सकें और आगे बढ़ सकें।”