ASI Bohar Singh के मामले पर Bajwa का स्पीकर से सवाल

Bajwa

पंजाब विधानसभा के मानसून सत्र के अंतिम दिन कोटकपूरा के ASI Bohar Singh के मुद्दे पर विपक्षी नेता प्रताप सिंह Bajwa ने सवाल उठाया।

Bajwa ने स्पीकर कुलतार सिंह संधवा से पूछा कि जब विधानसभा ने यह निर्णय लिया था

कि DGP गौरव यादव को सदन में बुलाया जाएगा,

तो गृह सचिव को यह आदेश क्यों दिया गया कि बोहड़ सिंह को छोड़कर बाकी सभी आरोपियों पर भी कार्रवाई की जाए?

Bajwa ने इस मामले की जांच के लिए

Bajwa ने इस पर जोर देते हुए कहा कि इस मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया जाना चाहिए।

उन्होंने तर्क किया कि इससे पुलिस और अन्य विभागों में जवाबदेही तय होगी और जिम्मेदारी का एहसास होगा।

बाजवा ने स्पीकर से यह भी पूछा कि जब विधानसभा ने इस पर सहमति दे दी थी, तो क्या आप अकेले इस मामले पर निर्णय ले सकते हैं?

स्पीकर कुलतार सिंह संधवा ने जवाब में कहा कि विधानसभा ने इस मामले को स्वीकार किया था

और इस पर पूरी रिपोर्ट मंगाई गई थी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी जिम्मेदारी है कि वे साफ-सुथरी प्रशासनिक व्यवस्था प्रदान करें।

ASI Bohar Singh पर पहले अकाली दल की सरकार के दौरान

संधवा ने बताया कि ASI Bohar Singh पर पहले अकाली दल की सरकार के दौरान 50 हजार रुपये की रिश्वत लेने का आरोप था,

और कांग्रेस की सरकार के दौरान भी उन्होंने 50 हजार रुपये की रिश्वत ली थी।

इस समय की सरकार के तहत उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और उन्हें रिश्वत देने के मामले में कोई राहत नहीं दी गई।

स्पीकर संधवा ने इस बात को किया स्पष्ट

स्पीकर संधवा ने इस बात को स्पष्ट किया कि वे अपनी जिम्मेदारी को पूरी तरह से निभा रहे हैं और

किसी भी अनुशासनहीनता या भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

उन्होंने यह भी कहा कि विभागीय जांच और कानूनी प्रक्रिया के तहत ही कार्रवाई की जाएगी।

इस मुद्दे पर स्पीकर ने जोर देते हुए कहा कि विधानसभा की सहमति के बावजूद,

किसी भी तरह की गैरकानूनी गतिविधि के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।

उनका कहना था कि इस मामले की गंभीरता को समझते हुए

सरकार पूरी पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ जांच कर रही है।

स्पीकर ने यह भी उल्लेख किया कि सभी आरोपियों के खिलाफ न्यायसंगत कार्रवाई की जाएगी,

और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इस मामले में किसी भी प्रकार की पक्षपाती कार्रवाई नहीं की जाएगी।

स्पीकर ने जवाब में आश्वासन दिया कि विधानसभा इस मुद्दे पर पूरी गंभीरता के साथ ध्यान दे रही है और

किसी भी तरह की अनियमितता को दूर करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। उनके अनुसार,

सरकार की प्राथमिकता यह है कि सार्वजनिक विश्वास और प्रशासनिक ईमानदारी को बनाए रखा जाए।

इस प्रकार, स्पीकर संधवा ने आश्वस्त किया कि इस मामले में पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ उचित कार्रवाई की जाएगी,

और किसी भी प्रकार की भेदभावपूर्ण कार्रवाई से बचने की पूरी कोशिश की जाएगी