डॉ. अंबेडकर के विचारों से प्रेरित: हरियाणा सरकार का समर्पण!

haryana government : हरियाणा विधानसभा में आज सत्र से पूर्व Dr. Ambedkar को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

विधानसभा अध्यक्ष ने इस अवसर पर कहा, “सदन को लोकतंत्र का मंदिर कहा जाता है,

और आज हम इस मंदिर में बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी को नमन करते हैं।”

Haryana Government : हर पल Dr. Ambedkar  द्वारा स्थापित

सदन में बोलते हुए उन्होंने कहा, “मेरे जीवन का हर पल डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर द्वारा स्थापित भारत के संविधान के महान मूल्यों के प्रति समर्पित है।

यह संविधान ही है, जिसने एक गरीब और पिछड़े परिवार में जन्मे व्यक्ति को प्रदेश सेवा का अवसर प्रदान किया।”

उन्होंने आगे कहा, “हमारा संविधान आज प्रदेशवासियों को उम्मीद, सामर्थ्य और गरिमापूर्ण जीवन का आधार बना हुआ है।

” उनके अनुसार, डॉ. अंबेडकर के विचार दलितों, पीड़ितों, वंचितों और शोषितों के कल्याण के लिए हमेशा प्रेरणा का स्रोत रहे हैं।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, “इसलिए, हमारी सभी योजनाएं गरीब से गरीब को ध्यान में रखकर लागू की गई हैं।

अंत्योदय के भाव और ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र के साथ हमारी सरकार ने हरियाणा को एक मानकर समान विकास की दिशा में काम किया है।”

उन्होंने बताया कि हरियाणा की विधानसभा, लोकतंत्र का यह मंदिर, उनके परिवारजनों के अटूट विश्वास का प्रतीक है।

“टीम हरियाणा प्रदेश के सभी परिवारजनों के इस विश्वास को कायम रखेगी,” उन्होंने कहा।

डॉ. अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित

सदन की इस बैठक में अन्य विधायकों ने भी डॉ. अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की।

सभी ने उनके विचारों और संविधान में दिए गए अधिकारों के प्रति अपने समर्पण की भावना व्यक्त की।

यह कार्यक्रम न केवल डॉ. अंबेडकर की महानता को स्वीकार करने का एक अवसर था,

बल्कि यह यह भी दर्शाता है कि हरियाणा की सरकार अपने नागरिकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।

सदन में यह चर्चा भी हुई कि कैसे डॉ. अंबेडकर के सिद्धांतों को लागू करते हुए, सरकार ने विभिन्न योजनाओं का निर्माण किया है,

जो समाज के अंतिम पंक्ति के व्यक्तियों तक पहुंचती हैं।

इससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार के सभी प्रयास उनकी जड़ों में निहित हैं

और वे समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने की दिशा में निरंतर अग्रसर हैं।

कार्यक्रम के अंत में विधानसभा अध्यक्ष ने सभी विधायकों से अपील की कि वे डॉ. अंबेडकर के आदर्शों को अपने कार्यों में लागू करें और समाज में समानता और न्याय को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत रहें।

मुख्यमंत्री ने दी दीवाली की सौगात: रजिस्ट्री में राहत, एनओसी की शर्त खत्म!

Property Registry Noc : मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने दीवाली से पहले प्रदेशवासियों को बड़ा तोहफा दिया है।

अब जमीन की रजिस्ट्री के लिए नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) की आवश्यकता समाप्त कर दी गई है।

यह निर्णय पंजाब अपार्टमेंट एंड प्रॉपर्टी रेगुलेशन (संशोधन) अधिनियम, 2024 के तहत लिया गया है,

जिसे राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने मंजूरी दी।

मुख्यमंत्री : छोटे प्लॉट धारकों को राहत

मुख्यमंत्री ने इस महत्वपूर्ण फैसले के लिए राज्यपाल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह संशोधन छोटे प्लॉट धारकों को राहत प्रदान करेगा और अवैध कॉलोनियों पर कड़ी नजर रखेगा।

उन्होंने बताया कि पंजाब विधानसभा ने इस विधेयक को 3 सितंबर को पारित किया था,

और आज राज्यपाल ने इसे स्वीकृति प्रदान की।

भगवंत सिंह मान : प्लॉटों की रजिस्ट्री में आ रही समस्याओं का समाधान

भगवंत सिंह मान ने कहा, “यह निर्णय आम जनता के लिए बड़ी राहत का कारण बनेगा।

इससे उन्हें अपने प्लॉटों की रजिस्ट्री में आ रही समस्याओं का समाधान मिलेगा।

” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस संशोधन में अवैध कॉलोनियों के निर्माण पर नियंत्रण रखने के लिए कड़े प्रावधान किए गए हैं,

जिसमें अपराधियों के लिए सजा और जुर्माने का प्रावधान भी है।

Property Registry Noc : रजिस्ट्री के लिए एनओसी की आवश्यकता नहीं

मुख्यमंत्री ने बताया कि जिन व्यक्तियों के पास 31 जुलाई, 2024 तक अवैध कॉलोनी में 500 वर्ग गज तक के प्लॉट के लिए पावर ऑफ अटॉर्नी, स्टांप पेपर पर बिक्री समझौता या कोई अन्य दस्तावेज़ होगा,

उन्हें रजिस्ट्री के लिए एनओसी की आवश्यकता नहीं होगी।

उन्होंने कहा, “कुछ कॉलोनाइजर अवैध तरीके से धन इकट्ठा करते हैं,

लेकिन इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है।

पिछली सरकारों के दौरान अवैध कॉलोनियों की वृद्धि हुई,

क्योंकि उन शासकों ने इन अवैध कॉलोनाइज़र्स को संरक्षण दिया।”

मुख्यमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि यह कानून उन लाखों लोगों के लिए राहत का कारण बनेगा,

जिन्होंने अपनी मेहनत की कमाई अवैध कॉलोनियों में लगाई है।

“इन भोले-भाले लोगों ने अपने सपनों के घर बनाने के लिए पैसा लगाया,

लेकिन अवैध कॉलोनियों की वजह से वे कठिनाइयों में फंस गए,” उन्होंने कहा।

यह निर्णय न केवल प्रशासनिक सुधार का प्रतीक है,

बल्कि यह पंजाब के नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा का भी एक महत्वपूर्ण कदम है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार आम आदमी के कल्याण को प्राथमिकता देती है

और इस कानून के जरिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि लोग अपने हक को पा सकें।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी नागरिकों से अपील की कि वे इस नई व्यवस्था का लाभ उठाएं और अपने अधिकारों की रक्षा करें।

पंजाब में अवैध खनन पर लगाम: मंत्री गोयल का ‘जीरो सहनशीलता’ मंत्र!

Illegal Mining :  पंजाब के खनन और भू-विज्ञान मंत्री Barinder Kumar Goel ने आज अवैध खनन के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश दिया।

पंजाब भवन में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान, उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर किसी अधिकारी के अधिकार क्षेत्र में अवैध खनन का मामला सामने आया,

तो उस अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

Barinder Kumar Goel : Illegal Mining को रोकने के लिए की गई कार्रवाई

मंत्री गोयल ने मुख्यालय और जिला अधिकारियों से अवैध खनन को रोकने के लिए की गई कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट हर 15 दिन में सरकार को भेजने का निर्देश दिया।

उन्होंने कहा, “हम अवैध खनन के खिलाफ ‘जीरो सहनशीलता’ की नीति अपनाए हुए हैं।

” यह नीति मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के आदेशों के तहत लागू की गई है।

उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है

और कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

बैठक में मंत्री ने अधिकारियों से संवाद करने और उनकी समस्याओं को प्राथमिकता पर निपटाने की भी अपील की।

उन्होंने जोर दिया कि लोगों को उचित दरों पर रेत की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए ताकि राज्य सरकार का राजस्व बढ़ सके।

मंत्री गोयल ने कहा, “हमारे राज्य के प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा और लोगों के हितों की रक्षा हमारी प्राथमिकता है।

अवैध खनन की घटनाओं को रोकना जरूरी है, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए ये संसाधन सुरक्षित रहें।”

बैठक में खनन और भू-विज्ञान विभाग के निदेशक

बैठक में खनन और भू-विज्ञान विभाग के निदेशक अभिजीत कपलिश, मुख्य अभियंता डॉ. हरिंदरपाल सिंह बेदी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

इस अवसर पर, मंत्री ने अधिकारियों को अवैध खनन रोकने के लिए आवश्यक उपायों को लागू करने का निर्देश दिया।

उन्होंने बताया कि पिछले कुछ महीनों में कई जगहों पर अवैध खनन की गतिविधियों की शिकायतें मिली हैं।

ऐसे मामलों में किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

मंत्री ने कहा, “हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि खनन उद्योग पारदर्शी और जिम्मेदार हो।”

बरिंदर कुमार गोयल ने यह भी कहा कि अगर अवैध खनन की शिकायतें बढ़ती हैं,

तो उन संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी, जो अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में असफल होते हैं।

राज्य सरकार का यह प्रयास न केवल खनन उद्योग को सुरक्षित और नियंत्रित रखने के लिए है,

बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण और समुदाय के विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है।

सीजन 2024-25: पंजाब सरकार की धान खरीद मुहिम तेज!

Punjab News : पंजाब सरकार धान खरीद सीजन 2024-25 को सफल बनाने के लिए पूरी तरह से तत्पर है।

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में, खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले मंत्री लाल चंद कटारूचक्क ने आज अनाज भवन में हुई समीक्षा बैठक में खरीद कार्यों का विस्तृत जायजा लिया।

मंत्री ने स्पष्ट किया कि किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

Punjab News : पंजाब की मंडियों में प्रतिदिन

इस बैठक में अधिकारियों ने बताया कि धान की खरीद युद्ध स्तर पर जारी है, और हर दिन इस प्रक्रिया में तेजी लाई जा रही है।

उन्होंने बताया कि इस वर्ष कटाई का मौसम एक हफ्ता पीछे चल रहा है,

लेकिन इसके बावजूद, अब तक लगभग 38.41 लाख मीट्रिक टन धान की आमद हो चुकी है।

पंजाब की मंडियों में प्रतिदिन 4.88 लाख मीट्रिक टन धान की आमद हो रही है,

जबकि अब तक 10.25 लाख मीट्रिक टन धान की लिफ्टिंग की जा चुकी है।

मंत्री ने बताया कि किसानों के खातों में 5600 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जारी की जा चुकी है।

पिछले साल की तुलना में इस वर्ष की खरीद और लिफ्टिंग की गति बेहतर है।

पिछले साल जहां धान की आमद 38 लाख मीट्रिक टन थी, लिफ्टिंग का आंकड़ा मात्र 10 लाख मीट्रिक टन था,

और किसानों को 5066 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई थी।

सरकार के साथ सहयोग का आश्वासन

इस साल, हालांकि फसल की आमद मालवा क्षेत्र में कुछ कम है, लेकिन मिल मालिकों ने सरकार के साथ सहयोग का आश्वासन दिया है।

जैसे-जैसे धान की आमद बढ़ेगी, खरीद की गति भी तेज होगी।

मंत्री ने बताया कि कुल 5037 मिलों में से 3297 ने पंजीकरण के लिए आवेदन दिए हैं, जिनमें से 2670 को आवंटित किया जा चुका है।

मंत्री लाल चंद कटारूचक्क ने किसानों, मिल मालिकों, आढ़तियों और मजदूरों के सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया।

उन्होंने कहा, “हम सभी को मिलकर इस खरीद सीजन को सफल बनाना है।

” बैठक में खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव विकास गर्ग, निदेशक पुनीत गोयल, जॉइंट डायरेक्टर अजय वीर सिंह सराओ और जनरल मैनेजर (वित्त) सर्वेश कुमार भी मौजूद थे।

पंजाब सरकार की यह पहल न केवल किसानों की आय बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगी,

बल्कि यह कृषि क्षेत्र में स्थिरता और विकास को भी प्रोत्साहित करेगी।

पंजाब सरकार का शिक्षा महाकुंभ: भगवंत सिंह मान का वादा, छात्रों की तकदीर बदलेगा स्मार्ट स्कूल!

Bhagwant Mann Education Decision : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा है कि राज्य सरकार का प्रमुख उद्देश्य छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना है, जिससे उनकी तकदीर बदल सके।

मुख्यमंत्री ने आज यहां माल रोड पर स्थित शहीद मेजर रविइंदर सिंह संधू सरकारी कन्या सीनियर सेकेंडरी स्मार्ट स्कूल की नई इमारत का उद्घाटन करते हुए यह बात कही।

Bhagwant Mann Education Decision : स्कूल भवन का निर्माण 11 करोड़ रुपये की लागत से

मुख्यमंत्री मान ने बताया कि इस नए स्कूल भवन का निर्माण 11 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है,

जिसमें स्मार्ट क्लासरूम, साइंस लैब, कंप्यूटर लैब, लाइब्रेरी सहित 73 कमरे शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि यह स्कूल बठिंडा में लड़कियों का सबसे बड़ा और इकलौता स्कूल है,

जहां वर्तमान में 2200 छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रही हैं।

उन्होंने कहा, “पहले माता-पिता सरकारी स्कूलों पर विश्वास नहीं करते थे,

लेकिन अब ये स्कूल शिक्षा के मंदिर बन गए हैं।

आज बड़ी संख्या में छात्र कॉन्वेंट स्कूलों से सरकारी स्कूलों में दाखिला ले रहे हैं।”

मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की पांच प्रमुख प्राथमिकताओं का उल्लेख करते हुए कहा

कि स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली, पानी और बुनियादी ढांचे को सर्वोच्च महत्व दिया जा रहा है।

भगवंत सिंह मान ने कहा, “हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं

कि छात्रों की भलाई के लिए सरकारी स्कूलों में बेहतर शैक्षिक प्रथाएं अपनाई जाएं।”

72 होनहार प्राइमरी अध्यापकों को फिनलैंड में पेशेवर प्रशिक्षण

पंजाब सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में की गई अन्य पहलों का उल्लेख करते हुए,

उन्होंने बताया कि 202 प्रिंसिपलों और शिक्षा अधिकारियों के छह बैच को नेतृत्व विकास कार्यक्रम के लिए सिंगापुर भेजा गया है।

इसके अतिरिक्त, पिछले सप्ताह 72 होनहार प्राइमरी अध्यापकों को फिनलैंड में पेशेवर प्रशिक्षण के लिए भेजा गया था।

मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि पंजाब के छात्र विश्व स्तरीय शिक्षा प्राप्त करें

और हर क्षेत्र में देश का नाम रोशन करें।

” उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार ने स्कूल शिक्षा विभाग में 10 वर्षों से अधिक समय से कार्यरत 12,316 योग्य कर्मचारियों को नियमित किया है

और अप्रैल 2022 से अब तक 10,361 अध्यापकों की भर्ती की जा चुकी है।

भगवंत सिंह मान ने बताया कि स्कूल की सुरक्षा और साफ-सफाई के लिए लगभग 82 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि कुल 118 सरकारी स्कूलों को “स्कूल ऑफ एमिनेंस” के रूप में तब्दील किया जा रहा है

और सभी सरकारी स्कूलों में हाई-स्पीड फाइबर वाई-फाई इंटरनेट कनेक्शन के लिए 29.3 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है।

मुख्यमंत्री ने छात्रों को मुफ्त यूनिफॉर्म प्रदान करने के लिए 35 करोड़ रुपये का बजट जारी करने की जानकारी दी

और बताया कि सरकारी स्कूलों के सभी छात्रों को यूनिफॉर्म वितरित की जा चुकी हैं।

भगवंत सिंह मान ने इस मौके पर एक स्पष्ट संदेश दिया कि शिक्षा के क्षेत्र में सरकार की ये पहलकदमी केवल छात्रों की तकदीर ही नहीं,

बल्कि पूरे पंजाब का भविष्य संवारने का कार्य करेगी।

अब देखना यह है कि ये प्रयास पंजाब की शिक्षा प्रणाली को कितनी ऊँचाई पर ले जाते हैं।

पंजाब के किसानों के चावल पर मंडराते संकट के बादल: भाजपा की साजिश?

पंजाब विधानसभा के स्पीकर स. कुलतार सिंह संधवां (Kultar Sandhwan) ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है

कि पंजाब के शैलरों से चावल न उठाना भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की साजिश है,

जिसका उद्देश्य राज्य की कृषि को कमजोर करना है।

Kultar Sandhwan : पंजाब के किसान आर्थिक संकट में फंसे

अनाज मंडी टांडा के दौरे पर पहुंचे स्पीकर ने स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार ने न केवल चावल की लिफ्टिंग में देरी की है,

बल्कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी देने में भी असफल रही है,

जिससे पंजाब के किसान आर्थिक संकट में फंसे हुए हैं।

उनका कहना है कि यह स्थिति किसानों के लिए अत्यंत चिंताजनक है और इस पर तुरंत कार्रवाई की आवश्यकता है।

स. संधवां ने मंडी में धान की लिफ्टिंग का काम

स. संधवां ने मंडी में धान की लिफ्टिंग का काम करते हुए कहा, “किसानों, मिल मालिकों, आढ़तियों और मजदूरों के सहयोग से फसल की खरीद, लिफ्टिंग और भुगतान में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं आने दी जाएगी।

” उन्होंने आश्वासन दिया कि सभी संभावित उपाय किए जाएंगे

ताकि किसानों को उनके हक का भुगतान समय पर मिल सके।

उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार तीन काले कृषि कानूनों को वापस लेने का बदला लेने के लिए पंजाब के किसानों को परेशान कर रही है।

यह स्पष्ट करते हुए कि यह कोई सामान्य समस्या नहीं है,

उन्होंने कहा कि किसानों के साथ यह अन्याय अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

स्पीकर ने केंद्र सरकार से अपील की कि वह आंकड़ों की राजनीति से हटकर वास्तविकता का सामना करे

और पंजाब की कृषि में योगदान को ध्यान में रखते हुए तुरंत शैलरों से चावल उठाने की प्रक्रिया को तेज करे।

उन्होंने कहा, “केंद्र को चाहिए कि वह किसानों की समस्याओं को समझे और उनका समाधान करे,

न कि उन्हें संकट में डालकर राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश करे।”

पंजाब की कृषि व्यवस्था में सुधार

पंजाब की कृषि व्यवस्था में सुधार लाने के लिए स. संधवां ने राज्य के सभी किसानों से एकजुट होकर इस संकट का सामना करने की अपील की।

उन्होंने कहा, “हम सभी को मिलकर इस साजिश का मुकाबला करना होगा

और यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे किसानों को उनका हक मिले।”

इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है।

क्या केंद्र सरकार किसानों की समस्याओं का समाधान करेगी या फिर यह मामला और भी गंभीर रूप ले लेगा?

यह सब आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा।

इस मुद्दे पर राजनीति गर्माती जा रही है, और सभी की नजरें इस बात पर हैं

कि क्या पंजाब के किसान अपनी आवाज उठाने में सफल होंगे या नहीं।

पंजाब के किसानों की समस्याओं का समाधान और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए अब समय आ गया है कि सभी पक्ष मिलकर काम करें।

हरियाणा में राजनीति का नया मोड़: भाजपा विधायक दल की बैठक से तय होंगे स्पीकर के नाम!

Haryana : हरियाणा मुख्यमंत्री आवास पर आज शाम 5 बजे भाजपा विधायक दल की महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है।

इस बैठक में मुख्यमंत्री नायब सैनी और प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली की मौजूदगी में विधानसभा स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के नामों पर चर्चा की जाएगी।

सूत्रों के अनुसार, बैठक में सर्वसम्मति से नाम तय किए जाने की उम्मीद है,

ताकि 25 अक्तूबर को विधानसभा सत्र के दौरान इन दोनों पदों पर चुनाव किए जा सकें।

Haryana : राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज

स्वच्छता की लहर: मंत्री ने सफाई अभियान से किया जालंधर को जागरूक!

विधानसभा की इस महत्वपूर्ण बैठक से पहले राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है।

इस बैठक का मुख्य उद्देश्य न केवल स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के नामों पर सहमति बनाना है,

बल्कि पार्टी के भीतर की एकता और सामंजस्य को भी बनाए रखना है।

मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इस बैठक को लेकर कहा है कि सभी विधायकों को अपनी राय रखने का पूरा अवसर मिलेगा

और निर्णय पार्टी के सामूहिक हित में लिए जाएंगे।

इस बीच, परिवहन मंत्री अनिल विज ने भी अपने विभाग को ऊंचा उठाने का संकल्प लिया है।

उन्होंने कहा कि विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।

“सभी कर्मचारियों को न्याय मिलेगा। यदि किसी भी कर्मचारी को कोई परेशानी है, तो वह मुझसे मिल सकता है,

” अनिल विज ने कहा। उनके मंत्री बनने पर परिवहन विभाग के सभी कर्मचारियों में खुशी की लहर देखने को मिल रही है।

सभी की नजरें तय किए जाने वाले नामों पर

इस बैठक के चलते राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। विधायक दल के सदस्य अब इस चर्चा को लेकर अपनी राय बना रहे हैं

और सभी की नजरें तय किए जाने वाले नामों पर हैं।

क्या भाजपा इस बार भी अपना प्रभाव बनाए रखेगी? क्या स्पीकर पद के लिए नए चेहरे सामने आएंगे?

इन सवालों के जवाब इस बैठक में मिल सकते हैं।

हरियाणा की राजनीति में यह बैठक न केवल वर्तमान विधानसभा सत्र के लिए महत्वपूर्ण है,

बल्कि भविष्य में पार्टी के कार्यों और नीतियों पर भी प्रभाव डालेगी। मुख्यमंत्री नायब सैनी की कोशिश है

कि वे अपने कार्यकाल के दौरान एक मजबूत और सक्षम विधानसभा का नेतृत्व कर सकें।

जैसे ही बैठक शुरू होगी, राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ जाएगी।

भाजपा विधायक दल की यह बैठक न केवल पार्टी के अंदर के समीकरणों को समझने में मदद करेगी,

बल्कि यह भी स्पष्ट करेगी कि Haryana में भाजपा का राजनीतिक भविष्य कैसा रहेगा।

बहरहाल, इस बैठक की तैयारियों के बीच हरियाणा की जनता भी इस महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम की ओर ध्यान केंद्रित कर रही है।

विधानसभा सत्र के दौरान किए जाने वाले चुनावों के परिणामों का असर आने वाले दिनों में हरियाणा की राजनीति में साफ तौर पर दिखाई देगा।

स्वच्छता की लहर: मंत्री ने सफाई अभियान से किया जालंधर को जागरूक!

पंजाब के स्थानीय निकाय मंत्री डा. Ravjot Singh ने आज जालंधर से ‘स्वच्छता की लहर’ अभियान की शुरुआत की।

इस 15 दिवसीय सफाई अभियान का उद्देश्य लोगों में सामूहिक जिम्मेदारी के तहत स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाना है।

यह अभियान 24 अक्तूबर से 7 नवंबर तक चलेगा।

Ravjot Singh ने स्वंय सफाई करते हुए कहा

इस मौके पर डा. रवजोत ने स्वंय सफाई करते हुए कहा कि शहर और उसके आसपास के इलाकों को साफ-सुथरा रखने के लिए सभी नागरिकों का योगदान आवश्यक है।

उन्होंने नागरिकों से अपील की कि जैसे वे अपने घरों की सफाई का ध्यान रखते हैं,

उसी प्रकार अपने आस-पास की सफाई के लिए भी प्रयास करें।

उन्होंने बताया कि इस अभियान में पंजाब सरकार का सहयोग प्राप्त करना आवश्यक है ताकि सफाई की यह पहल सफल हो सके।

मुख्यमंत्री की प्रतिबद्धता का जिक्र: Ravjot Singh

डा. रवजोत ने कहा कि इस अभियान के तहत राज्य के नगर निगमों और कौंसिलों के स्टाफ को अपने नियमित काम के साथ-साथ रोजाना एक घंटा अतिरिक्त सफाई के लिए समर्पित किया जाएगा।

उन्होंने पंजाब सरकार की commitment पर भी जोर दिया,

जिसमें साफ पानी, बेहतर सड़कें और प्रभावी सीवरेज सिस्टम जैसी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने की बात की गई।

समुदाय का सहयोग आवश्यक:

मंत्री ने लोगों से बड़ी संख्या में इस अभियान में शामिल होने और इसे एक जन आंदोलन बनाने की अपील की।

उन्होंने आश्वासन दिया कि वह व्यक्तिगत रूप से अभियान की निगरानी करेंगे

और इसे सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे।

पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में ‘आप’ आगामी उप विधानसभा चुनावों में जीत हासिल करेगी।

सफाई कर्मचारियों का उत्साहवर्धन: Ravjot Singh

इस दौरान, डा. रवजोत ने सफाई कर्मचारियों से बातचीत की

और उनका मनोबल बढ़ाने के साथ-साथ उन्हें और अधिक मेहनत करने के लिए प्रेरित किया।

उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारियों की मेहनत की सराहना की जानी चाहिए

और उन्हें शहर की सफाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।

एनजीओ की प्रदर्शनी:

इस अवसर पर एक एनजीओ, जगदम्बे हैंडीक्राफ्ट्स वूमेन वेलफेयर सोसायटी ने वेस्ट मटीरियल से बनी वस्तुओं की प्रदर्शनी लगाई।

मंत्री ने प्रदर्शनी का दौरा किया और एनजीओ की महिलाओं के प्रयासों की प्रशंसा की, जिन्होंने वेस्ट मटीरियल को उपयोगी वस्तुओं में बदलने का प्रयास किया।

उपस्थित अधिकारी:

इस मौके पर पंजाब सफाई कर्मचारी कमिश्नर के चेयरमैन चंदन ग्रेवाल, विधायक रमन अरोड़ा, विशेष सचिव

और डायरेक्टर स्थानीय निकाय गुरप्रीत सिंह खेहरा, जिला योजना समिति के चेयरमैन अमृतपाल सिंह, डिप्टी कमिशनर डा. हिमांशु अग्रवाल,

जालंधर नगर निगम के कमिश्नर गौतम जैन और ज्वाइंट कमिश्नर डा. सुमनदीप कौर भी मौजूद थे।

इस अभियान के माध्यम से पंजाब सरकार ने साफ-सफाई को एक जन आंदोलन बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है,

और यह देखना होगा कि जनता इस पहल में कितनी सक्रियता से भाग लेती है।

गांववालों की सुनवाई: उपायुक्त ने समाधान शिविरों से किया समस्याओं का पटाक्षेप!

उपायुक्त Dr. Yash Garg ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे प्राथमिकता के आधार पर लोगों की समस्याओं का त्वरित समाधान करें।

सरकारी दिशा-निर्देशों के तहत, जिले के चारों ब्लॉकों में समाधान शिविर का आयोजन 22 अक्तूबर से शुरू हो चुका है।

इन शिविरों का उद्देश्य है कि लोग अपनी समस्याएं सीधे अधिकारियों के सामने रख सकें और उन्हें मौके पर ही हल करवा सकें।

जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी श्री राजन सिंगला ने बताया कि ये शिविर विशेष रूप से स्वामित्व योजना से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए आयोजित किए जा रहे हैं।

उन्होंने बताया, “हर कार्य दिवस को हर ब्लॉक के बीडीपीओ कार्यालय पर सुबह 9 से 11 बजे तक समाधान शिविर का आयोजन किया जाएगा।”

ग्रामीणों की समस्याओं पर सीधी सुनवाई

श्री सिंगला ने यह भी जानकारी दी कि आज ब्लॉक रायपुररानी में 3 ग्रामीणों की समस्याएं सुनी गईं,

जिन्हें संबंधित विभागों को त्वरित समाधान के लिए भेजा गया है। “हम सुनिश्चित करेंगे कि हर समस्या का समय पर समाधान हो,” उन्होंने कहा।

Dr. Yash Garg : नियमितता और पारदर्शिता की गारंटी

डीडीपीओ ने बताया कि विशेष रूप से स्वामित्व योजना से संबंधित समस्याओं का समाधान शिविर में प्राथमिकता से किया जाएगा।

“प्रतिदिन शिविर में किए गए कार्यों की रिपोर्ट मुख्यालय पर सीनियर अधिकारियों को भेजी जाएगी।

इसमें किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी,” उन्होंने स्पष्ट किया।

समाधान शिविर में बीडीपीओ, एसईपीओ, ग्राम सचिव, पटवारी और अन्य संबंधित अधिकारी मौके पर मौजूद रहेंगे

ताकि समस्याओं का त्वरित निपटारा किया जा सके।

डाॅ. गर्ग ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे ब्लॉक स्तर पर ग्रामीणों को इन शिविरों के बारे में जागरूक करें,

ताकि अधिक से अधिक लोग अपनी समस्याएं लेकर आ सकें।

Dr. Yash Garg :  ग्रामीण विकास की ओर कदम

इन शिविरों का उद्देश्य है कि लोग अपनी समस्याओं का समाधान सीधे अधिकारियों से प्राप्त कर सकें।

डाॅ. गर्ग ने कहा, “यह महत्वपूर्ण है कि ग्रामीण क्षेत्र के लोग हमारे इन प्रयासों का लाभ उठाएं।

समाधान शिविर में उनकी भागीदारी हमें उनकी समस्याओं को बेहतर ढंग से समझने में मदद करेगी।”

शासन की नई पहल

उपायुक्त ने कहा कि यह शिविर केवल समस्याओं के समाधान के लिए नहीं,

बल्कि सरकार की योजनाओं की जानकारी देने और उनके कार्यान्वयन में भी मदद करेंगे।

“हम चाहते हैं कि लोग हमारे योजनाओं का सही लाभ उठा सकें,” उन्होंने कहा।

आगामी प्रयास और योजनाएं

समाधान शिविरों की यह पहल भविष्य में भी जारी रहेगी, ताकि लोगों की समस्याएं समय पर हल हो सकें

और सरकार की योजनाओं का लाभ सही ढंग से पहुंच सके।

यह कदम न केवल ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान करेगा,

बल्कि उन्हें सरकार की योजनाओं से भी जोड़ने का काम करेगा।

उपायुक्त डाॅ. यश गर्ग के नेतृत्व में यह प्रयास निश्चित रूप से पंचायत स्तर पर शासन

और प्रशासन की तस्वीर को सकारात्मक दिशा में बदलने में सहायक होगा।

हरियाणा का सड़क नेटवर्क: गडकरी जी ने दी सड़कों को सुपरहिट बनाने की मंजूरी!

हरियाणावासियों के लिए एक खास दिन है! केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री Nitin Gadkari ने राज्य में विभिन्न राजमार्गों पर कार्य शुरू करने की मंजूरी दे दी है।

मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह ने बताया कि लगभग एक दर्जन राजमार्गों के निर्माण के लिए Detailed Project Report (DPR) तैयार करने का आदेश भी जारी किया गया है।

मुख्यमंत्री ने नई दिल्ली में श्री गडकरी के साथ हुई बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा

कि हरियाणा का कोई ऐसा जिला नहीं है जहां से चार मार्गीय एक्सप्रेस-वे या ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे न गुजरते हों।

हरियाणा में बेहतरीन अवसंरचना विकसित करने के उद्देश्य से सड़कों का जाल तेजी से बिछाया जा रहा है,

जिससे लोगों के जीवन को सरल बनाया जा सके।

ग्रामीणों की मांग को मिला नया मोड़

मुख्यमंत्री ने फरीदाबाद-जेवर ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण के संबंध में बताया

कि यहां पर एलिवेटेड सेक्शन के निर्माण के लिए आधुनिक डिज़ाइन तैयार किया जाएगा।

मोहना गांव के ग्रामीणों की मांग को पूरा करते हुए इस सड़क पर कनेक्टिविटी बढ़ाई जाएगी।

उन्होंने कहा, “यह परियोजना न केवल स्थानीय लोगों के लिए वरदान साबित होगी, बल्कि यातायात में भी सुधार लाएगी।”

दिल्ली और गुरुग्राम कनेक्टिविटी का नया सिग्नल

इसके साथ ही, दिल्ली के नेल्सन मंडेला मार्ग से एमजी रोड और गुरुग्राम के चौराहे तथा फरीदाबाद रोड तक कनेक्टिविटी को सुनिश्चित करने के लिए भी DPR बनाने के निर्देश दिए गए हैं।

इससे न केवल दिल्ली एयरपोर्ट तक पहुंच आसान होगी,

बल्कि यातायात की भीड़भाड़ को भी कम किया जा सकेगा।

Nitin Gadkari : एक्सप्रेसवे की रफ्तार बढ़ाएगी

दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेसवे के हरियाणा खंड का उद्घाटन जल्द ही किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा, “इस एक्सप्रेसवे के बनने से राज्य के विकास में नई गति आएगी।

” साथ ही, कुरुक्षेत्र बाईपास सहित पिहोवा-कुरुक्षेत्र-यमुनानगर कॉरिडोर का विकास भी प्रमुखता से किया जाएगा।

सड़क परियोजनाओं का बुनियादी ढांचा

मुख्यमंत्री ने बताया कि गुरुग्राम-फर्रुखनगर-झज्जर सड़क का चौड़ीकरण और उन्नयन भी इस बैठक में चर्चा का हिस्सा रहा।

केएमपी और बवाना-सोनीपत हाईवे के जंक्शन पर इंटरचेंज का निर्माण करके केएमपी और यूईआर-2 (दिल्ली) के बीच सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करने पर भी सहमति बनी है।

Nitin Gadkari : लोगों की भलाई के लिए निरंतर प्रयास

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जोर दिया कि हरियाणा सरकार सड़कों के विकास के लिए निरंतर प्रयासरत है।

उन्होंने कहा, “हमें यह सुनिश्चित करना है कि हमारे नागरिकों को बेहतर यातायात सुविधा मिले और सड़क सुरक्षा भी बनी रहे।”

जनता के सहयोग की आवश्यकता

इस बैठक में हरियाणा के लोक निर्माण मंत्री श्री रणबीर गंगवा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री मोहनलाल बडोली और कई अन्य सरकारी अधिकारी भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने सभी से आग्रह किया कि वे सड़क परियोजनाओं के विकास में अपना सहयोग दें

ताकि हरियाणा को एक बेहतर और सुरक्षित सड़क नेटवर्क मिल सके।

हरियाणावासियों के लिए यह समय खुश होने का है,

क्योंकि आने वाले दिनों में उन्हें बेहतर सड़क सेवाओं का लाभ मिलने वाला है।

यह विकास केवल आज के दिन की बात नहीं है,

बल्कि आने वाले समय में हरियाणा के विकास का आधार बनेगा।

 

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