America का THAAD मिशन: Israel की सुरक्षा का Game Changer?

America THAAD mission : एक अत्यधिक उन्नत अमेरिकी मिसाइल रक्षा प्रणाली, इसे संचालित करने के लिए अमेरिकी सैनिकों के साथ, अब इज़राइल में मौजूद होगी। पश्चिम एशिया में हिंसा के लिए इसका क्या मतलब हो सकता है?

अमेरिका इज़राइल को THAAD रक्षा प्रणाली भेजेगा: जब इज़राइल यूएन शांति सैनिकों को लक्षित करने के लिए बढ़ती आलोचना का सामना कर रहा है,

तब अमेरिका ने “इज़राइल की रक्षा के प्रति अपनी मजबूत प्रतिबद्धता” को उजागर करते हुए घोषणा की है

कि वह अपने उन्नत मिसाइल रक्षा प्रणाली THAAD को, साथ ही इसे संचालित करने के लिए सैनिकों के साथ, पश्चिम एशियाई देश इज़राइल भेजेगा।

THAAD का मतलब है “Terminal High-Altitude Area Defense” और यह प्रणाली दुश्मन की मिसाइलों को इंटरसेप्ट और नष्ट करने के लिए उपयोग की जाती है।

अमेरिका के रक्षा विभाग के एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि THAAD “इज़राइल की हवाई रक्षा को मजबूत करने में मदद करेगा,

विशेष रूप से ईरान के इज़राइल पर 13 अप्रैल और 1 अक्टूबर को किए गए अप्रत्याशित हमलों के बाद…

यह कार्रवाई संयुक्त राज्य अमेरिका की इज़राइल की रक्षा के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता

और इज़राइल में अमेरिकियों को ईरान द्वारा संभावित बैलिस्टिक मिसाइल हमलों से बचाने के लिए है।”

America THAAD mission : THAAD क्या है?

एक THAAD बैटरी में 95 सैनिक, छह ट्रक-माउंटेड लॉन्चर, 48 इंटरसेप्टर्स (प्रत्येक लॉन्चर में आठ),

रडार निगरानी और एक सामरिक अग्नि घटक शामिल होते हैं,

जैसा कि अमेरिका की कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस के एक दस्तावेज़ में कहा गया है।

THAAD “शॉर्ट-रेंज (1,000 किमी तक), मीडियम-रेंज (1,000–3,000 किमी),

और सीमित इंटरमीडिएट-रेंज (3,000–5,000 किमी) बैलिस्टिक मिसाइल खतरों के खिलाफ तेजी से तैनाती योग्य क्षमता प्रदान करता है,

जो वायुमंडल के अंदर या बाहर उनके अंतिम (टर्मिनल) उड़ान चरण के दौरान,” दस्तावेज़ में कहा गया है।

“हिट-टू-किल” तकनीक का उपयोग करके खतरे वाली मिसाइलों को नष्ट करने के लिए THAAD एक बड़े क्षेत्र की रक्षा कर सकता है,

जो पुराने पैट्रियट एयर और मिसाइल डिफेंस सिस्टम की तुलना में अधिक प्रभावी है।

इसे लॉकहीड मार्टिन कॉर्पोरेशन द्वारा विकसित किया गया है।

इज़राइल को THAAD भेजने का महत्व:

अमेरिका के रक्षा विभाग के प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, यह निर्णय “हाल के महीनों में इज़राइल की रक्षा का समर्थन करने

और अमेरिका के नागरिकों को ईरान और ईरान से जुड़े मिलिशिया के हमलों से बचाने के लिए अमेरिकी सेना द्वारा किए गए व्यापक समायोजनों का हिस्सा है।”

इसका मतलब है कि एक अत्याधुनिक अमेरिकी रक्षा प्रणाली,

साथ ही “अमेरिकी सैन्य कर्मियों की एक सहायक टीम,” सीधे इज़राइल में तैनात की जाएगी,

जब पश्चिम एशिया की स्थिति पहले से ही अत्यंत तनावपूर्ण है।

ईरान ने पश्चिम एशियाई संघर्ष में अमेरिका की और अधिक भागीदारी के खिलाफ चेतावनी दी है।

ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने रविवार को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा,

“अमेरिका इज़राइल को रिकॉर्ड मात्रा में हथियार मुहैया करवा रहा है।

अब यह अपने सैनिकों की जान को खतरे में डालते हुए

उन्हें इज़राइल में अमेरिकी मिसाइल सिस्टम संचालित करने के लिए तैनात कर रहा है।

जबकि हमने हाल के दिनों में हमारे क्षेत्र में एक व्यापक युद्ध को नियंत्रित करने के लिए अद्भुत प्रयास किए हैं,

मैं स्पष्ट कहता हूं कि हमारे लोगों और हितों की रक्षा में हमारे लिए कोई लाल रेखाएं नहीं हैं।”

इज़राइल ने 1 अक्टूबर को ईरान द्वारा किए गए मिसाइल हमले के लिए प्रतिशोध की योजना बनाई है,

और अमेरिका ने संयम बरतने का आग्रह किया है।

इज़राइल में THAAD की तैनाती

इसकी मिसाइल रक्षा प्रणाली की उपस्थिति ईरान के लिए एक निवारक के रूप में कार्य करेगी और इज़राइल को आश्वासन प्रदान करेगी।

अक्टूबर पिछले साल से गाजा युद्ध शुरू होने के बाद से ईरान ने इज़राइल पर दो बार मिसाइलें दागी हैं,

और अमेरिका तथा उसके सहयोगियों ने यहूदी राष्ट्र की रक्षा में मदद की है।

हालांकि, इज़राइल में THAAD की तैनाती एक महत्वपूर्ण कदम है।

उल्लेखनीय है कि यूक्रेन लंबे समय से रूस के खिलाफ अपनी रक्षा के लिए एक THAAD बैटरी की मांग कर रहा है,

लेकिन इसे अस्वीकृत किया गया है।

America THAAD mission : PATRIOT के निर्यात मॉडल की लागत

THAAD का उपयोग करना न केवल बहुत महंगा है,

बल्कि इसे संचालित करने के लिए प्रशिक्षित अमेरिकी कर्मियों की भी आवश्यकता होती है।

यूरोपियन सेक्योरिटी एंड डिफेंस के एक लेख के अनुसार, “PATRIOT के निर्यात मॉडल की लागत लगभग 1 अरब USD होने का अनुमान है,

जबकि एक THAAD बैटरी की कीमत लगभग 2.5 अरब USD होने का अनुमान है।

” इज़राइल के पास पहले से ही एक उन्नत, बहु-स्तरीय हवाई रक्षा प्रणाली है,

और THAAD इसे काफी मजबूत करता है। हालांकि, ईरान के पास एक लाभ है —

वह मिसाइलें दागने में इज़राइल और अमेरिका की तुलना में बहुत कम खर्च करता है।

 

MSP Hike: दिवाली से पहले किसानों को मोदी सरकार का बड़ा तोहफा!

MSP Hike : केंद्र सरकार ने रबी फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी की है,

जिससे किसानों की आय बढ़ेगी और रबी सीजन में प्रमुख फसलों की खेती को बढ़ावा मिलेगा।

MSP Hike :  नए MSP दरें 

पंजाब पंचायत चुनाव: Kulwant Singh ने सरपंचों को दिया विकास का आश्वासन

गेहूं: 2425 रुपये प्रति क्विंटल (150 रुपये की बढ़ोतरी)

सरसों: 5950 रुपये प्रति क्विंटल (300 रुपये की बढ़ोतरी)

चना: 5650 रुपये प्रति क्विंटल (210 रुपये की बढ़ोतरी)

मसूर: 6700 रुपये प्रति क्विंटल (275 रुपये की बढ़ोतरी)

सैफ्लॉवर: 5940 रुपये प्रति क्विंटल (140 रुपये की बढ़ोतरी)

लाभ:

किसानों को उनकी फसलों के लिए बेहतर मूल्य मिलेगा।

किसानों की आय में सुधार होगा।

आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

यह फैसला किसानों के कल्याण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) सरकार द्वारा तय की गई एक मूल्य है जिस पर वह किसानों से उनकी फसलें खरीदती है।

इसका उद्देश्य फसल की कीमतों में उतार-चढ़ाव से किसानों को सुरक्षा प्रदान करना है, ताकि वे आर्थिक संकट से बच सकें।

 नए MSP दरें 

गेहूं: 2425 रुपये प्रति क्विंटल (150 रुपये की बढ़ोतरी)

सरसों: 5950 रुपये प्रति क्विंटल (300 रुपये की बढ़ोतरी)

चना: 5650 रुपये प्रति क्विंटल (210 रुपये की बढ़ोतरी)

मसूर: 6700 रुपये प्रति क्विंटल (275 रुपये की बढ़ोतरी)

सैफ्लॉवर: 5940 रुपये प्रति क्विंटल (140 रुपये की बढ़ोतरी)

किसानों को उनकी फसलों के लिए बेहतर मूल्य मिलेगा।

किसानों की आय में सुधार होगा।

आर्थिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी।

यह फैसला किसानों के कल्याण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) सरकार द्वारा तय की गई एक मूल्य है जिस पर वह किसानों से उनकी फसलें खरीदती है।

इसका उद्देश्य फसल की कीमतों में उतार-चढ़ाव से किसानों को सुरक्षा प्रदान करना है, ताकि वे आर्थिक संकट से बच सकें।

पंजाब में कल 17 अक्टूबर को महर्षि वाल्मिकी जयंती के अवसर पर छुट्टी घोषित

Maharishi Valmiki Jayanti : पंजाब सरकार ने महर्षि वाल्मिकी जयंती के उपलक्ष्य में 17 अक्टूबर को राज्य के सभी स्कूलों,

कॉलेजों और सरकारी कार्यालयों में छुट्टी की घोषणा की है।

करवा चौथ 2024 – सरगी से लेकर पूजा तक, जानिए शुभ मुहूर्त और व्रत की खास बातें!

Maharishi Valmiki Jayanti : 17 अक्टूबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित

यह छुट्टी पंचायत चुनाव के बाद की घोषणा है।

इस अवसर पर सभी शैक्षिक संस्थान और सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे।

यह छुट्टी महर्षि वाल्मिकी के सम्मान और उनके योगदान को याद करने के लिए है।

पंजाब सरकार ने महर्षि वाल्मिकी जयंती के उपलक्ष्य में 17 अक्टूबर को राज्य के सभी स्कूलों,

कॉलेजों और सरकारी कार्यालयों में छुट्टी की घोषणा की है।

यह छुट्टी पंचायत चुनाव के बाद की घोषणा है।

इस अवसर पर सभी शैक्षिक संस्थान और सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे।

यह छुट्टी महर्षि वाल्मिकी के सम्मान और उनके योगदान को याद करने के लिए है।

Maharishi Valmiki Jayanti : पंजाब सरकार ने महर्षि वाल्मिकी जयंती के उपलक्ष्य में 17 अक्टूबर को राज्य के सभी स्कूलों,

कॉलेजों और सरकारी कार्यालयों में छुट्टी की घोषणा की है।

यह छुट्टी पंचायत चुनाव के बाद की घोषणा है।

इस अवसर पर सभी शैक्षिक संस्थान और सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे।

यह छुट्टी महर्षि वाल्मिकी के सम्मान और उनके योगदान को याद करने के लिए है।

जलालाबाद की अनीशा रानी: हरियाणा Judicial Services परीक्षा में सफलता की नई मिसाल

जलालाबाद की Anisha Rani ने हरियाणा Judicial Services परीक्षा में सफलता हासिल कर जज बनने का सपना पूरा किया है।

यह उनका तीसरा प्रयास था और उन्होंने 55वीं रैंक हासिल की।

अनीशा की कहानी प्रेरणादायक है, जिन्होंने मध्यमवर्गीय परिवार से उठकर यह मुकाम हासिल किया।

Anisha Rani : संघर्ष के बारे में

अनीशा ने अपने संघर्ष के बारे में बताया कि उनके पिता एक वर्कशॉप में काम करते थे  और उनके पास केवल दो किल्ले जमीन थी।

उनके पिता को ब्रेन हेम्रेज होने के बाद, उन्हें और उनके भाई को खेती करनी पड़ी।

इसके बावजूद, उन्होंने पढ़ाई जारी रखी और कड़ी मेहनत से इस मुकाम तक पहुंचे।

Judicial Services परीक्षा में सफलता हासिल

अब Neha Kakkar निहंग सिंहों के निशाने पर, दे डाली ये चेतावनी !

अनीशा की सफलता ने उनके परिवार और समाज को गौरवान्वित किया है।

उनकी कहानी यह साबित करती है कि कड़ी मेहनत, दृढ़ संकल्प और संघर्ष से कोई भी अपने सपनों को पूरा कर सकता है।

अनीशा रानी ने युवाओ को सन्देश दिया है की मेहनत और संघर्ष करने से कभी घबराना नही चाहिए

हमे निरंतर अपने लक्ष्य पर अडिंग रहना चाहिए।

हमेशा अपने सपनो को पूरा करने के लिए मेहनत और लगन से मुकाम हासिल करना चाहिए |

जलालाबाद की Anisha Rani ने हरियाणा Judicial Services परीक्षा में सफलता हासिल कर जज बनने का सपना पूरा किया है।

यह उनका तीसरा प्रयास था और उन्होंने 55वीं रैंक हासिल की।

अनीशा की कहानी प्रेरणादायक है, जिन्होंने मध्यमवर्गीय परिवार से उठकर यह मुकाम हासिल किया।

संघर्ष के बारे में

अनीशा ने अपने संघर्ष के बारे में बताया कि उनके पिता एक वर्कशॉप में काम करते थे  और उनके पास केवल दो किल्ले जमीन थी।

उनके पिता को ब्रेन हेम्रेज होने के बाद, उन्हें और उनके भाई को खेती करनी पड़ी।

इसके बावजूद, उन्होंने पढ़ाई जारी रखी और कड़ी मेहनत से इस मुकाम तक पहुंचे।

अनीशा की सफलता ने उनके परिवार और समाज को गौरवान्वित किया है।

उनकी कहानी यह साबित करती है कि कड़ी मेहनत, दृढ़ संकल्प और संघर्ष से कोई भी अपने सपनों को पूरा कर सकता है।

अनीशा रानी ने युवाओ को सन्देश दिया है की मेहनत और संघर्ष करने से कभी घबराना नही चाहिए

हमे निरंतर अपने लक्ष्य पर अडिंग रहना चाहिए।

हमेशा अपने सपनो को पूरा करने के लिए मेहनत और लगन से मुकाम हासिल करना चाहिए |

Punjab Government का मुलाजिमों को दिवाली तोहफ़ा

Punjab Government ने त्योहारी सीजन के मद्देनजर दर्जा-4 कर्मचारियों के लिए एक बड़ा तोहफा पेश किया है!

इस स्कीम के तहत, अब ये कर्मचारी बिना ब्याज के 10 हजार रुपए तक का कर्जा ले सकते हैं।

यह कर्जा 2024-25 के दौरान मिलेगा और 5 महीने में इसे वसूल कर लिया जाएगा।

पहले किस्त की वसूली नवंबर महीने की तनख्वाह से होगी।

नायब सिंह सैनी होंगे मुख्यमंत्री हरियाणा, अमित शाह ने लगाए मोहर

Punjab Government : रैगुलर दर्जा-4 कर्मचारियों को मिलेगा

इस योजना का लाभ सिर्फ रैगुलर दर्जा-4 कर्मचारियों को मिलेगा।

वर्कचार्जड और कच्चे कर्मचारियों को इस स्कीम के तहत कर्जा नहीं मिलेगा।

डिसबर्सिंग अफसर इस कर्ज की मंजूरी देने से पहले यह सुनिश्चित करेंगे कि कर्मचारी सेवा में बने रहें

और कर्जा सुरक्षित तरीके से वसूला जा सके।

त्योहारों के मौसम में, जब वरिष्ठ अधिकारी खरीदारी करते हैं,

तो दर्जा-4 कर्मचारी अपनी आर्थिक स्थिति को लेकर अक्सर असहज महसूस करते हैं।

इसे ध्यान में रखते हुए पंजाब सरकार ने इस ‘फेस्टिवल लोन स्कीम’ की शुरुआत की है,

ताकि कर्मचारी भी त्योहारों की खुशियों में शामिल हो सकें।

इस योजना का लाभ सिर्फ रैगुलर दर्जा-4 कर्मचारियों को मिलेगा।

वर्कचार्जड और कच्चे कर्मचारियों को इस स्कीम के तहत कर्जा नहीं मिलेगा।

डिसबर्सिंग अफसर इस कर्ज की मंजूरी देने से पहले यह सुनिश्चित करेंगे कि कर्मचारी सेवा में बने रहें

और कर्जा सुरक्षित तरीके से वसूला जा सके।

त्योहारों के मौसम में, जब वरिष्ठ अधिकारी खरीदारी करते हैं,

तो दर्जा-4 कर्मचारी अपनी आर्थिक स्थिति को लेकर अक्सर असहज महसूस करते हैं।

इसे ध्यान में रखते हुए पंजाब सरकार ने इस ‘फेस्टिवल लोन स्कीम’ की शुरुआत की है,

ताकि कर्मचारी भी त्योहारों की खुशियों में शामिल हो सकें।

नायब सिंह सैनी होंगे मुख्यमंत्री हरियाणा, अमित शाह ने लगाए मोहर

Nayab Singh Saini  : हरियाणा में नए मुख्यमंत्री का फैसला हो चुका है। इसके लिए पंचकूला के पंचकमल ऑफिस में भाजपा की विधायक दल की मीटिंग जारी है।

केंद्रीय नेतृत्व के ऑब्जर्वर गृह मंत्री अमित शाह और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव भी बैठक में शामिल हैं।

अमित शाह ने नायब सिंह सैनी को हरियाणा का मुख्यमंत्री चेहरा घोषित कर दिया है।

Lawrence और Salman की सुलह की कोशिश – शहजाद भट्टी की हुई ENTRY!

अनिल विज की दावेदारी: Nayab Singh Saini  

अनिल विज ने भी वरिष्ठता का हवाला देकर मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी पेश की थी।

हालांकि, मीटिंग में पहुंचे विज ने स्पष्ट किया कि उनकी कोई दावेदारी नहीं है

और पार्टी का जो भी फैसला होगा, वह उसे स्वीकार करेंगे।

Nayab Singh Saini  : हरियाणा में नए मुख्यमंत्री का फैसला हो चुका है। इसके लिए पंचकूला के पंचकमल ऑफिस में भाजपा की विधायक दल की मीटिंग जारी है।

केंद्रीय नेतृत्व के ऑब्जर्वर गृह मंत्री अमित शाह और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव भी बैठक में शामिल हैं।

अमित शाह ने नायब सिंह सैनी को हरियाणा का मुख्यमंत्री चेहरा घोषित कर दिया है।

अनिल विज की दावेदारी 

अनिल विज ने भी वरिष्ठता का हवाला देकर मुख्यमंत्री पद के लिए अपनी दावेदारी पेश की थी।

हालांकि, मीटिंग में पहुंचे विज ने स्पष्ट किया कि उनकी कोई दावेदारी नहीं है

और पार्टी का जो भी फैसला होगा, वह उसे स्वीकार करेंगे।

Khushwant Singh Litfest : भारत-पाक संबंधों के नवीनीकरण की नई आशा

Khushwant Singh Litfest: खुशवंत सिंह लिटफेस्ट के निदेशक राहुल सिंह ने आज यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया

कि इस वर्ष के लिटफेस्ट का उद्देश्य भारत-पाक संबंधों में नवीनीकरण की आवश्यकता को रेखांकित करना है।

यह महोत्सव 18 से 20 अक्टूबर, 2024 तक कसौली में आयोजित होगा।

राहुल ने कहा कि पड़ोसी देशों के बीच सांस्कृतिक और सामाजिक निकटता को पुनर्जीवित करने के लिए एक नई पहल की आवश्यकता है।

Khushwant Singh Litfest : ट्रेन टू पाकिस्तान” का जिक्र करते हुए

राहुल सिंह ने अपने पिता, प्रसिद्ध लेखक खुशवंत सिंह के महाकाव्य उपन्यास “ट्रेन टू पाकिस्तान” का जिक्र करते हुए कहा

कि इस तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों से दोनों देशों के बीच की बर्फ पिघल सकती है।

उन्होंने बताया कि लिटफेस्ट का 13वां संस्करण स्थिरता और नवीनीकरण के विषय पर आधारित होगा,

जो वर्तमान समय की जटिलताओं को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।

राहुल ने कहा, “इस वर्ष के लिटफेस्ट में भाग लेने वाले प्रमुख वक्ताओं में विलियम डालरिम्पल, इम्तियाज अली, अरुंधति सुब्रहमण्यम, एल. सुब्रमणियम, अमिताभ कांत, अनिंद्य रॉय, देवदत्त पट्टनायक और मनीष तिवारी, सांसद शामिल होंगे।

” उन्होंने कहा कि इस महोत्सव में साहित्य, संस्कृति और विचारों का समागम होगा,

जो खुशवंत सिंह के मूल्यों और दृष्टि को समर्पित है।

लिटफेस्ट में शामिल होने वाले विचारकों का यह समूह न केवल साहित्यिक प्रतिभाओं का प्रतिनिधित्व करेगा,

बल्कि सामाजिक मुद्दों पर भी प्रकाश डालेगा।

राहुल ने कहा, “हम चाहते हैं कि इस महोत्सव के माध्यम से लोग एक-दूसरे से जुड़ें और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा दें।”

कॉर्पोरेट सहयोग और इको-फ्रेंडली पहल

राहुल सिंह ने इस बात पर भी जोर दिया कि इस महोत्सव का आयोजन कॉर्पोरेट सहायता के बिना संभव नहीं है।

उन्होंने वियानार समूह का आभार व्यक्त किया, जो इस लिटफेस्ट की इको-फ्रेंडली पहल को समर्थन दे रहा है।

शीतल चड्ढा, वियानार समूह की निदेशक (सेल्स), ने कहा कि उनका समूह पर्यावरण और बाल शिक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने बताया कि खुशवंत सिंह लिटफेस्ट का आयोजन न केवल साहित्य की शक्ति का उत्सव है,

बल्कि यह उन मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित करता है जो हमारे समाज में महत्वपूर्ण हैं।

इस महोत्सव के माध्यम से महिलाओं की भूमिका, भारत-पाक संबंधों में सुधार और पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाई जाएगी।

Khushwant Singh Litfest : लिटफेस्ट का इतिहास और महत्व

खुशवंत सिंह लिटफेस्ट का आयोजन 13 साल पहले कसौली में शुरू हुआ था, जहां खुशवंत सिंह अपने विचारों को साझा करते थे।

खुशवंत सिंह, जो भारत के सबसे अधिक पढ़े जाने वाले अंग्रेजी स्तंभकारों में से एक थे,

ने 17 भारतीय भाषाओं में अपने लेखन को प्रकाशित किया और उनके नाम पर 150 से अधिक पुस्तकें हैं।

राहुल ने बताया कि यह लिटफेस्ट नॉन-प्रॉफिट है,

जिसका लाभ कसौली और उसके आसपास के क्षेत्रों के संरक्षण और बालिका शिक्षा में पुनर्निवेश किया जाता है।

उन्होंने कहा, “यह हमारे समाज के लिए एक सकारात्मक कदम है और हमें गर्व है कि हम इस कार्य का हिस्सा हैं।”

20 मार्च 2014 को निधन हुआ

खुशवंत सिंह का 99 साल की उम्र में 20 मार्च 2014 को निधन हुआ,

लेकिन उनके योगदान को सहेजने के लिए लिटफेस्ट का आयोजन जारी है।

कसौली के अलावा, यह लिटफेस्ट लंदन में भी आयोजित होता है,

जिससे उनके विचारों और दृष्टिकोण को वैश्विक स्तर पर साझा किया जा सके।

खुशवंत सिंह लिटफेस्ट न केवल साहित्य और संस्कृति का उत्सव है,

बल्कि यह एक ऐसा मंच है जो भारत और पाकिस्तान के बीच की दूरी को कम करने का प्रयास करता है।

यह महोत्सव न केवल संवाद का एक साधन है,

बल्कि यह सामाजिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित करता है,

जिससे समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने की कोशिश की जाती है।

पंचकूला में PM मोदी के आगमन के लिए Traffic Advisory: शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी

Chandigarh Traffic Advisory : हरियाणा के मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आगमन को लेकर जिला पंचकूला में राज्य पुलिस ने ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की है।

यह कार्यक्रम 17 अक्टूबर को शालीमार ग्राउंड, सेक्टर 5, पंचकूला में आयोजित किया जाएगा।

समारोह के चलते आम जन के लिए कई प्रमुख मार्ग पूरी तरह बंद रहेंगे,

जिससे यातायात प्रबंधन में सहूलियत मिलेगी।

Chandigarh Traffic Advisory : सड़कों को 9 बजे से शाम 3 बजे तक दोनों तरफ से बंद रखा जाएगा

पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि बेला विस्टा/शहीद मेजर संदीप सांखला चौंक, हैफेड चौक सेक्टर 4-5 ट्रैफिक लाइट, तवा चौंक/

शहीद उधम सिंह चौंक सेक्टर 9-10 ट्रैफिक लाइट और शक्ति भवन चौंक/गीता चौंक तक की सभी प्रमुख सड़कों को 16

और 17 अक्टूबर, 2024 को सुबह 9 बजे से शाम 3 बजे तक दोनों तरफ से बंद रखा जाएगा।

इस दौरान इस रूट पर किसी भी प्रकार की आवाजाही पर प्रतिबंध होगा।

पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे वैकल्पिक रास्तों का उपयोग करें।

मीडियाकर्मियों और गणमान्य व्यक्तियों के लिए विशेष प्रबंध

मीडियाकर्मियों के लिए भी समारोह स्थल पर पार्किंग की विशेष व्यवस्था की गई है।

बेला विस्टा चौंक पर पुलिस मुख्यालय कट से बाएं मुड़कर वाटर ट्यूबल के पास स्थित

होटल के सामने पहले नंबर की पार्किंग में मीडियाकर्मियों के वाहनों को पार्क करने की सुविधा दी गई है।

प्रवक्ता ने बताया कि वरिष्ठ आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के लिए भी वाहनों की पार्किंग का विशेष प्रबंध किया गया है।

इसके तहत, बेला विस्टा चौंक पर पुलिस मुख्यालय कट के पास स्थित दूसरे नंबर की पार्किंग एरिया में उनके वाहनों को पार्क करने की व्यवस्था की गई है।

इसके अतिरिक्त, विधायक, सांसद और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की सुविधा के लिए भी पार्किंग की व्यवस्था की गई है।

इन सभी के लिए भी बेला विस्टा चौंक पर पार्किंग का प्रबंध किया गया है,

ताकि उन्हें समारोह में भाग लेने में कोई कठिनाई न हो।

उद्योगपतियों और सरकारी कर्मचारियों के लिए दिशा-निर्देश

सभी उद्योगपतियों को बेला विस्टा चौंक से आगे हैफेड चौक की तरफ बढ़ते हुए,

ट्रैफिक लाइट सेक्टर 4/5 से दाईं तरफ मुड़कर दा काव (The Cove) के सामने पार्किंग एरिया में अपने वाहन पार्क करने की सलाह दी गई है।

सिविल प्रशासन और पुलिस के कर्मचारियों को भी अपनी ड्यूटी के दौरान पार्किंग के लिए बेला विस्टा चौंक से आगे ट्रैफिक

लाइट सेक्टर 4/5 पर इंद्रधनुष सेक्टर 5 पंचकूला की पार्किंग का उपयोग करने के लिए कहा गया है।

यह ट्रैफिक एडवाइजरी सभी नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण है, ताकि समारोह का आयोजन सुचारू रूप से हो सके।

सभी से अनुरोध किया गया है कि वे पुलिस की दिशा-निर्देशों का पालन करें और किसी प्रकार की असुविधा से बचें।

हरियाणा में मुख्यमंत्री का भव्य शपथ ग्रहण समारोह: तैयारी जोरों पर

Haryana New CM Oath Ceremony: हरियाणा के मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण समारोह 17 अक्टूबर को स्थानीय शालीमार ग्राउंड में आयोजित किया जाएगा।

इस भव्य आयोजन के लिए सभी आवश्यक तैयारियां तेजी से की जा रही हैं।

स्थल को समतल किया जा रहा है और टेंट लगाने का कार्य भी चल रहा है।

कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समारोह स्थल का मुआयना किया।

उनके साथ विधायक कृष्ण बेदी, मुख्य सचिव टी वी एस एन प्रसाद, पूर्व सांसद संजय भाटिया और अन्य कई महत्वपूर्ण अधिकारी उपस्थित रहे।

Haryana New CM Oath Ceremony : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा 10 केंद्रीय मंत्री

इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा 10 केंद्रीय मंत्री, विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री, 14 उप मुख्यमंत्री,

राज्यपाल और पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी भी शामिल होंगे।

यह आयोजन न केवल राजनीतिक बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है,

क्योंकि इसमें बड़े पैमाने पर लोगों की भागीदारी होने की संभावना है।

समारोह के सफल आयोजन के लिए शहर का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है।

समारोह स्थल के आस-पास कई स्थानों पर तोरण द्वार लगाए जाएंगे।

इसके साथ ही, उपस्थित लोगों के लिए उचित बैठने की व्यवस्था की जा रही है।

लगभग दो हजार बसों और पांच हजार छोटी गाड़ियों की पार्किंग की व्यवस्था की गई है।

हर विधानसभा क्षेत्र से दो बसें समारोह में भाग लेने के लिए आएंगी, और पार्टी के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता 4500 से अधिक गाड़ियों के साथ आएंगे।

कुल मिलाकर, समारोह में 50,000 से अधिक लोगों के शामिल होने की संभावना है।

14 एलईडी पंडाल लगाए जाएंगे

आम जनता के लिए भी समारोह को खास बनाने के लिए 14 एलईडी पंडाल लगाए जाएंगे,

ताकि दूर से भी लोग शपथ ग्रहण समारोह का लाइव प्रसारण देख सकें।

इससे समारोह की भव्यता और बढ़ जाएगी और अधिक से अधिक लोग इसका हिस्सा बन सकेंगे।

मुख्य सचिव टी वी एस एन प्रसाद ने भी अधिकारियों की बैठक लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

उन्होंने शहर में पानी और अन्य सुविधाओं के उचित प्रबंध की भी बात की है,

ताकि आने वाले लोगों को किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।

यह शपथ ग्रहण समारोह केवल एक राजनीतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि हरियाणा के विकास और समृद्धि का प्रतीक भी है।

इस अवसर पर हरियाणा की नई सरकार की प्राथमिकताएं और विकास योजनाएं भी सामने आएंगी,

जो राज्य के लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का कार्य करेंगी।

समग्र रूप से, यह आयोजन हरियाणा की राजनीतिक और सामाजिक गतिविधियों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा,

और इसकी तैयारी में जुटे सभी अधिकारियों और कार्यकर्ताओं की मेहनत सराहनीय है।

Election Commission of India ने किया बड़ा ऐलान

Election Commission of India: पंजाब में उप चुनावों की तारीखों की घोषणा हो गई है।

13 नवंबर को डेरा बाबा नानक, चब्बेवाल, गिद्दड़बाहा और बरनाला सीटों पर मतदान होगा।

इन चुनावों के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे, जब महाराष्ट्र और झारखंड के नतीजे भी घोषित होंगे।

Election Commission of India: नेताओं ने विधायक पद से दिया इस्तीफा

इन चार सीटों पर चुनाव इसलिए हो रहे हैं क्योंकि कुछ नेताओं ने विधायक पद से इस्तीफा दिया है या पार्टी बदली है।

यह चुनाव सिर्फ इन सीटों के लिए नहीं, बल्कि पंजाब की राजनीति पर भी बड़ा असर डालेंगे।

इन नतीजों से यह भी पता चलेगा कि आम आदमी पार्टी और दूसरे दलों की स्थिति में क्या बदलाव आया है।

देखना दिलचस्प होगा कि कौन सी पार्टी जीतती है और इसका असर राज्य की राजनीति पर क्या पड़ेगा।

पंजाब में उप चुनावों की तारीखों की घोषणा हो गई है।

13 नवंबर को डेरा बाबा नानक, चब्बेवाल, गिद्दड़बाहा और बरनाला सीटों पर मतदान होगा।

इन चुनावों के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे, जब महाराष्ट्र और झारखंड के नतीजे भी घोषित होंगे।

नेताओं ने विधायक पद से दिया इस्तीफा

इन चार सीटों पर चुनाव इसलिए हो रहे हैं क्योंकि कुछ नेताओं ने विधायक पद से इस्तीफा दिया है या पार्टी बदली है।

यह चुनाव सिर्फ इन सीटों के लिए नहीं, बल्कि पंजाब की राजनीति पर भी बड़ा असर डालेंगे।

इन नतीजों से यह भी पता चलेगा कि आम आदमी पार्टी और दूसरे दलों की स्थिति में क्या बदलाव आया है।

देखना दिलचस्प होगा कि कौन सी पार्टी जीतती है और इसका असर राज्य की राजनीति पर क्या पड़ेगा।

पंजाब में उप चुनावों की तारीखों की घोषणा हो गई है।

13 नवंबर को डेरा बाबा नानक, चब्बेवाल, गिद्दड़बाहा और बरनाला सीटों पर मतदान होगा।

नेताओं ने विधायक पद से दिया इस्तीफा

इन चुनावों के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे, जब महाराष्ट्र और झारखंड के नतीजे भी घोषित होंगे।

इन चार सीटों पर चुनाव इसलिए हो रहे हैं क्योंकि कुछ नेताओं ने विधायक पद से इस्तीफा दिया है या पार्टी बदली है।

यह चुनाव सिर्फ इन सीटों के लिए नहीं, बल्कि पंजाब की राजनीति पर भी बड़ा असर डालेंगे।

इन नतीजों से यह भी पता चलेगा कि आम आदमी पार्टी और दूसरे दलों की स्थिति में क्या बदलाव आया है।

देखना दिलचस्प होगा कि कौन सी पार्टी जीतती है और इसका असर राज्य की राजनीति पर क्या पड़ेगा।

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