इलेक्टोरल बॉन्ड योजना की घोषणा के बाद 60 कंपनियों ने बॉन्ड के जरिए 250 करोड़ रुपये दिए

नई दिल्ली
चुनावी दलों को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए चंदा देने का मामला आजकल सुर्खियों में है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर एसबीआई ने इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने वाली कंपनियों की लिस्ट चुनाव आयोग को दी है। इलेक्टोरल बॉन्ड की शुरुआत 2017 में हुई थी। लेकिन इलेक्टोरल बॉन्ड योजना की घोषणा के बाद बनी 60 से अधिक कंपनियों ने बॉन्ड के जरिए राजनीतिक दलों को करीब 250 करोड़ रुपये दिए। इसमें से 100 करोड़ रुपये से अधिक यानी करीब 40% बीजेपी को दिए गए। तेलंगाना की पार्टी बीआरएस को करीब 61 करोड़ रुपये मिले। बीजेपी और बीआरएस ने मिलकर इन कंपनियों से मिले 162.2 करोड़ रुपये मूल्य के बॉन्ड भुनाए। यह राशि इन कंपनियों द्वारा इलेक्टोरल बॉन्ड के रूप में दी गई कुल रकम का करीब 65% से अधिक है।

इन कंपनियों से सबसे ज्यादा चंदा लेने वाली पार्टियों की लिस्ट में कांग्रेस तीसरे नंबर पर है। उसने 32 करोड़ रुपये मूल्य के बॉन्ड भुनाए। टीडीपी और तृणमूल चौथे और पांचवें स्थान पर रही। इनमें से प्रत्येक को लगभग 13 करोड़ रुपये मूल्य के बॉन्ड मिले। इनके अलावा, आरजेडी, डीएमके, शिवसेना और बीजेडी को भी इन कंपनियों से 5 करोड़ रुपये या उससे अधिक मूल्य के बॉन्ड मिले। इस योजना की घोषणा पहली बार 2017-18 के बजट भाषण में की गई थी। लेकिन पहले बॉन्ड मार्च 2018 में जारी किए गए थे। साल 2017 से पहले, कंपनी अधिनियम, 2013 एक कंपनी को पिछले तीन वर्षों के औसत लाभ का केवल 7.5% तक दान करने की अनुमति देता था। इस मानदंड के अनुसार, 2017 के बाद से बनी कई कंपनियां राजनीतिक चंदे के लिए पात्र नहीं होतीं। सरकार ने कंपनियों पर यह प्रतिबंध हटाने के लिए कानून में संशोधन किया।

नियम में बदलाव

तीन वर्षों के औसत लाभ के 7.5% की सीमा हटाए जाने के साथ, कुछ कंपनियों ने अपने लाभ का एक बड़ा हिस्सा या लाभ से भी अधिक दान किया। यहां तक कि कुछ घाटे में चल रही कुछ कंपनियों ने भी चुनावी बॉन्ड के माध्यम से राजनीतिक दलों को चंदा दिया। अब कंपनियां उसी साल दान दे सकती है जिस साल उनकी स्थापना हुई है। पहले यह संभव नहीं था। उदाहरण के लिए Tsharks Overseas Education Consultants और Tsharks Infra Developers Private Limited ने BRS को 4 करोड़ रुपये और 3.5 करोड़ रुपये का दान दिया। इन कंपनियों को स्थापान 2023 में हुई थी। इसी तरह, 2018 में बनी HH Iron and Steel Private Limited ने 2019-20 और 2021-22 के बीच तीन वर्षों में 5.6 करोड़ रुपये का प्रॉफिट कमाया, लेकिन बीजेपी को 15 करोड़ रुपये और बीजेडी को 5 करोड़ रुपये का दान दिया।

कुल मिलाकर नई कंपनियों में से छह ने चुनावी बॉन्ड के जरिए 10 करोड़ रुपये से अधिक का चंदा दिया। इनमें से LCC Projects Private Limited ने सबसे अधिक 31.5 करोड़ रुपये का चंदा दिया। 2017 में बनी इस कंपनी ने पूरा चंदा बीजेपी को दिया। इसी तरह अपर्णा फार्म्स एंड एस्टेट्स एलएलपी ने 30 करोड़ रुपये का चंदा दिया। 2020 में बनी इस कंपनी ने कांग्रेस और बीआरएस को 15-15 करोड़ रुपये दिए। अस्कस लॉजिस्टिक्स और HH आयरन एंड स्टील ने 20 करोड़ रुपये से अधिक का दान दिया है। 2018 में बनी टीवीएस मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड ने 16 करोड़ रुपये का दान दिया जो पूरी तरह बीजेपी की झोली में गया।

शराब नीति घोटाला केस में BRS नेता के कविता की हिरासत तीन दिनों के लिए बढ़ाई गई

नई दिल्ली

दिल्ली के कथित शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार बीआरएस नेता के कविता की रिमांड कोर्ट ने तीन दिनों के लिए बढ़ा दी है। ईडी ने आज उनकी हिरासत की अवधि खत्म होने के बाद उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया था और पांच दिन की रिमांड बढ़ाने की मांग की थी। कोर्ट ने इस मामले में उन्हें तीन दिनों की हिरासत में भेज दिया है। यानी के कविता अब 26 मार्च तक ईडी की कस्टडी में रहेंगी।  इस बीच कोर्ट ने के कविता को उनकी दोनों बच्चों और परिवारवालों से भी मिलने की इजाजत दी थी।

बता दें, कल ही इस मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल को 6 दिनों की हिरासत में भेजा गया है। ऐसे में माना जा रहा है कि ईडी मामले की तह तक पहुंचने के लिए के कविता और अरविंद केजरीवाल का आमना सामना करवा सकती है। ईडी का आरोप है कि के कविता ने अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के साथ मिलकर दिल्ली शराब घोटाले की साजिश रची और शराब नीति से मिले लाभ के बदले आम आदमी पार्टी को 100 करोड़ रुपए की रिश्वत दी।

‘बार-बार एक ही चीज पूछ रही ईडी’

इस बीच के कविता ने मीडिया से बात करते हुए अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताया और कहा कि वह इसके खिलाफ कोर्ट में लड़ेंगी। उन्होंने ईडी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके बार पूछने के लिए कुछ नया नहीं है। वह बार-बार एक ही चीज पूछे जा रहे हैं। उन्होंने कहा, चुनाव से पहले ही इतनी राजनीतिक गिरफ्तारियां क्यों हो रही हैं। चुनाव आयोग को इसमें दखल देना चाहिए।

ईडी ने क्या कहा?

इससे पहले ईडी ने कोर्ट से के कविता की पांच दिनों की रिमांड की मांग करते हुए कहा कि उनके भतीजे मेखा सरन के आवास पर तलाशी चल रही है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने के कविता की जमानत याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था और उन्हें ट्रायल कोर्ट जाने के लिए कहा था।

 

पीएम मोदी की भूटान यात्रा हुई पूरी, एयरपोर्ट पर विदा करने पहुंचे राजा

थिम्पू
 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूटान की दो दिवसीय यात्रा पूरी हो गई है। पीएम मोदी भारत के लिए रवाना हो गए हैं। भूटान नरेश पीएम मोदी को छोड़ने के लिए एयरपोर्ट पर पहुंचे। अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने भूटान को विकास में मदद का आश्वासन दिया। इसके अलावा भारत अगले पांच वर्षों में भूटान को 10 हजार करोड़ रुपए देगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भूटान के उनके समकक्ष शेरिंग टोबगे ने यहां भारत के सहयोग से निर्मित एक आधुनिक अस्पताल का उद्घाटन किया, जो महिलाओं और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल उपलब्ध कराएगा। ‘ज्ञाल्त्सुएन जेत्सुन पेमा वांगचुक मदर एंड चाइल्ड हॉस्पिटल’ 150 बिस्तर वाला आधुनिक सुविधाओं से लैस अस्पताल है जिसे थिम्पू में भारत सरकार के सहयोग से बनाया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘ज्ञाल्त्सुएन जेत्सुन पेमा वांगचुक मदर एंड चाइल्ड हॉस्पिटल का उद्घाटन किया जो गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल देते हुए कई परिवारों के लिए उम्मीद की किरण है।’

उन्होंने कहा कि यह नया अस्पताल स्वस्थ भावी पीढ़ी के पोषण की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘स्वास्थ्य देखभाल में साझेदारी को बढ़ावा मिला। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे के साथ थिम्पू में ज्ञाल्त्सुएन जेत्सुन पेमा मदर एंड चाइल्ड हॉस्पिटल का उद्घाटन किया। आधुनिक सुविधाओं से संपन्न यह अस्पताल भारत-भूटान विकास सहयोग का चमकता उदाहरण है।’

दो चरणों में बना अस्पताल

विदेश मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि भारत ने दो चरणों में अस्पताल के विकास में सहयोग दिया है। पहले चरण में 22 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण हुआ। दूसरे चरण का निर्माण 12वीं पंचवर्षीय योजना के तहत 119 करोड़ रुपये की लागत से 2019 में शुरू किया गया तथा हाल में निर्माण कार्य पूरा हुआ। इसमें कहा गया है कि इस नवनिर्मित अस्पताल से भूटान में माता व बाल स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ेगी। इस नए अस्पताल में बाल चिकित्सा, स्त्री रोग और प्रसूति विज्ञान, एनेस्थिसियोलॉजी, ऑपरेशन थियेटर, नवजात गहन देखभाल और बाल चिकित्सा गहन देखभाल के लिए आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

भूटान ने की भारत की तारीफ

भूटान के स्वास्थ्य मंत्री टांडिन वांगचुक ने ‘पीटीआई-वीडियो’ से कहा, ‘भूटान को भारत से काफी सहयोग मिल रहा है खासतौर से स्वास्थ्य क्षेत्र में, तीन रेफरल अस्पतालों से लेकर अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं तक सहयोग मिल रहा है।’ उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का यहां ज्ञाल्त्सुएन जेत्सुन पेमा मदर एंड चाइल्ड हॉस्पिटल का उद्घाटन करना हमारे लिए सम्मान की बात है।’ उन्होंने कहा कि यह अस्पताल पूरी तरह भूटान की माताओं और बच्चों को समर्पित है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि एक कैंसर अस्पताल का भी प्रस्ताव है जिसे इसी परिसर में ही बनाया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘हम सभी कैंसर मरीजों को भारत भेज रहे हैं। लिहाजा कैंसर अस्पताल का निर्माण पूरा होने के बाद, मुझे लगता है कि इससे भूटान की स्वास्थ्य सेवाओं की विशेष चिकित्सा देखभाल को भी बढ़ावा मिलेगा।’

भूटान नरेश से मिले पीएम मोदी

भूटान के साथ भारत के अनूठे संबंधों को और मजबूत करने के लिए दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर शुक्रवार को यहां पहुंचे मोदी ने भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक से मुलाकात की और प्रधानमंत्री टोबगे से बातचीत की। उन्होंने यह भी घोषणा की कि भारत अगले पांच साल में भूटान को 10,000 करोड़ का सहयोग उपलब्ध कराएगा। भूटान नरेश ने शुक्रवार को यहां एक सार्वजनिक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो’ से सम्मानित किया। यह सम्मान पाने वाले वह पहले विदेशी शासनाध्यक्ष हैं।

क्या बोले पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार रात ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा था, ‘मैं बड़ी विनम्रता के साथ ‘ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो’ सम्मान स्वीकार करता हूं। मैं यह सम्मान देने के लिए महामहिम भूटान नरेश का आभार व्यक्त करता हूं। मैं इस सम्मान को भारत के 140 करोड़ लोगों को समर्पित करता हूं। मुझे विश्वास है कि भारत-भूटान के संबंध बढ़ते रहेंगे और हमारे नागरिकों को फायदा पहुंचाएंगे।’ भारत और भूटान के बीच राजनयिक संबंध 1968 में स्थापित हुए थे। भारत-भूटान संबंधों की मूल रूपरेखा 1949 में दोनों देशों के बीच हुई मित्रता एवं सहयोग संधि रही है जिसमें फरवरी 2007 में संशोधन किया गया था।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस बार सियाचिन ग्लेशियर में खास होगी होली, जाएंगे जवानों के पास

नई दिल्ली
 रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सियाचिन ग्लेशियर के दौरे पर जाएंगे, जहां वो दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र में तैनात सैनिकों के साथ होली मनाएंगे।सियाचिन ग्लेशियर एक रणनीतिक सैन्य चौकी है और दुनिया के सबसे चुनौतीपूर्ण इलाकों में से एक है। रक्षा मंत्री के दौरे को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं।

हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब रक्षा मंत्री सैनिकों के साथ होली मनाएंगे।
सियाचिन दौरे के दौरान राजनाथ सिंह ने बताया था कि यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां दिन में भी तापमान 40 डिग्री कम होता है। यहां का मौसम कब मौत में बदल जाए कोई नहीं जानता। सियाचिन में देश की सबसे ऊंची सरहद है और हिमालय की गोद में मौजूद सियाचिन दुनिया का सबसे ऊंचा और सबसे खतरनाक जंग का मैदान है। इसके एक ओर पाकिस्तान है तो दूसरी तरफ चालबाज चीन है। भाजपा के केंद्र में आने के बाद से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा 2017 में निर्मला सीतारमण और 2017 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सियाचिन का दौरा किया था।

बता दें कि सियाचिन ग्लेशियर दुनिया का सबसे ऊंचा सैन्य क्षेत्र है। यह हिमालय के पूर्वी काराकोरम पर्वत श्रंखला में स्थित है, जहां भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा समाप्त होती है। उंचाई पर होने के कारण यहां तैनात जवानों को आम दिनों में भी तेज बर्फिली हवाओं का सामना करना पड़ता है। यहां का तापमान शून्य से 60 डिग्री सेल्सियस नीचे तक चला जाता है, और भूस्खलन और हिमस्खलन आम बात हो जाती है।

1984 में सियाचिन ग्लेशियर पर पाकिस्तानी सेना को हरा कर चोटी पर कब्जा करने के लिए ऑपरेशन मेघदूत लॉन्च किया गया था। यहां तब से ही भारतीय सेना का नियंत्रण है।

2019 में उन्होंने सियाचिन का दौरा किया था। इस दौरान उन्होंने सैनिकों के साथ बातचीत की थी। केंद्रीय मंत्री ने उनकी चुनौतियों के बारे में भी जानकारी जुटाई। उन्होंने सैनिकों के कल्याण और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया।

इससे पहले केंद्रीय मंत्री ने ग्लेशियर को पर्यटकों के लिए भी खोलने का ऐलान किया था।

संगरूर में जहरीली शराब कांड में मरने वालो की सख्यां बढ़कर हुई 21

संगरूर

पंजाब के संगरूर जहरीली शराब की घटना में मरने वालों का आंकड़ा बढ़ गया है. इस घटना में अब तक 21 लोगों की मौत हो गई है. 5 लोगों ने आज यानी शनिवार को दम तोड़ दिया, जबकि 8 लोगों की जान कल चली गई थी. इस जहरीली शराब कांड में 40 मरीज अस्पताल में भर्ती थे.

संगरूर के सिविल सर्जन डॉक्टर कृपाल सिंह ने कहा कि हमारे पास अस्पताल में 40 लोग आए थे, जिनमें से 21 लोगों की मौत हो चुकी है, आठ लोगों ने कल दम तोड़ा था और पांच लोगों ने आज दम तोड़ दिया. शराब कांड में पटियाला के राजेंद्र हॉस्पिटल में 10 लोगों का इलाज चल रहा है. जबकि संगरूर के सरकारी अस्पताल में भी छह लोग भर्ती हैं. पुलिस ने अब तक इस पूरे मामले में आठ लोगों को गिरफ्तार किया है.

आरोपियों ने खुलासा किया था कि जहरीली शराब घर में ही बनाई जा रही थी. पुलिस ने शराब बनाने वाले ठिकाने से 200 लीटर एथेनॉल, खाली बोतलें, स्टीकर और प्रिंटर बरामद किया है. ये सभी सामान शराब बनाने के काम में इस्तेमाल किए जा रहे थे.

अवैध शराब की तस्करी होती थी
जहरीली शराब पीने वाले सभी लोगों के बारे में बताया जा रहा है कि ये दलित परिवारों से संबंध रखते थे. गांव वालों के मुताबिक, गांव के ही रहने वाले कुछ लोग अवैध शराब की तस्करी करते हैं और गांव में जहरीली शराब लेकर आए थे. इतनी बड़ी घटना के बाद गांव के लोगों का पुलिस प्रशासन के खिलाफ गुस्सा फूट गया.

मामले की जांच के लिए SIT का गठन
जिले के डिप्टी कमिश्नर जितेंद्र जोरवाल ने बताया कि हमने इस पूरे मामले की जांच के लिए एक एसआईटी बना दी है, जो 72 घंटे में रिपोर्ट देगी. आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. संगरूर के एसएसपी सरताज सिंह चाहल ने बताया कि हमने इस पूरे मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. दोनों ही इस गांव के रहने वाले हैं. हम जांच कर रहे हैं कि शराब कहां से लाई गई थी और उसमें क्या मिलाया गया था.

 

Reliance Jio AirFiber पहुंचा भारत के 5352 शहरों तक, कीमत से सेवा तक के पूरे विवरण जानें

Jio Airfiber: Reliance Jio ने कुछ दिन पहले अपने ब्रॉडबैंड सर्विस को मॉडर्न करते हुए Airfiber सर्विस की शुरुआत की थी. इस सर्विस की मदद से यूज़र्स के घर में बिना वायर वाला राउटर लगाया जाता है, जिसमें किसी भी वायर के बिना इंटरनेट डेटा की सर्विस मिलती है.

इसका मतलब यह एक वायरलैस हाई-स्पीड इंटरनेट डेटा की सर्विस है. शुरुआत में जियो ने अपने Airfiber सर्विस की शुरुआत कुछ चुनिंदा शहरों में की थी, लेकिन अब कंपनी ने अपने इस सर्विस को भारत के 5352 शहरों तक पहुंचा दिया है. आइए हम आपको इस सर्विस के बारे में बताते हैं.

5 हजार से भी ज्यादा शहरों में जियो Airfiber

Jio ने पिछले साल सितंबर 2023 में जियो Airfiber सर्विस की शुरुआत की थी. जनवरी तक Jio ने अपनी इस सर्विस को 3939 छोटे-बड़े शहरों तक पहुंचा दिया था, लेकिन अब मार्च 2024 तक Jio ने अपनी इस सर्विस का विस्तार 5353 शहरों तक पहुंचा दिया है. Jio अपनी इस सर्विस को देश के उन क्षेत्रों तक पहुंचाएगा, जहां Jio ने 5G SA (स्टैंडएलोन) नेटवर्क्स पेश किए हैं.

Jio अपने 5G SA नेटवर्क का विस्तार भी काफी तेजी से कर रही है. इसका मतलब है कि कंपनी जहां-जहां 5G सर्विस को पहुंचाती जाएगी, वहां-वहां अपनी Airfiber सर्विस की शुरुआत भी करती जाएगी. हालांकि, कंपनी ने अभी तक अपने इस फ्यूचर प्लान के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है.

Jio Airfiber का सबसे सस्ता प्लान

Jio Airfiber का पहला प्लान 599 रुपये का है. आप इस प्लान को प्रति महीने या फिर लॉन्ग-टर्म वैलिडिटी के साथ भी खरीद सकते हैं. इस लिस्ट में सबसे सस्ता प्लान 599 रुपये का है, जिसके साथ GST भी जियो Airfiber : Reliance Jio ने कुछ दिनों पहले अपनी ब्रॉडबैंड सेवा को सुधारकर Airfiber सेवा शुरू की। इस सेवा की सहायता से, उपभोक्ता के घर में एक वायरलेस राउटर स्थापित किया जाता है, जिसमें कोई तार के बिना इंटरनेट डेटा सेवा उपलब्ध होती है।

इसका मतलब है कि यह एक वायरलेस उच्च गति इंटरनेट डेटा सेवा है। पहले, Jio ने अपनी Airfiber सेवा को कुछ चयनित शहरों में शुरू किया था, लेकिन अब कंपनी ने इस सेवा को भारत के 5352 शहरों तक बढ़ा दिया है। चलो, हम इस सेवा के बारे में बताते हैं।

Jio Airfiber 5 हजार से अधिक शहरों में

Jio ने पिछले साल सितंबर 2023 में Jio Airfiber सेवा शुरू की थी। जनवरी तक, Jio ने अपनी सेवा को 3939 छोटे और बड़े शहरों तक बढ़ा दिया था, लेकिन अब मार्च 2024 तक, Jio ने अपनी सेवा को 5353 शहरों तक बढ़ा दिया है। Jio उन क्षेत्रों को भी देश के अंदर बढ़ावा देगा जहां जियो ने 5G SA (स्वतंत्र) नेटवर्क का परिचय किया है।

Jio अपनी 5G SA नेटवर्क को भी तेजी से बढ़ा रहा है। इसका मतलब है कि जहां कंपनी सेवा प्रदान करेगी, वहां वह अपनी Airfiber सेवा भी शुरू करेगी। हालांकि, कंपनी ने अभी तक अपनी भविष्य की योजना के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है।

Jio Airfiber का सबसे सस्ता योजना

Jio Airfiber का पहला योजना 599 रुपये का है। आप इस योजना को मासिक या लंबे समय के लिए खरीद सकते हैं। इस सूची में सबसे सस्ता योजना 599 रुपये की है, जिसमें GST भी देना होगा। इस योजना में उपयोगकर्ताओं को मासिक 1TB इंटरनेट डेटा 30MBPS की गति पर मिलेगा।देना पड़ता है. इस प्लान में यूज़र्स को 30MBPS की स्पीड से 1TB मंथली इंटरनेट डेटा मिलेगा.

Reliance Jio ने Airfiber और Airfiber मैक्स के रूप में दो विकल्प वाले प्लान्स का ऑफर दिया है. Airfiber मैक्स प्लान्स की कीमत ज्यादा होती है, लेकिन उसमें यूज़र्स को हाई-स्पीड इंटरनेट की सुविधा मिलती है.

Jio Airfiber का नया कनेक्शन लगवाने के लिए यूज़र्स को Jio की आधिकारिक वेबसाइट या माय Jio ऐप पर जाना होगा. इसके अलावा यूज़र्स WhatsApp के जरिए 60008-60008 पर मिस्ड कॉल करके भी Jio Airfiber सर्विस की बुकिंग कर सकते हैं. इसके अलावा यूज़र्स अपने नजदीकी Jio स्टोर पर जाकर भी Airfiber कनेक्शन के बारे में जानकारी ले सकते हैं.

Reliance Jio ने Airfiber और Airfiber मैक्स के रूप में दो योजना विकल्प प्रदान किए हैं। Airfiber मैक्स योजनाएं महंगी हैं, लेकिन उपयोगकर्ताओं को उच्च गति का इंटरनेट प्रदान करती हैं।

Jio Airfiber कनेक्शन प्राप्त करने के लिए उपयोगकर्ताओं को जियो की आधिकारिक वेबसाइट या माय Jio ऐप पर जाना होगा। इसके अलावा, उपयोगकर्ताएं 60008-60008 पर मिस्ड कॉल करके WhatsApp के माध्यम से भी जियो Airfiber सेवा की बुकिंग कर सकती हैं। इसके अलावा, उपयोगकर्ताएं अपने निकटतम Jio स्टोर पर जाकर Airfiber कनेक्शन के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकती हैं।

ISRO ने रीयूजेबल लॉन्च वीइकल की सफल लैंडिंग कराई

 नईदिल्ली
इसरो को आज बड़ी सफलता मिली। दरअसल इसरो की रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल तकनीक (लॉन्च व्हीकल को दोबारा इस्तेमाल करने की तकनीक) का परीक्षण सफल रहा है। कर्नाटक के चित्रदुर्ग स्थित एयरोनॉटिकल टेस्ट रेंज में शुक्रवार की सुबह करीब 7.10 बजे इसरो का रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल पुष्पक सफलतापूर्वक ऑटोमैटिक तरीके से रनवे पर लैंड हुआ। रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल की सफल लैंडिंग पर इसरो ने बयान जारी कर बताया कि रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल तकनीक के मामले में इसरो ने बड़ी कामयाबी हासिल की है।

रीयूजेबल लॉन्चिंग व्हीकल के पहले दो परीक्षण भी रहे थे सफल
इसरो इससे पहले भी दो बार रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल की सफल लैंडिंग करा चुका है। बीते साल इसरो ने रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल के परीक्षण के दौरान आरएलवी को वायुसेना के चिनूक हेलीकॉप्टर से करीब साढ़े चार किलोमीटर की ऊंचाई से छोड़ा गया। परीक्षण के दौरान आरएलवी ने सफलतापूर्वक रनवे पर लैंड किया। आरएलवी ने ब्रेक पैराशूट, लैंडिंग गियर ब्रेक और नोज व्हील स्टीयरिंग सिस्टम की मदद से सफल लैंडिंग की। रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल की सफल लैंडिंग से इसरो द्वारा विकसित की गई तकनीक जैसे नेवीगेशन, कंट्रोल सिस्टम, लैंडिंग गियर और डिक्लेयरेशन सिस्टम की सफलता पर भी मुहर लग गई है।  

इसरो ने कहा- हमने फिर कमाल कर दिया

इसरो ने X पर पोस्ट कर बताया कि हमने फिर कमाल कर दिया। पुष्पक (RLV-TD) को एक ऊंचाई से छोड़ा गया जिसके बाद उसने रनवे पर वापस आने के लिए सफलतापूर्वक खुद ही रास्ता बना लिया। इसरो ने बताया कि यह परीक्षण अंतरिक्ष से वापस पृथ्वी पर आने वाले रॉकेट के गति और दिशा को नियंत्रित करने का अभ्यास था। अंतरिक्ष विभाग के अनुसार, पुष्पक को वायुसेना के चिनूक हेलिकॉप्टर द्वारा 4.5 किलोमीटर की ऊंचाई तक ले जाया गया और फिर वहां से छोड़ा गया। इस दौरान उसने लैंडिंग के लिए पैराशूट, ब्रेक और पहिए का इस्तेमाल किया।

इसरो ने बताया कि पुष्पक की सफल लैंडिंग 7 बजकर 10 मिनट पर हुई। इससे पहले RLV का 2016 और 2023 में लैंडिंग एक्सपेरिमेंट किया जा चुका है। इसरो का कहना है कि इस टेक्नोलॉजी से रॉकेट लॉन्चिंग अब पहले से सस्ती होगी। अंतरिक्ष में अब उपकरण पहुंचाने में लागत काफी कम आएगी।

रीयूजेबल टेक्नोलॉजी को ऐसे समझें

➤ किसी भी रॉकेट मिशन में दो बेसिक चीजें होती है। रॉकेट और उस पर लगा स्पेसक्राफ्ट। रॉकेट का काम स्पेसक्राफ्ट को अंतरिक्ष में पहुंचाना होता है। अपने काम को करने के बाद रॉकेट को आम तौर पर समुद्र में गिरा दिया जाता है। यानी इसका दोबारा इस्तेमाल नहीं होता। लंबे समय तक पूरी दुनिया में इसी तरह से मिशन को अंजाम दिया जाता था। यहीं पर एंट्री होती है रियूजेबल रॉकेट की।

➤ रीयूजेबल रॉकेट के पीछे का आइडिया स्पेसक्राफ्ट को लॉन्च करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले अल्ट्रा-एक्सपेंसिव रॉकेट बूस्टर को रिकवर करना है। ताकि, फ्यूल भरने के बाद इनका फिर से इस्तेमाल किया जा सके। दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने सबसे पहले 2011 में इस पर काम करना शुरू किया था। 2015 में मस्क ने फॉल्कन 9 रॉकेट तैयार कर लिया जो रियूजेबल था।

➤ ISRO का रीयूजेबल लॉन्च वीइकल (RLV) स्पेसएक्स से बिल्कुल अलग है। मिशन के दौरान स्पेसएक्स रॉकेट के निचले हिस्से को बचाता है, जबकि इसरो रॉकेट के ऊपरी हिस्से को बचाएगा जो ज्यादा जटिल होता है। इसे रिकवर करने से ज्यादा पैसों की बचत होगी। ये सैटलाइट को स्पेस में छोड़ने के बाद वापस लौट आएगा। इसरो का स्पेसक्रॉफ्ट ऑटोनॉमस लैंडिंग कर सकता है।

पुष्पक की खासियत

    पुष्पक 6.5 मीटर लंबा और 1.75 टन वजनी एयरोप्लेन जैसा स्पेसक्राफ्ट रॉकेट है।
    एक री-यूजेबल लॉन्चिंग विमान है, पंखो वाले हवाई जहाज जैसा दिखने वाला विमान है।
    ये अंतरिक्ष तक पहुंच को किफायती बनाने में काफी कारगर साबित हो सकता है।
    सबसे बड़ी खासियत इसकी यह है कि ये अंतरिक्ष में मलबे को कम करेगा।
    यह बाद में अंतरिक्ष में किसी सैटलाइट में इंधन भरने या किसी को ठीक करने के लिए वापस लाने में भी मदद करेगा।
    रॉकेट में दो से चार स्टेज होते हैं, जिसमें से सबसे ऊपरी स्टेज में सबसे महंगे उपकरण लगाए गए।

High Court: Punjab की उत्पादकता नीति पर चुनौती, आवेदन शुल्क को 75 हजार रुपये तक बढ़ाने पर सवाल, 10 अप्रैल को सुनवाई

Punjab सरकार ने निर्धारित किया है कि 2024-25 के लिए ठेके ड्रॉ के माध्यम से देंगे। प्रार्थी ने कहा कि कुछ साल पहले आवेदन शुल्क केवल 3500 रुपये थे, लेकिन इसे अचानक 75000 रुपये में बढ़ा दिया गया है। इस धारा की भी व्यवस्था की गई है कि यदि अनुमति नहीं मिलती है तो यह राशि वापस नहीं की जाएगी।

Punjab-Haryana High Court में Punjab सरकार की 2024-25 की उत्पादकता नीति को चुनौती दी गई है। प्रार्थना में High Court ने शुक्रवार को विचार किया गया था, और अब 10 अप्रैल को सुनवाई की तिथि निर्धारित की गई है।

प्रार्थना दाखिल करते समय, मोगा की M/s Darshan Singh एवं कंपनी ने High Court को बताया कि Punjab सरकार ने 2024-25 के ठेके ड्रॉ के माध्यम से देने का निर्णय लिया है। प्रार्थी ने कहा कि अब तक आवेदन शुल्क केवल 3500 रुपये ही थे, लेकिन इसे अचानक 75000 रुपये में बढ़ा दिया गया है। आवेदन शुल्क के संबंध में नियम भी यह तय किया गया है कि अगर ठेका नहीं मिलता है तो यह राशि वापस नहीं की जाएगी।

प्रार्थी ने कहा कि अब तक सरकार को लगभग 35,000 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं, जिससे सरकार को 260 करोड़ रुपये कमाए गए हैं। सरकार की नीति के कारण, जिनका नाम ड्रॉ में नहीं आएगा, उनकी आवेदन शुल्क की 75,000 रुपये हानि होगी। प्रार्थी ने कहा कि आवेदन शुल्क में बड़ी वृद्धि न केवल गलत है बल्कि न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ भी है। ऐसे में, High Court से अपील की गई है कि सरकार की यह नीति रद्द की जाए।

TMC नेता महुआ मोइत्रा के कई ठिकानों पर CBI की रेड, सवाल के बदले कैश का मामला

कोलकाता

टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा के यहां सीबीआई द्वारा छापेमारी की गई है। महुआ से जुड़ी कई जगहों पर रेड मारी गई। पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का मामला है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कैश-फॉर-क्वेरी मामले में तृणमूल कांग्रेस की पूर्व सांसद महुआ मोइत्रा से जुड़े कोलकाता में कई स्थानों पर तलाशी ले रही है। यह घटनाक्रम केंद्रीय एजेंसी द्वारा महुआ मोइत्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के कुछ दिनों बाद आया है।

महुआ मोइत्रा के पिता के घर भी पहुंची CBI की टीम

खबर निकलकर सामने आ रही है कि कोलकाता के अलीपुर इलाके में सीबीआई की टीम पहुंची है. इसके अलावा कई अन्य ठिकानों पर भी सीबीआई की टीम पहुंची है जिसमें उनके पिता का आवास भी शामिल है. बताया जा रहा है कि उस वक्त घर का दरवाजा उनकी मां ने खोला था. अभी भी उनके और उनसे जुड़े ठिकानों पर छापेमारी जारी है और कैश फॉर क्वेरी मामले से जुड़े दस्तावेज और सबूत की तलाश की जा रही है.
लोकपाल के आदेश के बाद CBI की कार्रवाई

 उनके खिलाफ सीबीआई ने रेगुलर केस दर्ज किया था. उससे पहले लोकपाल ने बीते मंगलवार को सीबीआई को आदेश देते हुए कहा था कि ‘कैश फॉर क्वेरी’ मामले मएं पूर्व सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों की जांच की जाए. साथ ही उन्होंने आरोपों की जांच करने और चाह महीने के भीतर इससे जुड़ी रिपोर्ट सौंपने का आदेश भी दिया था. जानकारी हो कि सीबीआई को हर महीने यह रिपोर्ट भी देनी है कि आखिर जांच मएब क्या-क्या अपडेट है और हर महीने की स्थिति क्या है.

बता दें कि  लोकपाल ने सीबीआई को निर्देश दिया कि महुआ मोइत्रा के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज कर जांच की जाए. इसके साथ ही लोकपाल ने जांच एजेंसी को छह महीने के भीतर रिपोर्ट देने को कहा है। इससे पहले लोकपाल ने अपने आदेश में कहा कि रिकॉर्ड पर मौजूद पूरी जानकारी का सावधानी से मूल्यांकन करने के बाद कोई संदेह नहीं रह जाता है कि महुआ के खिलाफ लगाए गए आरोप, जिनमें से अधिकांश में ठोस सबूत हैं, उनके पद को देखते हुए बेहद गंभीर प्रकृति के हैं।

AMU पूर्व छात्र निकला आईएसआईएस का भारतीय चीफ, व्हाट्सएप ग्रुप के जरिये जुड़ा था एएमयू छात्रों

 गुवाहाटी
असम एसटीएफ ने गुवाहाटी के धुबरी इलाके से आईएस के फरार आतंकी व भारतीय आईएस चीफ हरीश फारूकी उर्फ हरीश अजमल को साथी सहित गिरफ्तार किया है। एएमयू का पूर्व छात्र होने के नाते वही आईएस के अलीगढ़ माड्यूल्स को ऑपरेट कर रहा था। व्हाट्सएप ग्रुप के जरिये एएमयू छात्रों से जुड़ा था। इसी ग्रुप से जुड़े छह से अधिक एएमयू छात्र पिछले दिनों में एजेंसियों ने गिरफ्तार किए।

व्हाट्सएप ग्रुप के जरिये सामने आया था सामा

आईएस पर काम करते हुए एजेंसियों की नजर में एएमयू छात्रों के संगठन सामा (स्टूडेंट्स ऑफ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी) का नाम आया। जिसमें व्हाट्सएप ग्रुप के जरिये सूचनाओं का आदान प्रदान, बातचीत होती थी। पता चला कि इसी ग्रुप में जुड़े एएमयू के तमाम पूर्व व वर्तमान छात्र आईएसआईएस हैंडलरों के संपर्क में पाए गए और आईएस से जुड़कर काम करने लगे। इसी क्रम में एजेंसियों ने आईएस के इस अलीगढ़ माड्यूल्स पर काम करते हुए गिरफ्तारियां कीं। इसी ग्रुप के सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद इनके भारतीय चीफ के रूप में हरीश फारूकी का नाम सामने आया था। जिसकी एजेंसियां लगातार तलाश कर रही थीं।

फिर शुरू हुईं आईएस सदस्यों की गिरफ्तारी
सबसे पहले एनआईए ने झारखंड के लोहरदगा में एएमयू के एक छात्र फैजान की गिरफ्तारी की। उसका एक अन्य साथी भी बाद में पकड़ा गया। इसी बीच अक्तूबर में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पुणे मॉड्यूल्स के शाहनवाज, रिजवान सहित तीन की अलग-अलग शहरों से गिरफ्तारी की थी। उनके संबंध में उजागर हुआ कि एएमयू के छात्र संगठन सामा (स्टूडेंट्स ऑफ अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी) से जुड़े कुछ छात्र उनके संपर्क में हैं। शाहनवाज और रिजवान की जांच में मिले तथ्यों के आधार पर यूपी एटीएस ने भी 3 नवंबर को मुकदमा दर्ज किया। इसी मुकदमे में छात्र अब्दुल्ला अर्सलान और माज बिन तारिक को अलीगढ़ से गिरफ्तार किया।

पूर्व छात्र वजीहउद्दीन को झारखंड से पकड़ा। वह यहां कोचिंग चलाता था। फिर पूर्व छात्र फराज, कोर्ट में हाजिर हुआ मौजूदा छात्र अब्दुल समद मलिक जेल गया। फिर फैजान पकड़ा गया। बाद में फैजान बख्तियार, नावेद सिद्दीकी, अरशद वारसी की गिरफ्तारी हुई। इस तरह अब तक पुणे माड्यूल में नौ और कुल ग्यारह की गिरफ्तारी हुई है।

व्हाट्सएप से ही ऑपरेट हो रहा था अलीगढ़ माड्यूल्स
मूल रूप से देहरादून निवासी हरीश फारूकी एएमयू में कब और कहां तक पढ़ा है। ये तो अभी तक साफ नहीं हुआ। मगर जांच में साफ हुआ है कि वह एएमयू का छात्र रहा है और वह व्हाट्सएप ग्रुप के जरिये सामा नामक छात्र संगठन से जुड़ा था। वह झारखंड से गिरफ्तार कोचिंग संचालक पूर्व छात्र वजीहउद्दीन के जरिये ही नए छात्रों को जुड़वाता था और अलीगढ़ मॉड्यूल्स को ऑपरेट करने के साथ देश विरोधी गतिविधियों को संचालित करता था। साथ में आईएस की विचारधारा का प्रचार प्रसार कर रहा था। इसका मुख्य मकसद भारत में आईएस की जड़ें मजबूत करना था।

    असम में आईएस के भारतीय चीफ हरीश फारूकी की गिरफ्तारी हुई है। उसका अलीगढ़ से नाता बताया गया है। इस विषय में खुफिया एजेंसियों की मदद से जानकारी जुटाई जा रही है। स्थानीय गतिविधियां भी दिखवाई जा रही हैं। बाकी एजेंसियां जो मदद मांगेंगी की जाएगी। -शलभ माथुर, आईजी रेंज

आज तक एक भी छात्र पर कार्रवाई नहीं
एएमयू के छात्र लगातार आईएस से जुड़ने पर गिरफ्तार हुए। अब उनका सरगना गिरफ्तार हुआ। मगर आज तक एएमयू स्तर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

 

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