Atal Pension Yojana (एपीवाई) के महत्व और जागरूकता बढ़ाने के लिए आज होटल रेड बिशप, सेक्टर-1 पंचकूला में एक राज्यस्तरीय आउटरीच प्रोग्राम का आयोजन किया गया।
यह कार्यक्रम राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) और पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के संयुक्त प्रयास से आयोजित किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता पीएफआरडीए (पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी) के सीजीएम श्री प्रवेश कुमार ने की,
जबकि सह-अध्यक्षता एसएलबीसी हरियाणा के उप महाप्रबंधक श्री जोगिंदर सिंह ने की।
Atal Pension Yojana – उपस्थित गणमान्य और कार्यक्रम का शुभारंभ
कार्यक्रम में कई नाबार्ड के उप महाप्रबंधक श्री रविदास, एचएसआरएलएम की सीईओ डॉ. अमरिंदर कौर,
मंडल प्रमुख (चंडीगढ़) श्री संजीव सिंह, और एलडीएम पंचकूला श्रीमती गजल शर्मा शामिल थे।
आयोजन का शुभारंभ पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलन से किया गया।
सीजीएम का संदेश और प्रदर्शन पर चर्चा
सीजीएम श्री प्रवेश कुमार ने बैंकों से अटल पेंशन योजना के प्रति अधिक से अधिक जागरूकता फैलाने की अपील की।
उन्होंने कहा कि यह योजना लोगों के सेवानिवृत्ति के बाद आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
उन्होंने बैंकों से अनुरोध किया कि वे लक्ष्य को शीघ्र पूरा करें और जिनका प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा है, उनके प्रयासों की सराहना की।
Atal Pension Yojana – सम्मानित बैंक और प्रदर्शन का मूल्यांकन
कार्यक्रम में एसबीआई, आईडीबीआई, बैंक ऑफ इंडिया, तमिलनाडु बैंक, हरियाणा ग्रामीण बैंक,
और सर्व ग्रामीण बैंक सहित कई बैंकों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
साथ ही, जिन बैंकों का प्रदर्शन अपेक्षित स्तर से कम रहा, उन्हें लक्ष्य हासिल करने के लिए सख्त निर्देश दिए गए।
योजना के लाभों पर चर्चा
पीएफआरडीए के सहायक प्रबंधक अक्षय कुमार ने सरल भाषा में अटल पेंशन योजना की उपयोगिता और लाभों के बारे में बताया।
उन्होंने इस योजना को सेवानिवृत्ति के बाद आर्थिक स्थिरता का आधार बताते हुए इसकी विशेषताओं पर प्रकाश डाला।
धन्यवाद और समापन
कार्यक्रम के अंत में मंडल प्रमुख श्री संजीव सिंह ने सभी उपस्थित प्रतिनिधियों का आभार व्यक्त किया और इस आयोजन को सफल बनाने में उनके योगदान की सराहना की।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य अटल पेंशन योजना की जागरूकता को बढ़ावा देना और सभी बैंकों को अपने निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करना था।
इस तरह के आयोजन न केवल योजना की पहुँच को बढ़ाते हैं,
बल्कि बैंकों और लाभार्थियों के बीच एक मजबूत संबंध भी स्थापित करते हैं।