Aravalli Green Wall Summit: अरावली पर्वत श्रृंखला के संरक्षण और हरियाली को बढ़ावा देने के उद्देश्य से चल रहे अरावली ग्रीन वॉल पार्टनरशिप शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव और हरियाणा के पर्यावरण मंत्री राव नरबीर सिंह ने दीप प्रज्वलन कर सत्र का शुभारंभ किया।
इस सम्मेलन का आयोजन राज्य जैव विविधता बोर्ड और नेचर कंजर्वेंसी इंडिया सॉल्यूशंस (एनसीआईएस) के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।
Aravalli Green Wall Summit: प्राकृतिक संरक्षण के लिए ग्रीन डेवलपमेंट पर ज़ोर
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि आधुनिक विकास परियोजनाओं के साथ-साथ ग्रीन डेवलपमेंट पर भी विशेष ध्यान देना आवश्यक है।
उन्होंने अरावली पर्वत श्रृंखला के संरक्षण को राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण बताते हुए कहा
कि यह न केवल दिल्ली और अन्य शहरों को शुद्ध वायु प्रदान करता है,
बल्कि राजस्थान की ओर रेगिस्तान को बढ़ने से भी रोकता है।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार “ग्रीन अरावली” अभियान को सक्रिय रूप से आगे बढ़ा रही है,
जिसके तहत ईको रेस्टोरेशन और जल संरक्षण जैसे कई महत्वपूर्ण कार्य किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि “मिशन लाइफ” और “एक पेड़ माँ के नाम” जैसे अभियानों को जनभागीदारी से एक आंदोलन का रूप दिया गया है।
Aravalli Green Wall Summit: हरियाली से बढ़ेगा भूजल स्तर
हरियाणा के पर्यावरण मंत्री राव नरबीर सिंह ने कहा कि अरावली ग्रीन वॉल परियोजना के तहत हरियाली को बढ़ावा देने से भूजल स्तर में भी वृद्धि होगी।
उन्होंने नागरिकों से वृक्षारोपण और जल संरक्षण को अपनाने की अपील की।
उन्होंने कहा कि जंगलों का संरक्षण अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि जंगल प्राकृतिक रूप से विकसित होते हैं,
उन्हें कृत्रिम रूप से बनाया नहीं जा सकता। वन विभाग इस दिशा में कार्य कर रहा है,
लेकिन आम जनता को भी इसमें भागीदारी निभानी होगी।
वन संरक्षण के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
सम्मेलन के दौरान हरियाणा राज्य वन विभाग और सांकला फाउंडेशन के बीच अरावली संरक्षण में सहयोग हेतु समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए।
गुरुग्राम के जल निकायों पर कॉफी टेबल बुक का विमोचन
कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और मंत्री राव नरबीर सिंह ने गुरुग्राम शहर के जल निकायों पर आधारित कॉफी टेबल बुक का विमोचन भी किया।
अरावली में जैव विविधता संरक्षण केंद्र की आधारशिला
सम्मेलन से पहले दोनों मंत्रियों ने नेचर कैंप, अरावली में जैव विविधता संरक्षण पहल के तहत जैव विविधता व्याख्या केंद्र,
अरावली आर्बरेटम और अरावली मूल प्रजाति नर्सरी की आधारशिला रखी।
इस अवसर पर उन्होंने पौधरोपण और बीजारोपण कर अभियान की शुरुआत की।
विशेषज्ञों और गणमान्य लोगों की उपस्थिति
इस अवसर पर पर्यावरण मंत्रालय के महानिदेशक एस.के. अवस्थी, राज्य जैव विविधता बोर्ड के सह सदस्य सचिव डॉ. विवेक सक्सेना,
प्रधान मुख्य वन संरक्षक विनीत गर्ग, एनसीआईएस की प्रबंध निदेशक डॉ. अंजलि आचार्य सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
अरावली ग्रीन वॉल परियोजना हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर के पर्यावरण को सुधारने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है।
इसके तहत हरियाली बढ़ाने, भूजल स्तर सुधारने और जैव विविधता के संरक्षण पर जोर दिया जा रहा है।
इस सम्मेलन के माध्यम से सरकार, पर्यावरणविद् और सामाजिक संगठनों को एक मंच पर लाने का प्रयास किया गया है,
ताकि अरावली पर्वत श्रृंखला के संरक्षण को एक सामूहिक आंदोलन बनाया जा सके।
हरियाणा सरकार और केंद्र सरकार की संयुक्त पहल से इस परियोजना को व्यापक रूप देने की योजना बनाई गई है,
जिससे न केवल इको टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि पर्यावरण संतुलन भी बना रहेगा।
वृक्षारोपण, जल संरक्षण और सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से इस अभियान को और अधिक प्रभावी बनाने की जरूरत है।
इस सम्मेलन से मिले सुझावों और रणनीतियों के आधार पर आने वाले वर्षों में अरावली क्षेत्र का पुनर्विकास और संरक्षण किया जाएगा,
जिससे यह हरियाणा और दिल्ली-एनसीआर के लिए एक महत्वपूर्ण हरित धरोहर बनी रहे।