चंडीगढ़, 11 जून: गुस्सा, इंसान की वो भावना है जो अगर नियंत्रण से बाहर हो जाए, तो जीवन में रिश्तों की नींव तक हिला सकती है। यह भावनात्मक ज्वालामुखी सिर्फ दूसरों को ही नहीं, खुद को भी भीतर से जला देता है।
चाहे वो घर हो या ऑफिस, पति-पत्नी का रिश्ता हो या माता-पिता से संबंध — जब गुस्सा हावी हो जाए, तो प्यार और सम्मान की जगह खीझ और कड़वाहट ले लेती है।
अगर आप या आपके किसी प्रियजन को बार-बार गुस्सा आता है और छोटी-छोटी बातों पर प्रतिक्रिया बहुत तीव्र होती है, तो इसका समाधान केवल मनोवैज्ञानिक नहीं, बल्कि ज्योतिष और वास्तु के जरिए भी संभव है।
आइए जानते हैं कि कैसे ग्रहों का संतुलन और वास्तु में छोटे-छोटे बदलाव आपके जीवन में बड़ा सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं।
ज्योतिष के अनुसार क्रोध के पीछे कौन-से ग्रह हैं जिम्मेदार?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गुस्से का संबंध सीधे हमारे मन, बुद्धि और आत्मबल से होता है। जब ये क्षमताएँ ग्रहों के अशुभ प्रभाव में आ जाती हैं, तो व्यक्ति अपने ऊपर नियंत्रण खो बैठता है।
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चंद्रमा: यह ग्रह मन, भावनाओं और वाणी का प्रतिनिधित्व करता है। यदि चंद्रमा नीच या पाप ग्रहों से पीड़ित हो, तो व्यक्ति अत्यधिक संवेदनशील और चिड़चिड़ा हो जाता है।
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गुरु (बृहस्पति): ज्ञान और विवेक का कारक है। इसके कमजोर होने से निर्णय क्षमता और संयम में कमी आती है।
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मंगल: साहस, क्रिया और ऊर्जा का प्रतीक है। यह जब अत्यधिक प्रबल या रौद्र अवस्था में हो, तो व्यक्ति बिना सोचे-समझे आक्रामक हो सकता है।
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सूर्य: आत्मबल और अधिकार का ग्रह है। कमजोर सूर्य आत्मसम्मान को ठेस पहुंचने पर जल्दी क्रोध में बदल देता है।
इन ग्रहों की स्थिति का मूल्यांकन किसी योग्य ज्योतिषाचार्य से करवाना उचित होता है।
गुस्से से मुक्ति के लिए प्रभावशाली ज्योतिष उपाय
यदि आप सच में अपने स्वभाव को संतुलित करना चाहते हैं, तो नीचे दिए गए उपाय आपके लिए लाभदायक हो सकते हैं:
1. अमावस्या को पितृ तर्पण और गायत्री मंत्र
अमावस्या के दिन पितरों के नाम पर गायत्री मंत्र का जप करें। यह कर्मिक दोषों की शांति लाता है, और मन को स्थिरता देता है।
2. ॐ जूं सः मंत्र का जप – शिव उपासना
शुक्ल पक्ष के सोमवार से शुरू करें। लगातार 21 दिन तक, सुबह शिव मंदिर में बैठकर ‘ॐ जूं सः’ मंत्र की 11 माला जपें। यह मंत्र मस्तिष्क की ऊर्जा को संतुलित कर मन को शांत करता है।
3. जल तत्व का संतुलन बढ़ाएं
गुस्से की ऊर्जा को शांत करने के लिए अपने जीवन में जल तत्व को बढ़ाना बहुत लाभकारी होता है:
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प्रतिदिन ठंडे जल से स्नान करें
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नीले या सफेद रंग के वस्त्र अधिक पहनें
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घर में छोटा जल कुंड या फव्वारा लगवाएं
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नारियल पानी, सादा पानी और फलों का रस अधिक सेवन करें
वास्तु शास्त्र के सरल उपाय: घर से क्रोध को करें विदा
1. रसोई में शीशा लगवाएं
वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार, किचन काउंटर के पास शीशा लगाने से नकारात्मक ऊर्जा का परावर्तन होता है और परिवार में तनाव कम होता है।
2. पूजा स्थल पूर्व या उत्तर दिशा में रखें
घर का पूजा स्थल यदि सही दिशा में हो, तो मानसिक शांति बढ़ती है। ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में मंदिर रखने से वातावरण सकारात्मक बना रहता है।
3. नियमित दीप प्रज्वलन
घर में सुबह-शाम घी का दीपक जलाना अत्यंत शुभ होता है। यह ऊर्जा को स्थिर करता है और क्रोध जैसी भावनाओं को शांत करता है।
कुछ और उपयोगी सुझाव – छोटे कदम, बड़ा असर
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नियमित ध्यान (meditation) और प्राणायाम करें
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रात को सोने से पहले नमक मिले पानी से पैर धोएं
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मानसिक थकान को कम करने के लिए संगीत या हरे रंग का प्रयोग करें
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ज्यादा मसालेदार और गर्म भोजन से बचें