चंडीगढ़, 26 मई: हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने राज्य के दो प्रमुख शहरों — हिसार और यमुनानगर — में शहरी बुनियादी ढांचे के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अमृत 2.0 योजना के अंतर्गत सीवरेज नेटवर्क के विस्तार, पुराने मैनहोल की मरम्मत और नई कॉलोनियों में सीवरेज व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कुल 350 करोड़ रुपये (₹35087.42 लाख) की परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है।
यह फैसला राज्य में स्मार्ट शहरी विकास की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है, जिससे दोनों शहरों में साफ-सफाई, जल निकासी और पर्यावरणीय संतुलन को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
हिसार शहर को सबसे बड़ा फंड — ₹236.78 करोड़
सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, हिसार को इस योजना के तहत ₹23678.86 लाख (लगभग ₹236.78 करोड़) की राशि आवंटित की गई है। इस धनराशि से निम्नलिखित विकास कार्य किए जाएंगे:
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सीवरेज योजना का विस्तार
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200 मिमी से 1200 मिमी तक की नई सीवर लाइनों की स्थापना
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पुराने ईंट सीवर की मरम्मत और सीआईपीपी तकनीक से सुधार
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2 एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) का निर्माण
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5 आईपीएस (इंटरसेप्टर पंपिंग स्टेशन) और 1 एमपीएस (मेन पंपिंग स्टेशन) की स्थापना
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सैकड़ों मैनहोलों का निर्माण और उनकी मरम्मत
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पुराने स्लैब को ऊपर उठाना या नीचे करना ताकि जल निकासी में सुधार हो
इन कार्यों से हिसार में जलभराव की समस्या में कमी आएगी और नागरिकों को अधिक स्वच्छ और टिकाऊ शहरी ढांचा मिलेगा।
यमुनानगर शहर को ₹114.08 करोड़ की परियोजनाएं
वहीं दूसरी ओर, यमुनानगर के लिए ₹11408.56 लाख (लगभग ₹114.08 करोड़) की परियोजनाओं को हरी झंडी दी गई है।
यह राशि 12 नई स्वीकृत कॉलोनियों में सीवर लाइनों की स्थापना और अमृत 2.0 योजना के तहत उप-नगरीय क्षेत्रों में सीवरेज बिछाने के लिए खर्च की जाएगी।
इससे यमुनानगर के नए विकसित क्षेत्रों में सुनियोजित जल निकासी तंत्र की स्थापना होगी और स्थानीय नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य और स्वच्छता की सुविधा मिलेगी।
क्या है अमृत 2.0 योजना?
AMRUT (Atal Mission for Rejuvenation and Urban Transformation) 2.0 भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य देश के शहरों में जल आपूर्ति, सीवरेज, हरित क्षेत्र, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और पारगमन सुविधाओं का विकास करना है।
अमृत 2.0 का लक्ष्य शहरी भारत को सतत और समावेशी ढंग से विकसित करना है, जहां हर नागरिक को बेहतर बुनियादी सुविधाएं मिल सकें।