Amarnath Yatra 2025: पहलगाम पर सुरक्षा की डिजिटल ढाल,अब अमरनाथ यात्रा पर हर चेहरा रहेगा नजर में !

चंडीगढ़, 10 जून: जम्मू-कश्मीर की वादियों में हर साल हजारों श्रद्धालु आस्था की डोर से बंधे अमरनाथ यात्रा पर निकलते हैं। परंपराओं से जुड़ी इस कठिन और पवित्र यात्रा को लेकर सरकार और सुरक्षा एजेंसियां भी हर साल मुस्तैद रहती हैं। इस बार अमरनाथ यात्रा 2025 को और अधिक सुरक्षित बनाने की दिशा में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक बड़ा और अहम कदम उठाया है।

अधिकारियों के अनुसार, अमरनाथ यात्रा के पहलगाम मार्ग पर हाईटेक तकनीक के तहत फेस रिकग्निशन सिस्टम (चेहरा पहचानने की प्रणाली) को सक्रिय कर दिया गया है। यह क्षेत्र पूर्व में आतंकी गतिविधियों से प्रभावित रहा है, ऐसे में यह प्रणाली संभावित खतरों को समय रहते पहचानने और उन्हें नाकाम करने के उद्देश्य से स्थापित की गई है।

कैसे काम करता है यह सिस्टम?

फेस रिकग्निशन सिस्टम (F.R.S.) विशेष रूप से ऐसे सॉफ्टवेयर से युक्त है, जो निगरानी कैमरों से जुड़ा हुआ रहता है। इसमें पहले से दर्ज किए गए सक्रिय और संदिग्ध आतंकवादियों के चेहरे मौजूद हैं। जब भी कोई ऐसा चेहरा कैमरे के दायरे में आता है जो इन तस्वीरों से मेल खाता हो, तो प्रणाली तुरंत ही अलर्ट जारी करती है। इस अलर्ट के साथ निगरानी केंद्र में हूटर बजने लगता है, जिससे सुरक्षा बलों को तत्काल सतर्क किया जा सके।

पल-पल की निगरानी

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सिस्टम को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह पूरी तरह रियल टाइम में काम करता है। यानी किसी भी संदिग्ध की पहचान होते ही बिना देर किए सुरक्षा एजेंसियों को सूचना मिल जाती है। इससे प्रतिक्रिया देने में समय की बचत होती है और किसी भी संभावित हमले को रोका जा सकता है।

अमरनाथ यात्रा पर विशेष सुरक्षा व्यवस्था

हर साल लाखों श्रद्धालु बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए कठिन रास्तों से होकर गुफा तक पहुंचते हैं। लेकिन सुरक्षा के लिहाज से यह क्षेत्र संवेदनशील भी माना जाता है। आतंकी खतरे को देखते हुए सुरक्षा बलों ने यात्रा के दौरान कई स्तरों पर निगरानी तंत्र स्थापित किए हैं, जिनमें अब यह नई प्रणाली भी शामिल हो गई है।

अधिकारी ने कहा कि यह सिर्फ तकनीकी पहल नहीं है, बल्कि यह एक कदम है तीर्थयात्रियों को निडर वातावरण प्रदान करने का, ताकि वे पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ इस यात्रा को संपन्न कर सकें। उन्होंने बताया कि यदि किसी ऐसे व्यक्ति की मौजूदगी दर्ज होती है जो पहले से पुलिस के संदेह के घेरे में है, तो मौके पर मौजूद बलों को तुरंत उसकी जानकारी दी जाएगी।