गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश का मामला, अमेरिकी अदालत ने जारी किया अजीत डोभाल को समन !

चंडीगढ़, 27 फरवरी: अमेरिकी संघीय अदालत में दर्ज एक याचिका के बाद भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को समन जारी किया गया है। यह मामला सिख कार्यकर्ता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साजिश से जुड़ा है, जिसमें भारत सरकार, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) और अन्य अधिकारियों पर संलिप्तता के आरोप लगाए गए हैं।

क्या है मामला?
पन्नू की याचिका के अनुसार, भारत सरकार ने निखिल गुप्ता नाम के व्यक्ति को पन्नू की हत्या के लिए हायर किया था। हालांकि, इस साजिश का खुलासा तब हुआ जब गुप्ता द्वारा नियुक्त हिटमैन असल में अमेरिका का अंडरकवर एजेंट निकला। इस मामले में गुप्ता को 2023 में गिरफ्तार किया गया था और वर्तमान में वह चेक गणराज्य में प्रत्यर्पण की कार्यवाही का सामना कर रहा है।
पन्नू के आरोप
पन्नू ने आरोप लगाया कि यह साजिश भारत सरकार की एक व्यापक रणनीति का हिस्सा थी, जिसमें उन सिख कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया गया जो:
•पंजाब में सिखों के आत्मनिर्णय के अधिकार की मांग कर रहे हैं।
•भारत में अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न की आलोचना कर रहे हैं।
•मानवाधिकार हनन के मामलों को उजागर कर रहे हैं।
डोभाल को समन सौंपने की प्रक्रिया
याचिका के अनुसार, पन्नू ने दो कानूनी एजेंसियों और एक निजी जांच एजेंसी की मदद से अमेरिका में डोभाल के दौरे के दौरान समन सौंपने की कोशिश की। अमेरिकी सीक्रेट सर्विस के अधिकारियों ने समन स्वीकार करने से इनकार कर दिया, लेकिन अदालत के आदेश के बाद 12 फरवरी 2025 को डोभाल को वैकल्पिक माध्यमों से समन जारी कर दिया गया।
अब आगे क्या?
अगर समन देने की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, तो अजीत डोभाल को 21 दिनों के भीतर अमेरिकी अदालत में जवाब दाखिल करना होगा। पन्नू ने कहा कि यह साजिश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर रची गई और यह अमेरिकी संप्रभुता का उल्लंघन है। उन्होंने उम्मीद जताई कि ट्रांसनेशनल रेप्रेशन (सीमा-पार दमन) में शामिल लोगों को कानून के कठघरे में लाया जाएगा।
पन्नू के वकील का बयान
पन्नू के वकील मैथ्यू बोर्डन (BraunHagey & Borden, LLP) ने कहा,“हमने अजीत डोभाल के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। वह इस मामले में प्रमुख प्रतिवादी हैं और अब अपनी संलिप्तता को छिपा नहीं सकते। हम इस मामले में न्याय सुनिश्चित करने के लिए तत्पर हैं।”
भारत सरकार की प्रतिक्रिया
अब तक भारत सरकार या अजीत डोभाल की ओर से इस मामले में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, इससे पहले भारत सरकार ने इस तरह के आरोपों को निराधार और भारत की छवि खराब करने की कोशिश करार दिया था।
यह मामला भारत-अमेरिका संबंधों में नई कूटनीतिक चुनौती खड़ी कर सकता है, क्योंकि हाल के वर्षों में दोनों देशों के बीच रणनीतिक और सुरक्षा संबंध मजबूत हुए हैं।