Air India Plane Crash: DVR, ब्लैक बॉक्स और वॉयस रिकॉर्डर मिले — ATS के हाथ लग सकती है हादसे की ‘कुंजी!

चंडीगढ़, 13 जून: अहमदाबाद में एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 का क्रैश पूरे देश को झकझोरने वाला हादसा बन गया है। हादसे के कुछ ही मिनटों बाद जब विमान टेकऑफ के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हुआ, तब सवाल उठने लगे कि क्या ये केवल तकनीकी गड़बड़ी थी या किसी साजिश की बू भी है?

अब इस हादसे की तह में जाने का असली सिलसिला शुरू हो चुका है, क्योंकि क्रैश साइट से विमान का ब्लैक बॉक्स, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) और डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (DVR) बरामद कर लिए गए हैं।

क्या है DVR और ब्लैक बॉक्स?

  • ब्लैक बॉक्स: विमान का वह यंत्र होता है जिसमें उड़ान के तकनीकी डेटा जैसे इंजन की स्थिति, स्पीड, अल्टीट्यूड, ऑटो-पायलट सेटिंग्स आदि रिकॉर्ड होते हैं।

  • कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR): पायलट और को-पायलट के बीच की बातचीत, अलार्म साउंड और कॉकपिट के वातावरण की आवाज़ें रिकॉर्ड करता है।

  • DVR: अगर विमान में कैमरे लगे हों तो उससे मिली फुटेज इसमें सेव होती है।

इन तीनों उपकरणों में जमा डेटा अब इस बात की चाबी हो सकता है कि विमान ने आखिरी क्षणों में क्या झेला, पायलट्स ने किन हालात में निर्णय लिए और कोई बाहरी हस्तक्षेप तो नहीं हुआ?

ATS को सौंपी गई जांच: सिर्फ तकनीकी खामी नहीं, हो सकता है साजिश का संकेत

  • गुजरात ATS को अब इस मामले की जांच सौंप दी गई है, जो दर्शाता है कि मामला सिर्फ एक दुर्घटना से आगे कुछ और हो सकता है।

  • जांच एजेंसियों को शक है कि यह हादसा किसी सिस्टम फेलियर का परिणाम नहीं, बल्कि संभवतः मानव-जनित या जानबूझकर कराई गई घटना भी हो सकती है।

  • ATS की टीम ने DVR अपने कब्जे में ले लिया है और सुरक्षा, आतंकी एंगल और साइबर दखल समेत हर पहलू की गहराई से जांच शुरू कर दी है।

फॉरेंसिक जांच भी तेज़ी से आगे बढ़ी

  • फॉरेंसिक टीम ने क्रैश साइट से विमान के हिस्से, जले हुए उपकरण, खून के सैंपल, और अन्य मलबा इकट्ठा किया है।

  • इन सैंपलों को अब विशेषज्ञ लैब में भेजा गया है, जहां उनके माध्यम से यह पता लगाने की कोशिश की जाएगी कि कोई विस्फोटक, केमिकल या बाहरी छेड़छाड़ तो नहीं हुई?

क्या कहता है प्रशासन?

एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार:

“ब्लैक बॉक्स और वॉयस रिकॉर्डर में वह सच्चाई छिपी है जो किसी चश्मदीद की तरह क्रैश के हर पल को दर्ज कर चुकी है। पायलट्स ने क्या बात की, किन हालातों का सामना किया — सब कुछ अब जांच के दायरे में आएगा।”

अब क्या उम्मीदें हैं?

  • डेटा एनालिसिस के बाद ही ये तय हो सकेगा कि यह दुर्घटना थी, लापरवाही थी, या कोई रची गई साजिश।

  • ATS, DGCA और फॉरेंसिक टीमें आपसी समन्वय से डेटा की बारीकी से जांच करेंगी।

  • इससे पहले भी कई अंतरराष्ट्रीय विमान हादसों की असली वजह ब्लैक बॉक्स की मदद से ही सामने आई है।