चंडीगढ़, 17 जून: भारत की प्रमुख अंतरराष्ट्रीय विमान सेवा एयर इंडिया एक बार फिर सुर्खियों में है—और इस बार कारण वही है, जो यात्री सबसे कम उम्मीद करते हैं: तकनीकी खराबी। मंगलवार तड़के, सैन फ्रांसिस्को से मुंबई जा रही फ्लाइट AI180 को कोलकाता एयरपोर्ट पर आपात स्थिति में लैंडिंग करनी पड़ी, क्योंकि उड़ान के दौरान विमान के बाएं इंजन में गंभीर तकनीकी गड़बड़ी पाई गई। यात्रियों को लगभग चार घंटे बाद विमान से उतारा गया, और उस वक्त तक केबिन के भीतर भय और आशंका का माहौल छा चुका था।
घटना की टाइमलाइन: क्या हुआ कब?
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रात 12:45 बजे: फ्लाइट AI180 कोलकाता हवाई अड्डे पर पहुंची।
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इमरजेंसी चेकिंग: पायलट ने इंजन की अनियमितता नोट की और ज़मीन पर उतरते ही तकनीकी जांच करवाई।
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सुबह 5:20 बजे: यात्रियों को सावधानीपूर्वक विमान से बाहर निकाला गया।
एयर इंडिया की ओर से बयान जारी कर कहा गया कि “यात्रियों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। इंजन की खराबी की आशंका होते ही एहतियातन यह फैसला लिया गया।”
लंबी उड़ान, और लंबा इंतज़ार: यात्री बोले – ‘काफी डर गए थे’
उड़ान में सवार कई यात्रियों ने अनुभव साझा करते हुए बताया कि वे पहले तो इस स्टॉपओवर को रूटीन समझ बैठे, लेकिन जब एयरक्राफ्ट में काम कर रहे टेक्निकल स्टाफ और पायलट की गंभीरता बढ़ती गई, तो बात की गंभीरता समझ आई।
एक यात्री ने कहा, “हमने जान बचने के लिए भगवान का शुक्रिया अदा किया।”
हाल के अन्य विमान हादसे और घटनाएं: क्या उड़ानें अब पहले जितनी सुरक्षित नहीं रहीं?
1. अहमदाबाद–लंदन फ्लाइट हादसा (AI-171):
महज कुछ दिन पहले, अहमदाबाद से लंदन जाने वाली फ्लाइट बीजे मेडिकल कॉलेज के छात्रावास भवन से टकरा गई।
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कुल सवार: 241 लोग
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बचा सिर्फ एक यात्री
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यह अब तक की सबसे भीषण विमान दुर्घटनाओं में गिनी जा रही है।
2. AI315 – हांगकांग से दिल्ली: बीच रास्ते लौटी
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तकनीकी समस्या के कारण फ्लाइट को हांगकांग लौटाया गया।
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यह विमान बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर था।
3. ब्रिटिश एयरवेज BA35 – फ्लैप सिस्टम फेल
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उड़ान के 45 मिनट बाद ही फ्लैप सिस्टम में गड़बड़ी
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लगभग दो घंटे हवा में चक्कर काटता रहा विमान
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अतिरिक्त ईंधन हवा में छोड़ा गया, फिर सुरक्षित लैंडिंग हुई
4. लुफ्थांसा LH752 – बम की धमकी से मचा हड़कंप
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जर्मनी से हैदराबाद आ रही फ्लाइट
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बम धमकी वाले ईमेल के बाद फ्लाइट को फ्रैंकफर्ट लौटाया गया
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SOP के अनुसार सभी यात्रियों की जांच की गई, कोई बम नहीं मिला
5. लखनऊ एयरपोर्ट – सऊदी फ्लाइट में धुआं
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जेद्दा से लखनऊ पहुंची फ्लाइट के लैंडिंग गियर से धुआं निकलता देखा गया
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फायर ब्रिगेड ने समय रहते स्थिति संभाली
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कोई यात्री घायल नहीं हुआ
बढ़ती घटनाएं, घटती विश्वसनीयता: क्या उड़ानों की जांच प्रणाली कमज़ोर हो गई है?
पिछले कुछ हफ्तों में भारत और विश्व स्तर पर हवाई तकनीकी विफलताओं की घटनाएं बढ़ी हैं। चाहे इंजन फेल हो, फ्लैप सिस्टम में गड़बड़ी या सॉफ्टवेयर अलर्ट—हर बार सवाल उठता है: क्या हम अपनी उड़ानों की सुरक्षा को लेकर पर्याप्त सतर्क हैं?
विशेषज्ञ मानते हैं कि:
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एयरक्राफ्ट की नियमित जांच के मानकों को कड़ाई से लागू करना जरूरी है
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पुराने विमानों की तकनीकी स्थिति पर ज़्यादा निगरानी होनी चाहिए
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क्रू मेंबर्स और टेक्निकल स्टाफ की रियल-टाइम ट्रेनिंग बढ़ाई जानी चाहिए
DGCA और सरकार की ज़िम्मेदारी क्या बनती है?
भारत की एविएशन अथॉरिटी DGCA (नागर विमानन महानिदेशालय) को अब ज़रूरत है कि वह इन घटनाओं का सामूहिक ऑडिट करे और सभी प्रमुख एयरलाइनों के विमानों की सुरक्षा जांच फिर से कराए।
क्या एयर इंडिया ने सब कुछ ठीक किया? या यह खतरे की घंटी है?
हालांकि एयर इंडिया ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए त्वरित निर्णय लिया और सभी यात्रियों को सुरक्षित निकाला, पर यह घटना यह भी दर्शाती है कि हमारी उड़ानों की ‘इन-फ्लाइट विश्वसनीयता’ लगातार सवालों के घेरे में है।