चंडीगढ़, 8 मई: भारतीय सेना ने हाल ही में एक ऐसा रणनीतिक कदम उठाया है, जिसने न सिर्फ सीमापार बैठे दुश्मनों की नींद उड़ा दी है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत की सैन्य ताकत और तैयारियों का डंका बजा दिया है। इस गुप्त और बेहद सटीक अभियान को नाम दिया गया है – ‘ऑपरेशन सिंदूर’, जो अब देश की सैन्य इतिहास में एक नए अध्याय की शुरुआत बन चुका है।
6 और 7 मई की दरम्यानी रात को अंजाम दिए गए इस ऑपरेशन के तहत भारत ने पाकिस्तान के भीतर और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoJK) में मौजूद कई महत्वपूर्ण सैन्य और आतंकी ठिकानों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया। खास बात यह रही कि इस बार भारतीय सेना ने पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम और मिसाइल लॉन्चिंग साइट्स को निशाना बनाते हुए ऐसे स्थानों पर हमला किया, जिन्हें दुश्मन अपनी सबसे बड़ी ताकत मानता रहा है।
एयर डिफेंस सिस्टम पूरी तरह ध्वस्त, दुश्मन की रणनीति को बड़ा झटका
इस ऑपरेशन में भारतीय सेना की वायु शक्ति और तकनीकी कौशल की झलक स्पष्ट रूप से दिखाई दी। अत्याधुनिक तकनीक से लैस भारतीय सशस्त्र बलों ने ऐसे ठिकानों पर हमला किया, जिनकी सुरक्षा के लिए पाकिस्तान वर्षों से अरबों रुपये खर्च कर रहा था। अब वही एयर डिफेंस सिस्टम न सिर्फ निष्क्रिय हो चुके हैं, बल्कि उनकी मरम्मत और पुनर्निर्माण में लम्बा समय लग सकता है। इससे पाकिस्तान की हवाई सुरक्षा प्रणाली को गहरा झटका लगा है, और भविष्य में भारत की किसी भी सैन्य कार्रवाई का जवाब देने की उनकी क्षमता पर सवालिया निशान लग गया है।
गोपनीयता और सटीकता: ऑपरेशन की दो मजबूत नींव
इस पूरे अभियान की योजना अत्यंत गोपनीय तरीके से बनाई गई थी। सीमित और विश्वसनीय उच्च स्तरीय अधिकारियों की एक टीम ने महीनों पहले से इसका खाका तैयार करना शुरू कर दिया था। जमीनी स्तर की खुफिया जानकारी, उपग्रह चित्रण, और इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस की मदद से हर टारगेट की पहचान की गई। जब समय आया, तो ऑपरेशन को इस तरह अंजाम दिया गया कि दुश्मन को सम्भलने का भी मौका नहीं मिला।
सामरिक संतुलन में भारत का वर्चस्व स्थापित
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से भारत ने न सिर्फ पाकिस्तान की रक्षा व्यवस्था को कमजोर किया है, बल्कि पूरी दुनिया को यह स्पष्ट संदेश भी दिया है कि भारत की शांति नीति को उसकी कमजोरी न समझा जाए। भारत, जब चाहे, सीमाओं के पार जाकर भी ऐसे निर्णायक कदम उठा सकता है, जो युद्ध के बिना ही युद्ध जैसी स्थिति पैदा कर दें।
इस सैन्य कार्रवाई ने यह भी दर्शाया है कि भारत अब पारंपरिक सुरक्षा रणनीतियों से आगे बढ़ चुका है और नई तकनीकों, उन्नत हथियार प्रणालियों और साइबर वॉरफेयर जैसी आधुनिक प्रणालियों का कुशलता से उपयोग कर सकता है। यही कारण है कि इस ऑपरेशन को क्षेत्रीय सुरक्षा संतुलन में भारत के प्रभुत्व की नई मिसाल माना जा रहा है।
सख्त संदेश और भविष्य की तैयारी
‘ऑपरेशन सिंदूर’ केवल एक जवाबी हमला नहीं था – यह एक संदेश था। उन आतंकी गुटों को, जो सीमा पार बैठकर भारत में अस्थिरता फैलाने की कोशिश करते हैं। और साथ ही, उन देशों को भी, जो इन्हें पनाह देते हैं और रणनीतिक मदद पहुँचाते हैं। यह मिशन यह बताने के लिए काफी है कि भारत अब रक्षात्मक नीति से निकलकर, आवश्यक होने पर आक्रामक रुख अपनाने से भी नहीं हिचकिचाएगा।