चंडीगढ़, 17 जून: 12 जून को देश ने सिर्फ एक विमान दुर्घटना नहीं देखी, बल्कि सैकड़ों परिवारों के सपने टूटते और एक बाप का सबसे बड़ा सहारा छिनते देखा। अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हुए एअर इंडिया फ्लाइट AI-171 के पायलट कैप्टन सुमित सभरवाल का पार्थिव शरीर मंगलवार सुबह मुंबई लाया गया। जहां उनका इंतजार कर रहे थे सिर्फ उनके बुजुर्ग पिता पुष्करराज सभरवाल — जो अब बिल्कुल अकेले रह गए हैं।
एक पिता का टूटता हुआ संसार
पुष्करराज सभरवाल की आंखें कुछ नहीं कहतीं, लेकिन उनका चेहरा हर दर्द बयान कर रहा था।
सुमित की मां का निधन दो साल पहले हो गया था, और तब से बेटे ने मां की कमी को भरने के लिए हर ज़िम्मेदारी खुद उठा ली थी। ना शादी की, ना कोई और सहारा ढूंढा — बस पिता की सेवा को ही अपनी प्राथमिकता बना लिया।
दोनों साथ रहते थे, साथ खाते थे, साथ चलते थे। और अब, उसी बेटे को ताबूत में देखकर एक पिता का दिल हमेशा के लिए बुझ गया।
मुंबई की गलियों में गूंजता एक नाम — सुमित
कैप्टन सुमित सभरवाल (56) को जानने वाले हर शख्स के लिए वे सिर्फ एक पायलट नहीं, बल्कि एक विनम्र, ज़िम्मेदार और पारिवारिक इंसान थे।
मंगलवार सुबह जब विमान उनका शव लेकर मुंबई एयरपोर्ट उतरा, तो हर कोई खामोश खड़ा था।
जल वायु विहार, पवई स्थित उनके आवास के बाहर बड़ी संख्या में रिश्तेदार, मित्र और स्थानीय निवासी उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि देने पहुंचे।
प्रशिक्षित पायलट, भरोसेमंद बेटा
8,200 घंटे उड़ान का अनुभव रखने वाले कैप्टन सभरवाल उन गिने-चुने पायलट्स में से थे जिन्हें एयर इंडिया में बेहद भरोसेमंद माना जाता था। उनके साथ फ्लाइट में सहयोगी पायलट थे फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर, जिनके पास 1,100 घंटे का अनुभव था।
12 जून की उस काली रात, एअर इंडिया का विमान AI-171 जब अहमदाबाद के बीजे मेडिकल कॉलेज के छात्रावास से टकराया, तो कुछ ही पलों में 242 सवारियों की सांसें थम गईं।
सिर्फ एक ब्रिटिश नागरिक ही ज़िंदा बचा — बाकी सबके जीवन की डोर कट गई।
एक अधूरा सपना और पिता का बेसहारा भविष्य
सुमित सभरवाल की एक इच्छा थी — पिता के साथ रिटायरमेंट के बाद किसी शांत जगह पर जीवन बिताना।
इस हादसे से कुछ ही दिन पहले उन्होंने दोस्तों से चर्चा की थी कि वे जल्दी ही नौकरी छोड़ सकते हैं ताकि पापा की देखभाल पूरी तरह कर सकें।
लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।
अब पुष्करराज सभरवाल के पास न तो बेटा है, न पत्नी — बस यादें हैं और तस्वीरें, जिनके सहारे उन्हें हर सुबह जागना और हर रात सोना होगा।