हरियाणा के कृषि मंत्री का कड़ा एक्शन; ड्यूटी से गायब 4 अधिकारी सस्पेंड!

Haryana Agriculture Minister Action

Haryana Agriculture Minister Action:हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री श्याम सिंह राणा ने सरकारी कार्यों में लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के चार अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश जारी किया।

यह सख्त कार्रवाई तब की गई जब मंत्री ने यमुनानगर जिले की सढौरा और रायपुर रानी अनाज मंडियों का औचक निरीक्षण किया

और पाया कि मंडी सचिव और नीलामी रिकॉर्डर अपनी ड्यूटी से गैरहाजिर थे।

निरीक्षण के दौरान, जब सढौरा अनाज मंडी में रिकॉर्ड की जांच की गई तो मंडी सचिव धर्मेंद्र सिंह और नीलामी रिकॉर्डर बिजेंद्र सिंह ड्यूटी पर मौजूद नहीं मिले।

इसके बाद कृषि मंत्री ने रायपुर रानी अनाज मंडी का भी दौरा किया, जहां मंडी सचिव नवदीप सिंह

और नीलामी रिकॉर्डर राजकुमार भी अपनी ड्यूटी से नदारद पाए गए। इस पर मंत्री ने मौके पर ही चारों अधिकारियों को निलंबित करने के आदेश दे दिए।

श्री श्याम सिंह राणा ने बताया कि इन मंडियों में अधिकारियों की गैरमौजूदगी को लेकर किसानों की ओर से लगातार शिकायतें मिल रही थीं।

शिकायतों की पुष्टि के लिए उन्होंने बिना किसी पूर्व सूचना के निरीक्षण करने का निर्णय लिया।

उन्होंने स्पष्ट किया कि जो भी अधिकारी-कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से नहीं लेंगे,

उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

निरीक्षण के दौरान कृषि मंत्री ने मंडी रिकॉर्ड रजिस्टर की भी गहन जांच की और अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि किसानों को सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं।

उन्होंने उच्च अधिकारियों को यह भी सख्त हिदायत दी कि सभी कर्मचारी समय पर अपनी ड्यूटी पर मौजूद रहें

ताकि किसानों को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।

Haryana Agriculture Minister Action: औचक निरीक्षण जारी रहेंगे

श्री श्याम सिंह राणा ने कहा कि आने वाले समय में भी प्रदेश की सभी मंडियों और सरकारी कार्यालयों का औचक निरीक्षण किया जाएगा।

उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि लापरवाही और गैरजिम्मेदार रवैये को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

“हमारी सरकार किसानों के हितों को प्राथमिकता देती है। यदि कोई अधिकारी अपनी ड्यूटी ठीक से नहीं निभाएगा,

तो उसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।” – श्याम सिंह राणा, कृषि मंत्री, हरियाणा

हरियाणा एक कृषि प्रधान राज्य है,

जहां अनाज मंडियां किसानों के लिए व्यापार और उपज की बिक्री का मुख्य केंद्र होती हैं।

यदि मंडी अधिकारियों की अनुपस्थिति जैसी लापरवाही जारी रहती है,

तो इससे किसानों को अपनी फसल बेचने में असुविधा होती है, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान भी हो सकता है।

कृषि मंत्री के इस सख्त कदम से अधिकारियों और कर्मचारियों को यह संदेश मिल गया है

कि लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

इससे सरकारी कार्यों में पारदर्शिता आएगी और किसानों को समय पर सेवाएं मिलेंगी।

प्रदेश सरकार ने पहले भी सरकारी कामकाज में सुधार लाने के लिए कई कदम उठाए हैं।

इस कार्रवाई से न केवल मंडी प्रशासन में अनुशासन बना रहेगा,

बल्कि अन्य विभागों के अधिकारी भी अपनी जिम्मेदारियों को अधिक गंभीरता से लेंगे।

हरियाणा सरकार का यह कड़ा रुख यह साबित करता है कि किसानों के हितों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा,

और प्रशासन को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने के लिए औचक निरीक्षण और सख्त फैसले आगे भी लिए जाते रहेंगे।