नई रणनीति, नए चेहरे -AAP के 4 मंत्री बाहर, 5 नए मंत्री शपथ लेने को तैयार!

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Aap Ministers: दिल्ली के बाद अब पंजाब में आम आदमी पार्टी ने एक और बड़ा कदम उठाते हुए कैबिनेट में बड़ा फेरबदल करने का ऐलान किया है।

बता दे की मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मिलकर कैबिनेट विस्तार के लिए समय मांगा है।

यह फेरबदल आने वाले सोमवार को चंडीगढ़ स्थित राजभवन में एक समारोह के दौरान होगा, जिसमें नए मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी।

आम आदमी पार्टी की ढाई वर्ष पुरानी सरकार में यह चौथा मौका होगा जब कैबिनेट में फेरबदल किया जा रहा है।

इस बार के फेरबदल में 4 मंत्रियों ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है और 5 नए मंत्रियों को शामिल किया जा सकता है।

यह फेरबदल काफी समय से चर्चाओं में था, और अब आखिरकार इसे अमल में लाया जा रहा है।

Aap Ministers कौन होंगे नए चेहरे?

पंजाब सरकार के सूत्रों के अनुसार, इस फेरबदल में बलकार सिंह, ब्रह्म शंकर गिम्पा, चेतन सिंह जौरामाजरा और अनमोल गगनमान को मंत्रिमंडल से हटाया जा सकता है।

इनकी जगह हरदीप सिंह मुंडियां, बरिंदर कुमार गोयल, डॉ. रवजोत सिंह, तरनप्रीत सिंह सौंद और मोहिंदर भगत को कैबिनेट में जगह मिलने की संभावना है।

सूत्रों के मुताबिक, शपथ समारोह सोमवार शाम 5 बजे चंडीगढ़ में होगा।

हालांकि, पार्टी के नेता अभी इस विषय पर कुछ भी कहने से बच रहे हैं।

लेकिन कैबिनेट के ये नए चेहरे पंजाब की राजनीति में नए बदलाव का संकेत दे रहे हैं।

कैबिनेट बदलाव की ज़रूरत क्यों?

पिछले कुछ समय से कैबिनेट में फेरबदल की चर्चा ज़ोरों पर थी।

इसका एक मुख्य कारण बरनाला से विधायक गुरमीत सिंह मीत हेयर का सांसद बनना है।

लोकसभा चुनाव में जीतने के बाद उन्होंने विधानसभा और मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।

अब उनकी जगह एक नए चेहरे को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है।

इसके अलावा चार और नए मंत्री भी कैबिनेट का हिस्सा बन सकते हैं,

जो कि सरकार के कामकाज को और मज़बूत बना सकते हैं।

आम आदमी पार्टी का बढ़ता प्रभाव…

पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 में ‘आप’ ने 92 सीटों पर जीत हासिल कर पहली बार राज्य में सरकार बनाई थी।

फिलहाल भगवंत मान सरकार में 15 मंत्री हैं, जबकि पंजाब कैबिनेट में कुल 18 मंत्री हो सकते हैं।

इस बदलाव के बाद सरकार की नीति और प्रशासन पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है।

आम आदमी पार्टी का यह फेरबदल पंजाब की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।

अब देखना यह होगा कि यह फेरबदल पार्टी और सरकार के लिए किस तरह से फायदेमंद साबित होता है,

और जनता के बीच इसका क्या प्रभाव पड़ता है।