हरियाणा: बिजली संयंत्रों में अपशिष्ट जल का उपयोग शुरू दिसंबर 2024 तक

हरियाणा में जल संरक्षण और जल संबंधी योजनाओं के बारे में सरकारी पहली रिपोर्ट के अनुसार, दिसंबर 2024 तक राज्य के बिजली संयंत्रों में नहरी पानी की जगह उपचारित अपशिष्ट जल का उपयोग किया जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य जल संरक्षण के प्रयासों को बढ़ावा देना है। मुख्य सचिव श्री टी.वी.एस.एन. प्रसाद ने इस बारे में एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बताया।

इसके अलावा, हरियाणा सरकार ने वाटर बॉडी की जियोटैगिंग और प्रबंधन के लिए केंद्र से सराहना प्राप्त की है। श्री प्रसाद ने बताया कि सरकार ने 18,104 तालाबों को जियोटैग किया है और 852 तालाबों का कायाकल्प सफलतापूर्वक किया गया है। इसके अलावा, 1,152 अतिरिक्त वाटर बॉडी को बहाल करने के प्रयास जारी हैं। यह पहल हरियाणा के अमूल्य जल संसाधनों के प्रभावी प्रबंधन और संरक्षण को सुनिश्चित करती है।

मुख्य सचिव ने जल शक्ति अभियान के सकारात्मक परिणामों का भी उल्लेख किया, जिसमें राज्य ने बाढ़ प्रबंधन को बदलकर मानसून से आने वाली बाढ़ के पानी को नहरों में डालकर 50% पानी का पुनः उपयोग करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने बताया कि विलुप्त नदियों-कृष्णावती, दोहान और साहबी को भी पुनर्जीवित किया गया है।

इसके साथ ही, हरियाणा ने अपनी पहली ‘एकीकृत जल संसाधन कार्य योजना’ भी तैयार की है, जो जल अंतर को समझने और जल बचत हस्तक्षेप और आपूर्ति स्तर की योजना बनाने के लिए ब्लॉक स्तरीय जल योजना का संकलन है। इस योजना के अंतर्गत, राज्य ने दिसंबर 2023 तक 2.48 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी की बचत हासिल की है।

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