EVM Vote Counting: भारत में चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) का उपयोग 1998 से किया जा रहा है। EVM ने मतदान प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, कुशल और विश्वसनीय बना दिया है।
EVM के माध्यम से वोटों की गिनती कैसे की जाती है इसकी पूरी प्रक्रिया इस प्रकार है:
1. मतदान के बाद:
मतदान समाप्त होने के बाद EVM को सील कर दिया जाता है और मतदान केंद्र से सुरक्षित स्थान पर ले जाया जाता है।
सभी EVM को एक निर्दिष्ट स्थान पर इकट्ठा किया जाता है, जिसे ‘मतगणना केंद्र’ कहा जाता है।
2. मतगणना केंद्र पर:
मतगणना केंद्र पर चुनाव अधिकारी EVM की सील खोलते हैं और उन्हें एक ‘कंट्रोल यूनिट’ और एक ‘बैलट यूनिट’ में अलग करते हैं।
‘कंट्रोल यूनिट’ एक ‘रीडिंग मशीन’ से जुड़ी होती है।
‘रीडिंग मशीन’ EVM में डाले गए वोटों की संख्या को पढ़ती है और इसे ‘काउंटिंग शीट’ पर दर्ज करती है।
3. वोटों की गिनती:
‘गिनती शीट’ पर दर्ज वोटों की संख्या का मिलान विभिन्न उम्मीदवारों को प्राप्त वोटों की संख्या से किया जाता है।
यह मिलान ‘मतदान अधिकारी’ तथा ‘पार्टी एजेंट’ की उपस्थिति में किया जाता है।
वोटों की गिनती पूरी होने के बाद ‘काउंटिंग ऑफिसर’ नतीजों की घोषणा करता है।
4. VVPAT का उपयोग:
2010 से भारत में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के साथ ‘वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल’ (VVPAT) का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।
VVPAT एक स्वतंत्र इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो मतदाता द्वारा डाले गए वोट की एक पर्ची प्रिंट करके एक सुरक्षित बॉक्स में रखता है।
VVPAT का उपयोग EVM में डाले गए वोटों के रिकॉर्ड को सत्यापित करने के लिए किया जाता है।
EVM की गिनती इसलिए सटीक मानी जाती है क्योंकि:
EVM इलेक्ट्रॉनिक उपकरण हैं जो मानवीय त्रुटि की संभावना को कम करते हैं।
VVPAT का उपयोग EVM में डाले गए वोटों के रिकॉर्ड को सत्यापित करने के लिए किया जाता है।
मतगणना प्रक्रिया ‘गणना अधिकारी’, ‘पार्टी एजेंट’ और अन्य अधिकारियों की देखरेख में होती है।
निष्कर्ष:
EVM ने भारत में चुनावों को अधिक पारदर्शी, कुशल और विश्वसनीय बना दिया है। EVM गिनती एक सटीक प्रक्रिया है जो चुनाव परिणामों को सटीक रूप से दर्शाती है।