Karnal Lok Sabha seat दिग्गजों को हराने के लिए जानी जाती है. इस सीट ने दिग्गजों को यहां से जीत के लिए तरसा दिया है. राजनीति में PhD कहे जाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री स्व. Bhajanlal को यहां से पहली बार 1999 में हार का सामना करना पड़ा था। दिग्गज BJP नेता स्व. सुषमा स्वराज करनाल से जीत के लिए तरस रही थीं. वे Congress के चिरंजीलाल शर्मा से चार बार हारे।
चिरंजीलाल के बेटे कुलदीप शर्मा Haryana विधानसभा में स्पीकर रह चुके हैं. वर्तमान में वह Congress के दिग्गज नेता हैं। अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने 2019 में Congress के टिकट पर BJP के संजय भाटिया के खिलाफ मैदान में उतरे थे. उन्हें देश की दूसरी सबसे बड़ी हार का सामना करना पड़ा. यह अलग बात है कि पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों को यहां की जनता ने खूब प्यार दिया है. चाहे वह संजय भाटिया हों, अश्वनी चोपड़ा हों या अरविंद शर्मा हों। 2004 में Congress के अरविंद शर्मा ने दिग्गज BJP नेता आईडी स्वामी को हराया था. अब 2024 में BJP ने यहां से पूर्व मुख्यमंत्री Manohar Lal को मैदान में उतारा है. सबकी नजरें उनके खिलाफ चुनाव लड़ रहे Congress प्रत्याशी पर हैं.
Karnal seat ब्राह्मण सीट के तौर पर पहचानी जाती है. लेकिन 2014 में Modi लहर में यह मिथक टूट गया. यहां से BJP उम्मीदवार अश्विनी कुमार चोपड़ा ने जीत हासिल की थी. इसके बाद 2029 में Modi के प्रभाव में Punjabi समुदाय से आने वाले संजय भाटिया ने Congress के दिग्गज नेता कुलदीप शर्मा को करीब छह लाख वोटों से हराया। इस सीट पर अब तक 18 बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं. इनमें से 11 बार Congress ने इस सीट पर जीत हासिल की है.
Karnal में पानीपत का महत्वपूर्ण स्थान
Karnal Lok Sabha seat के अंतर्गत आने वाले Karnal और Panipat जिले देश के इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। Panipat की धरती पर लड़ी गई तीन लड़ाइयाँ भारतीय इतिहास में अमिट हैं। Panipat राज्य का दूसरा सबसे ज्यादा टैक्स देने वाला शहर है। गुरुग्राम के बाद Panipat का निर्यात सबसे ज्यादा 16 हजार करोड़ रुपये है। Panipat के कपड़ा उत्पाद पूरी दुनिया में मशहूर हैं।
ये दिग्गज हारे
Bhajanlal को अपने जीवन में पहली बार 1999 में यहां हार का सामना करना पड़ा था। BJP की सुषमा स्वराज 1980, 1984 और 1989 में तीन बार हारीं। करनाल से चार बार जीतने वाले पंडित चिरंजी लाल यहां से आखिरी चुनाव 1996 में हार गए थे। आईडी BJP के टिकट पर दो बार सांसद रहे स्वामी 2004 में कांग्रेस के अरविंद शर्मा से हार गए थे। पूर्व स्पीकर और पंडित चिरंजीलाल के बेटे कुलदीप शर्मा 2019 में BJP के संजय भाटिया से हार गए थे। दो बार सांसद रहे अरविंद शर्मा 2014 में BJP के अश्वनी चोपड़ा के हाथों हार का सामना करना पड़ा।