“प्रकृति का संरक्षण हर इंसान की जिम्मेदारी है,” यह बात हरियाणा के CM Nayab Saini ने पिंजौर के जटायु संरक्षण प्रजनन केंद्र में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि जंगलों की कटाई और मानव गतिविधियों के चलते कई प्रजातियां विलुप्ति की कगार पर हैं।
ऐसे में अधिक से अधिक पेड़ लगाना और वन्यजीवों का संरक्षण करना हम सबका दायित्व है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “गगन, जल और थल—हर स्थान पर रहने वाले जीव प्रकृति की अनमोल धरोहर हैं।
” उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई संरक्षण योजनाओं को प्रदेश में आगे बढ़ाते हुए
राज्य सरकार ने गिद्धों की विलुप्त होती प्रजातियों को बचाने के लिए ठोस कदम उठाए हैं।
पिंजौर स्थित जटायु संरक्षण प्रजनन केंद्र इसी दिशा में किया गया एक बड़ा प्रयास है,
जहां आज 25 सफेद पीठ वाले गिद्धों को खुले आसमान में छोड़ा गया।
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CM Nayab Saini – गिद्धों की घटती संख्या पर चिंता
सैनी ने 1990 के दशक का जिक्र करते हुए कहा कि तब गिद्धों की संख्या करोड़ों में थी, जो अब घटकर लाखों में सिमट गई है।
इसका मुख्य कारण पशुओं में इस्तेमाल होने वाला डाईक्लोफनाक इंजेक्शन है।
मृत पशु का मांस खाने से यह दवा गिद्धों के शरीर में पहुंचती है और उनकी मौत का कारण बनती है।
उन्होंने बताया कि बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (BNHS) के साथ समझौते के तहत गिद्धों के प्रजनन और संरक्षण के लिए पिंजौर केंद्र की स्थापना की गई थी।
आज यह एशिया का सबसे बड़ा गिद्ध प्रजनन केंद्र बन चुका है,
जहां प्राकृतिक और कृत्रिम तरीकों से गिद्धों की संख्या बढ़ाई जा रही है।
संरक्षण केंद्र की उपलब्धियां
केंद्र में सफेद पीठ वाले गिद्धों की संख्या 97, लंबी चोंच वाले गिद्ध 219 और पतली चोंच वाले गिद्ध 62 हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि 2024 तक यहां पैदा हुए गिद्धों की कुल संख्या 404 हो चुकी है।
इस केंद्र में 8 नर्सरी एवियरी, 6 कॉलोनी एवियरी और अन्य आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं।
सरकार का व्यापक दृष्टिकोण
मुख्यमंत्री ने किशोर रीठे और उनकी टीम के प्रयासों की सराहना करते हुए गौरैया चिड़िया के संरक्षण के लिए भी विशेष योजना तैयार करने के निर्देश दिए।
साथ ही, उन्होंने माता मनसा देवी कॉम्प्लेक्स में पक्षी निवास का उद्घाटन करने की जानकारी दी।
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में पर्यावरण, वन और वन्यजीव मंत्री राव नरबीर सिंह,
कालका की विधायक शक्ति रानी शर्मा सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
कार्यक्रम में एक लघु फिल्म भी दिखाई गई,
जिसमें गिद्ध संरक्षण के लिए किए गए प्रयासों को दर्शाया गया।