Kisan Andolan से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। बता दें कि किसानों ने 18 दिसंबर, यानि कल बुधवार को ट्रेनें रोकने का ऐलान किया है।
ये जानकारी देते हुए किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब के नेता सतनाम सिंह पन्नू ने बताया कि पिछले 10 महीनों से देशभर में चल रहे
आंदोलन के दौरान शंभू खानूरी और रतनपुर (राजस्थान) बॉर्डर पर दिल्ली की ओर पैदल बढ़ रहे किसानों के साथ बुरा व्यव्हार किया गया है ।
Kisan Andolan – 25 नवंबर को दिल्ली में हुए आंदोलन
उन्होंने यह भी कहा कि मोदी सरकार और देश का संविधान किसानों
और मजदूरों को उनके अधिकारों को लेने से रोक रहे है,
और उन्हें एक अलग देश का अहसास करवा रहे हैं।
इसी कारण 25 नवंबर को दिल्ली में हुए आंदोलन के दौरान रद्द किए गए तीन कृषि कानूनों को फिर से राज्य सरकारों के हवाले किया गया है।
इसके विरोध में 18 दिसंबर को ट्रेनों को रोकने का निर्णय लिया गया है,
और पंजाब के 18 जिलों में इस आंदोलन की तैयारियां पूरी हैं।
ख़ास बात ये है कि इस आंदोलन में पंजाब के सभी वर्गों के लोग शामिल होंगे,
जिनमें किसान, मजदूर, महिलाएं, युवा, छोटे व्यापारी और दुकानदार शामिल होंगे।
साथ ही किसान नेता ने इसे समाज को बचाने की लड़ाई बताया
और कहा कि मोदी सरकार कृषि बाजार को खत्म करने,
गोदामों को मंडी यार्ड बनाने और किसानों को सस्ते श्रमिकों में बदलने की योजना पर काम कर रही है।
किसानों द्वारा पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और विपक्षी दलों की चुप्पी पर भी सवाल उठाए गए हैं।
तो अब देखना ये होगा की किसानों का अगला कदम क्या होता है।