Gold Silver price – दिसंबर का महीना शादी-ब्याह के लिहाज से खास होता है। लेकिन इस बार बढ़ती सोने और चांदी की कीमतें शादी के जश्न का बजट बिगाड़ रही हैं।
भारतीय बाजार में पिछले कुछ हफ्तों में सोने और चांदी की कीमतों में तेज उछाल देखा गया है।
इस वृद्धि ने न केवल शादी की तैयारियों में लगे परिवारों को चिंतित किया है, बल्कि मध्यम वर्ग के बजट पर भी गहरा असर डाला है।
Gold Silver price – सोने और चांदी के बढ़ते दाम
इस हफ्ते सोने की कीमतें 79,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के करीब पहुंच गई हैं,
जो बीते दो महीने पहले तक 70,000 रुपये के आसपास थीं।
वहीं चांदी की कीमत भी तेजी से बढ़ते हुए 95,000 रुपये प्रति किलोग्राम को पार कर चुकी है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी, बढ़ती महंगाई और निवेशकों की रुचि के कारण सोने और चांदी की कीमतें बढ़ रही हैं।
दिल्ली के सर्राफा बाजार के एक व्यापारी सुनील जैन ने बताया, “शादियों का सीजन चल रहा है, और लोग मजबूरी में खरीदारी कर रहे हैं।
लेकिन इस बार सोने के दाम बढ़ने से लोग या तो कम मात्रा में गहने खरीद रहे हैं या फिर हल्के डिजाइन की चीजें चुन रहे हैं।”
मध्यम वर्ग की जेब पर असर
शादी-ब्याह में गहनों का एक अहम स्थान होता है,
खासकर भारतीय परिवारों में जहां यह परंपरा और संपत्ति दोनों का प्रतीक है।
लेकिन बढ़ती कीमतों ने मध्यम वर्ग के परिवारों को अपने खर्चों में कटौती करने पर मजबूर कर दिया है।
गुड़गांव की रहने वाली एक गृहिणी किरण शर्मा ने कहा, “हमारी बेटी की शादी अगले महीने है।
गहने तो खरीदने ही हैं, लेकिन अब हमें अपने बजट से ज्यादा खर्च करना पड़ रहा है।
कई जरूरी चीजों पर समझौता करना पड़ रहा है।”
Gold Silver price – बाजार में मांग पर असर
हालांकि शादी का सीजन होने के कारण मांग बनी हुई है,
लेकिन ग्राहक पहले के मुकाबले कम खर्च कर रहे हैं।
छोटे आभूषण विक्रेता इस स्थिति से ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।
जयपुर के एक स्थानीय जौहरी रमेश अग्रवाल ने बताया, “पहले ग्राहक शादी के लिए पूरा सेट खरीदते थे,
लेकिन अब सिर्फ अंगूठी या चेन जैसे छोटे गहनों की मांग ज्यादा है।
चांदी की खरीददारी भी कम हुई है क्योंकि इसका दाम भी बढ़ गया है।”
महंगाई का बढ़ता दबाव
विशेषज्ञों का मानना है कि यह वृद्धि फिलहाल जारी रह सकती है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में आर्थिक अनिश्चितता और निवेशकों की सोने में बढ़ती रुचि के चलते कीमतें ऊंचे स्तर पर बनी रह सकती हैं।
हालांकि शादी के सीजन में सोने और चांदी की मांग बनी रहेगी,
लेकिन मध्यम वर्ग और गरीब परिवारों के लिए यह चुनौतीपूर्ण समय है।
अर्थशास्त्री अरुण मेहरा का कहना है, “सोने और चांदी की कीमतें बढ़ने का असर न केवल व्यक्तिगत बजट पर होता है,
बल्कि इससे अन्य उद्योगों पर भी दबाव बढ़ता है।
शादी से जुड़े कपड़ा, सजावट और अन्य क्षेत्रों में भी लोग खर्च घटा सकते हैं।”
समाधान की तलाश में ग्राहक
बढ़ती कीमतों के बावजूद, ग्राहक अब हल्के वजन के गहनों की ओर रुख कर रहे हैं।
कई लोग गहनों की जगह फंक्शन के लिए किराए पर गहने लेने का विकल्प भी चुन रहे हैं।
ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म्स पर भी डिस्काउंट और आसान ईएमआई विकल्पों की ओर ग्राहकों का झुकाव बढ़ा है।
बढ़ती सोने-चांदी की कीमतें इस शादी के सीजन में कई परिवारों के लिए मुश्किलें खड़ी कर रही हैं।
खासकर मध्यम वर्ग के लोग अपने बजट को बनाए रखने के लिए कई चीजों में कटौती कर रहे हैं।
हालांकि, भारतीय समाज में गहनों का महत्व इतना गहरा है कि लोग हर हाल में इसे खरीदने की कोशिश करेंगे, चाहे इसके लिए उन्हें और बड़ी कीमत ही क्यों न चुकानी पड़े।