महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा 10 दिसंबर तक जागरूकता अभियान

Women and Child Development
Women and Child Development : लिंग आधारित हिंसा को समाप्त करने और महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से महिला एवं बाल विकास विभाग ने 10 दिसंबर तक व्यापक जागरूकता अभियान चलाया।

Women and Child Development : अभियान की प्रमुख गतिविधियां

जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती सीमा रोहिला ने बताया कि यह अभियान उपायुक्त श्रीमती मोनिका गुप्ता के दिशानिर्देशन में आयोजित किया गया।
इसके अंतर्गत निम्नलिखित पहल की गईं:
•कानूनी जागरूकता:
घरेलू हिंसा अधिनियम, बाल विवाह अधिनियम, पॉश एक्ट (कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न रोकथाम अधिनियम), पॉक्सो एक्ट
(यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम), और जे.जे. एक्ट (जुवेनाइल जस्टिस एक्ट) के बारे में जानकारी दी गई।
•वन स्टॉप सेंटर और अन्य योजनाएं:
विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न स्तरों (जिला, ब्लॉक, और ग्राम) पर कार्यक्रम आयोजित किए गए।
•शपथ समारोह और वेबिनार:
स्कूलों और विभिन्न विभागों में शपथ समारोह आयोजित किए गए।
•आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की भागीदारी:
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर जानकारी दी।
•कार्यशालाएं और प्रभात फेरी:
कार्यशालाओं और प्रभात फेरियों के माध्यम से जागरूकता बढ़ाई गई।

बाल विवाह मुक्त भारत अभियान

•27 नवंबर को अभियान का शुभारंभ:
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने 27 नवंबर को बाल विवाह मुक्त भारत अभियान की शुरुआत की।
•ऑनलाइन शपथ:
बाल विवाह मुक्त भारत की शपथ ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से भी ली गई।
•लक्ष्य: भारत सरकार ने वर्ष 2047 तक देश को बाल विवाह मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है।
बाल विवाह रोकने के लिए सहयोग का आह्वान
सुरक्षा एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी श्रीमती सोनिया सबरवाल ने बताया कि बाल विवाह एक गंभीर समस्या है,
जिसे समाप्त करने के लिए आमजन का सहयोग आवश्यक है।
अभियान का उद्देश्य
यह जागरूकता अभियान न केवल महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों को संरक्षित करने का प्रयास है,
बल्कि समाज को लिंग आधारित हिंसा से मुक्त बनाने और एक न्यायपूर्ण व समानता आधारित समाज की दिशा में कदम बढ़ाने का भी उद्देश्य रखता है।