धर्मशाला के कांगड़ा नृत्यों ने गीता महोत्सव में मचाई धूम!

International Gita Mahotsav

International Gita Mahotsav : अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव कुरुक्षेत्र में संगीतांजलि कला केंद्र धर्मशाला के कलाकारों ने अपनी मनमोहक प्रस्तुतियों से दर्शकों का दिल जीत लिया।

झमाकड़ा, कांगड़ी गिद्दा और नाटी जैसे लोक नृत्य महोत्सव के छठे दिन आकर्षण का केंद्र बने।

कलाकारों की शानदार प्रस्तुतियों पर दर्शकों ने खूब तालियां बजाईं।

उत्साहपूर्ण स्वागत और सराहना:

हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने महोत्सव का शुभारंभ किया, जहां संगीतांजलि कला केंद्र के कलाकारों ने नाटी नृत्य के साथ उनका स्वागत किया।

केंद्र के प्रबंध निदेशक, डॉ. जनमेजय गुलेरिया ने बताया कि उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, पटियाला के सहयोग से यह प्रदर्शन संभव हुआ।

उनकी टीम को कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड ने सायंकालीन आरती के विशेष कार्यक्रम में भी आमंत्रित किया

और अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया।

कांगड़ा की लोक कला का वैश्विक मंच: International Gita Mahotsav

प्रसिद्ध साहित्यकार प्रो. चंद्र रेखा डढवाल और कांगड़ा के अन्य विशिष्ट अतिथियों ने डॉ. गुलेरिया को कांगड़ा की

लोक संस्कृति को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत करने के लिए शुभकामनाएं दीं।

उन्होंने इसे कांगड़ा की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और प्रोत्साहित करने का महत्वपूर्ण कदम बताया।

कलाकारों का जादू: International Gita Mahotsav

संगीतांजलि की टीम में कोमल, अनिता, रितिका, अंकिता, रिशु, मिलन, तनवी, तनिका, निधिका, रजत, सूरज

और हर्ष जैसे युवा कलाकारों ने नृत्य निर्देशिका शिवानी के नेतृत्व में शानदार प्रदर्शन किया।

उनकी झमाकड़ा, कांगड़ी गिद्दा और नाटी की प्रस्तुतियों ने ब्रह्मसरोवर के तट पर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

लोक कला को मिला सम्मान:

झमाकड़ा और कांगड़ी नृत्य न केवल दर्शकों के मनोरंजन का केंद्र बने, बल्कि लोक संस्कृति के संरक्षण का संदेश भी दिया।

कलाकारों के सम्मान में आयोजित सायं कालीन आरती ने महोत्सव में एक विशेष रंग भर दिया।

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव 15 दिसंबर तक चलेगा,

जहां विभिन्न राज्यों के कलाकार अपनी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से कला प्रेमियों का मनोरंजन करते रहेंगे।