Sukhbir Singh Badal Punishment : श्री अकाल तख्त साहिब ने दिवंगत मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से “फख्र-ए-कौम” की उपाधि वापस ले ली है।
तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा
कि सुखबीर सिंह बादल ने अपने ऊपर लगे आरोपों को स्वीकार कर लिया है।
सुखबीर ने यह कबूल किया कि उन्होंने जत्थेदार साहिबानों को अपने घर बुलाकर डेरा सच्चा सौदा से माफी के लिए दबाव डाला।
इस पूरे प्रकरण में दिवंगत प्रकाश सिंह बादल की भी भूमिका रही,
जिसके कारण उनकी उपाधि छीनी गई है।
Sukhbir Singh Badal Punishment : आरोपों को ‘हां’ में स्वीकारा
मीटिंग में सुखबीर बादल से सीधा सवाल किया गया,
जिसके जवाब में उन्होंने सभी आरोपों को ‘हां’ में स्वीकारा।
उन पर डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के प्रति नरम रुख अपनाने, वेशभूषा विवाद में सजा न देकर शिकायत वापस लेने
और बरगाड़ी कांड में दोषियों को सजा दिलाने में नाकामी जैसे गंभीर आरोप लगे हैं।
सुखबीर के अलावा, प्रेम सिंह चंदूमाजरा को भी तख्त द्वारा लताड़ा गया। जत्थेदार ने कहा
कि उनके पास चंदूमाजरा पर लगे आरोपों से जुड़े समाचार पत्रों की कटिंग मौजूद है,
ऐसे में पीछे हटने की कोई गुंजाइश नहीं है।
इस मुद्दे पर 2007-2017 के दौरान शिरोमणि अकाली दल (SAD) की सरकार के मंत्रियों, 2015 की शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) की कार्यकारिणी के सदस्यों
और मौजूदा प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी को भी तलब किया गया है।