PM Vishwakarma Yojana 2024 : जिला उपायुक्त मोनिका गुप्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा कौशल सम्मान (पीएम-विकास) योजना का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को उनकी सेवाओं और उत्पादों में सुधार के लिए हर संभव सहायता प्रदान करना है।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि योजना के तहत आवेदन करने वाले 669 आवेदकों की दूसरी चरण की वेरीफिकेशन प्रक्रिया को तेजी से पूरा किया जाए।
योजना के लाभ और प्रशिक्षण केंद्र – PM Vishwakarma Yojana 2024
इस योजना के तहत 18 पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
इसके लिए पंचकूला जिले में आईटीआई बिटना (कालका), रायपुर रानी और सेक्टर-14 पंचकूला में केंद्र स्थापित किए गए हैं।
उपायुक्त ने बताया कि अब तक 21 पात्र व्यक्तियों को बारबर की ट्रेनिंग दी जा चुकी है।
इनमें से दो व्यक्तियों ने ऋण लेकर अपना व्यवसाय भी शुरू कर दिया है।
योजना के अंतर्गत पात्र व्यक्तियों को 5 से 7 दिन की ट्रेनिंग दी जाती है।
प्रशिक्षण के दौरान प्रत्येक दिन 500 रुपये की राशि प्रदान की जाती है।
प्रशिक्षण के बाद पात्र लाभार्थियों को 15,000 रुपये का कूपन दिया जाता है,
जिसका उपयोग वे अपने काम से संबंधित उपकरण और सामग्री खरीदने के लिए कर सकते हैं।
वेरीफिकेशन प्रक्रिया के चरण
मोनिका गुप्ता ने बताया कि आवेदन की जांच तीन चरणों में की जाती है:
1.प्रथम चरण: ग्रामीण क्षेत्रों में सरपंच और शहरी क्षेत्रों में नगर निगम कार्यालय द्वारा।
2.द्वितीय चरण: जिला प्रशासन द्वारा गठित डीआईसी कमेटी के माध्यम से।
3.तृतीय चरण: प्रदेश स्तर पर गठित एसआईसी कमेटी के माध्यम से।
तीनों चरण पूरे होने के बाद आवेदक को एक आई-कार्ड प्रदान किया जाता है, जो योजना के तहत विभिन्न लाभों को प्राप्त करने के लिए आवश्यक है।
बैठक में दिशा-निर्देश –
उपायुक्त ने यह दिशा-निर्देश लघु सचिवालय में एमएसएमई विभाग और संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान दिए।
इस बैठक में एसडीएम गौरव चौहान, नगराधीश विश्वनाथ, नगर निगम की ज्वाइंट कमिश्नर सिमरनजीत कौर,
एमएसएमई के डिप्टी डायरेक्टर रमनदीप और एक्सटेंशन अधिकारी हरदयाल सिंह समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
उपायुक्त ने कहा कि योजना से पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को न केवल उनके व्यवसाय में नई ऊर्जा मिलेगी,
बल्कि यह उनके आर्थिक उत्थान में भी सहायक होगी।
उन्होंने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि योजना के सभी पात्र लाभार्थियों को समय पर लाभ मिले।
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य योजना को प्रभावी तरीके से लागू करना और पात्र व्यक्तियों तक उसका लाभ पहुंचाना था।