पंजाब में बाल विवाह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई, डॉ. बलजीत कौर ने अधिकारियों को दिया त्वरित निर्देश

Dr. Baljit Kaur

पंजाब सरकार के सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास मंत्री Dr. Baljit Kaur ने बाल विवाह को लेकर एक बड़ी कार्रवाई की।

उन्हें रूपनगर जिले के आसपुर कोटा गांव में एक नाबालिग लड़के की शादी करवाए जाने की जानकारी मिली, और उन्होंने इस पर तुरंत एक्शन लिया।

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार बच्चों के अधिकारों की रक्षा करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है,

और इस कदम से यह प्रतिबद्धता फिर से साबित हो गई।

Dr. Baljit Kaur : अधिकारियों को कार्रवाई करने के निर्देश

मंत्री डॉ. बलजीत कौर को यह जानकारी चाइल्डलाइन के माध्यम से मिली थी कि 17 वर्षीय लड़के की शादी की जा रही है।

जैसे ही उन्होंने यह सूचना सुनी, उन्होंने अधिकारियों को कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

इसके बाद, जिला बाल सुरक्षा इकाई रूपनगर की टीम ने बाल विवाह रुकवाने के लिए बाल विवाह रोकथाम अधिकारी के साथ मिलकर गांव पहुंचकर काम शुरू किया।

टीम ने पंचायत के सदस्यों, लड़के और लड़की के परिवारों,

और शादी के आयोजन स्थल पर मौजूद लोगों से मिलकर सारी स्थिति को समझा और कार्रवाई की।

उन्होंने दोनों पक्षों को यह समझाया कि बाल विवाह न केवल कानूनी रूप से गलत है,

बल्कि यह बच्चों के जीवन को भी प्रभावित करता है।

इस वार्ता के बाद, परिवारों ने यह वादा किया कि लड़का अगले दिन से स्कूल जाएगा,

और विवाह की योजना को पूरी तरह से रद्द कर दिया गया।

डॉ. बलजीत कौर : माता-पिता से यह अनुरोध किया

डॉ. बलजीत कौर ने इस मौके पर मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार की ओर से बच्चों की भलाई के लिए किए जा रहे

लगातार प्रयासों को रेखांकित किया। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे अगर कहीं भी बाल विवाह होते देखें,

तो तुरंत जिला अधिकारियों को सूचित करें।

मंत्री ने खासतौर पर माता-पिता से यह अनुरोध किया कि वे अपने बच्चों को बचपन में विवाह के बंधन में न बांधें।

बच्चों का बचपन उनके विकास का सबसे अहम दौर होता है,

और यह समाज के लिए भी बेहद जरूरी है कि वे इस समय का पूरी तरह से फायदा उठाएं।

मंत्री ने कहा, “बाल विवाह न केवल बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को प्रभावित करता है,

बल्कि यह उनके भविष्य को भी अंधेरे में डाल देता है।

हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे बच्चों को शिक्षा और सुरक्षित माहौल मिले

ताकि वे अपने सपनों को पूरा कर सकें।”

इस घटना से यह साफ है कि पंजाब सरकार अब बाल विवाह

और बच्चों के अधिकारों से जुड़ी किसी भी गड़बड़ी को लेकर बहुत सख्त है।

अब नागरिकों का भी यह कर्तव्य बनता है कि वे इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभाएं

और बाल विवाह जैसी कुप्रथाओं को समाप्त करने में सरकार का साथ दें।