modified silencers in bikes : स्वपन शर्मा आईपीएस, पुलिस आयुक्त, जालंधर के नेतृत्व में कमिश्नरेट पुलिस ने मॉडिफाइड साइलेंसर के उपयोग पर व्यापक कार्रवाई शुरू की है।
सरकार ने पहले ही इन साइलेंसरों के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है,
लेकिन कुछ लोग अब भी इसके दुष्परिणामों की परवाह किए बिना इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।
इन संशोधित साइलेंसर से निकलने वाली तेज आवाज़ खासकर युवाओं में एक प्रवृत्ति बन चुकी है।
modified silencers in bikes : बैकग्राउंड
भारत में, संशोधित साइलेंसर का उपयोग अवैध है, और इसके लिए भारी जुर्माना और कारावास का प्रावधान है।
मोटर वाहन अधिनियम की धारा 190 (2) के अनुसार, इन साइलेंसरों को फिट करना कानूनी अपराध है।
ये साइलेंसर ध्वनि प्रदूषण का प्रमुख कारण बनते हैं, जो बच्चों, चिकित्सा रोगियों और बुजुर्गों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।
कुछ मामलों में, इनका शोर स्तर 95-100 डेसिबल तक पहुंच सकता है, जो कि सामान्य बस हॉर्न के शोर से अधिक है।
स्वास्थ्य पर प्रभाव
अध्ययनों के अनुसार, उच्च शोर स्तर के लंबे समय तक संपर्क में रहने से तनाव, चिंता, नींद में खलल, और सुनने की क्षमता में कमी जैसी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि यह पहल न केवल कानून का पालन कराने के लिए है,
बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा और एक सुरक्षित शहरी वातावरण बनाने के लिए भी है।
modified silencers in bikes : कार्रवाई की पहल
पिछले तीन महीनों में, कमिश्नरेट पुलिस ने गश्त के प्रयासों को तेज किया है
और जालंधर में मॉडिफाइड साइलेंसर के उपयोग पर नज़र रखने के लिए कई चौकियां स्थापित की हैं।
इस दौरान, 30 विशेष अभियानों में 206 बुलेट मोटरसाइकिलें जब्त की गई हैं।
यह उन लोगों के लिए एक चेतावनी है जो अवैध संशोधनों का समर्थन कर रहे हैं
। जब्त किए गए साइलेंसरों को नष्ट करने के लिए पुलिस ने बुल्डोजर का उपयोग किया।
जागरूकता अभियान
कमिश्नरेट पुलिस स्थानीय समुदायों के साथ मिलकर संशोधित साइलेंसर के खतरों के प्रति जागरूकता फैला रही है।
सोशल मीडिया और प्रिंट मीडिया के माध्यम से लोग ध्वनि प्रदूषण के दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी प्राप्त कर रहे हैं।
भविष्य के कदम
भविष्य में, कमिश्नरेट पुलिस अवैध संशोधनों में शामिल कार्यशालाओं की निगरानी करने और बार-बार उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की योजना बना रही है।
इसके अलावा, वाहन संशोधनों और अतिरिक्त चैक प्वाइंट पर सख्त नियम लागू करने के उपाय भी किए जाएंगे।
इस पहल का उद्देश्य न केवल कानून का पालन कराना है, बल्कि एक शांत और स्वस्थ वातावरण बनाना भी है।
क्या आप इस बदलाव का स्वागत करेंगे?