हरियाणा के मुख्यमंत्री Nayab Singh Saini ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आयोजित राज्य स्तरीय Ratnavali Festival में भाग लिया।
इस महोत्सव को प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत, कला और संगीत का अद्भुत संगम बताते हुए
उन्होंने कहा कि यह उत्सव युवा पीढ़ी को हमारी समृद्ध संस्कृति से जोड़ने का एक अनूठा प्रयास है।
Nayab Singh Saini : Ratnavali Festival की महत्वपूर्ण भूमिका
मुख्यमंत्री ने कहा, “हरियाणा हमेशा से ज्ञान, समृद्धि और वीरता का केंद्र रहा है।
वैदिक काल की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने में रत्नावली महोत्सव की महत्वपूर्ण भूमिका है।
” इस चार दिवसीय महोत्सव में 34 विधाओं में 3,000 से अधिक छात्र-छात्राएं अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को दीपावली और अन्य त्योहारों की शुभकामनाएं देते हुए कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की प्रशंसा की।
उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय ज्ञान, अनुसंधान, कौशल विकास और सांस्कृतिक संरक्षण में देश के अग्रणी संस्थानों में से एक है।
सैनी ने आगे कहा, “रत्नावली महोत्सव हरियाणवी लोक संस्कृति को पुनर्जीवित करने और युवा विद्यार्थियों में अपनी महान विरासत पर गर्व का भाव जगाने में मदद कर रहा है।”
कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने महोत्सव की शुरुआत
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने महोत्सव की शुरुआत के बारे में जानकारी देते हुए बताया
कि 1985 में 8 विधाओं और 300 कलाकारों के साथ शुरू हुआ यह महोत्सव अब 34 विधाओं में 3,000 से अधिक प्रतिभागियों को शामिल कर चुका है।
उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाना है।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने शिक्षा और सांस्कृतिक गतिविधियों में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं।”
इस महोत्सव में पूर्व मंत्री सुभाष सुधा, उपायुक्त राजेश जोगपाल, पद्मश्री महावीर गुड्डू, शिक्षक, कलाकार और विद्यार्थी भी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने सभी को प्रेरित करते हुए कहा कि यह महोत्सव हरियाणा की सांस्कृतिक विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है,
जो आगे भी जारी रहेगा। रत्नावली महोत्सव न केवल संस्कृति का संरक्षण कर रहा है,
बल्कि युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का भी एक बेहतरीन मंच प्रदान कर रहा है।