मुख्य सचिव डॉ. टीवीएसएन प्रसाद की अध्यक्षता में उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की 21वीं बैठक

Dr. TVSN Prasad

हरियाणा के मुख्य सचिव Dr. TVSN Prasad ने आज चंडीगढ़ के होटल ललित में उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की स्थायी समिति की 21वीं बैठक की अध्यक्षता की।

इस बैठक में चार राज्यों (हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश) और चार केंद्र शासित प्रदेशों (चंडीगढ़, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख) के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

कुल 69 महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई, जो सामाजिक और आर्थिक विकास को प्रभावित करने वाले थे।

Dr. TVSN Prasad : सहकारी संघवाद को बढ़ावा देने

बैठक में डॉ. प्रसाद ने सहकारी संघवाद को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया।

उन्होंने कहा, “क्षेत्रीय परिषदें विभिन्न राज्यों के बीच सहयोग और समन्वय को सशक्त बनाती हैं,

जिससे समस्याओं का समाधान सामूहिक रूप से किया जा सके।

” उन्होंने बताया कि इस तरह की बैठकें आपसी समझ को बढ़ावा देती हैं और विकास के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करती हैं।

बैठक के दौरान, कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई, जैसे कि महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बलात्कार और यौन अपराधों की त्वरित जांच की आवश्यकता।

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डॉ. प्रसाद ने बताया कि 2018 में लागू किया गया आपराधिक कानून संशोधन अधिनियम, जिसमें 12 वर्ष से कम उम्र की लड़कियों के साथ बलात्कार के मामलों में मृत्युदंड का प्रावधान है,

उसके प्रभावी कार्यान्वयन के लिए सभी राज्यों को समयसीमा के भीतर जांच पूरी करने का निर्देश दिया गया है।

इसके अलावा, बैठक में पर्यावरणीय मुद्दों पर भी गहन चर्चा की गई। विभिन्न राज्यों ने प्रस्तावित उपायों पर विचार किया,

जैसे कि एनसीआर क्षेत्रों में पाइप प्राकृतिक गैस का उपयोग, थर्मल पावर प्लांट में कोयले के उपयोग में छूट और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए रणनीतियाँ।

राजस्थान जन आधार योजना

राजस्थान से अनुपमा जोरवाल ने “राजस्थान जन आधार योजना” पर प्रस्तुति दी,

जिसमें तकनीकी पहलुओं के साथ सामाजिक सुरक्षा के उपायों का वर्णन किया गया।

वहीं, चंडीगढ़ से केतन बंसल ने नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन पर जानकारी दी।

डॉ. प्रसाद ने प्रतिभागियों को हरियाणा की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का अनुभव करने के लिए राखीगढ़ी

और कुरुक्षेत्र की पवित्र भूमि पर भ्रमण का आमंत्रण दिया।

उन्होंने कहा, “यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित रखें और इसे आगे बढ़ाएं।”

बैठक में अंततः विभिन्न राज्यों के अधिकारियों ने अपने अनुभव साझा किए और सर्वोत्तम प्रथाओं पर चर्चा की,

जिससे विकास के लिए एक सकारात्मक वातावरण तैयार हुआ।

डॉ. प्रसाद ने राज्यों द्वारा साझा की गई नवीन प्रथाओं की प्रशंसा की

और इसे सहयोग और विचारों के आदान-प्रदान का एक उत्कृष्ट मंच बताया।

इस बैठक ने स्पष्ट कर दिया कि समृद्धि के लिए सहयोग और समन्वय आवश्यक हैं।

यह बैठक भविष्य में राज्य और केंद्र सरकार के बीच सहयोग को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण कदम है,

जिससे न केवल सामाजिक और आर्थिक विकास को गति मिलेगी, बल्कि एक बेहतर और समृद्ध समाज का निर्माण भी होगा।