डॉ. अंबेडकर के विचारों से प्रेरित: हरियाणा सरकार का समर्पण!

haryana government Dr. Ambedkar

haryana government : हरियाणा विधानसभा में आज सत्र से पूर्व Dr. Ambedkar को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

विधानसभा अध्यक्ष ने इस अवसर पर कहा, “सदन को लोकतंत्र का मंदिर कहा जाता है,

और आज हम इस मंदिर में बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी को नमन करते हैं।”

Haryana Government : हर पल Dr. Ambedkar  द्वारा स्थापित

सदन में बोलते हुए उन्होंने कहा, “मेरे जीवन का हर पल डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर द्वारा स्थापित भारत के संविधान के महान मूल्यों के प्रति समर्पित है।

यह संविधान ही है, जिसने एक गरीब और पिछड़े परिवार में जन्मे व्यक्ति को प्रदेश सेवा का अवसर प्रदान किया।”

उन्होंने आगे कहा, “हमारा संविधान आज प्रदेशवासियों को उम्मीद, सामर्थ्य और गरिमापूर्ण जीवन का आधार बना हुआ है।

” उनके अनुसार, डॉ. अंबेडकर के विचार दलितों, पीड़ितों, वंचितों और शोषितों के कल्याण के लिए हमेशा प्रेरणा का स्रोत रहे हैं।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, “इसलिए, हमारी सभी योजनाएं गरीब से गरीब को ध्यान में रखकर लागू की गई हैं।

अंत्योदय के भाव और ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मंत्र के साथ हमारी सरकार ने हरियाणा को एक मानकर समान विकास की दिशा में काम किया है।”

उन्होंने बताया कि हरियाणा की विधानसभा, लोकतंत्र का यह मंदिर, उनके परिवारजनों के अटूट विश्वास का प्रतीक है।

“टीम हरियाणा प्रदेश के सभी परिवारजनों के इस विश्वास को कायम रखेगी,” उन्होंने कहा।

डॉ. अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित

सदन की इस बैठक में अन्य विधायकों ने भी डॉ. अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की।

सभी ने उनके विचारों और संविधान में दिए गए अधिकारों के प्रति अपने समर्पण की भावना व्यक्त की।

यह कार्यक्रम न केवल डॉ. अंबेडकर की महानता को स्वीकार करने का एक अवसर था,

बल्कि यह यह भी दर्शाता है कि हरियाणा की सरकार अपने नागरिकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।

सदन में यह चर्चा भी हुई कि कैसे डॉ. अंबेडकर के सिद्धांतों को लागू करते हुए, सरकार ने विभिन्न योजनाओं का निर्माण किया है,

जो समाज के अंतिम पंक्ति के व्यक्तियों तक पहुंचती हैं।

इससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार के सभी प्रयास उनकी जड़ों में निहित हैं

और वे समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने की दिशा में निरंतर अग्रसर हैं।

कार्यक्रम के अंत में विधानसभा अध्यक्ष ने सभी विधायकों से अपील की कि वे डॉ. अंबेडकर के आदर्शों को अपने कार्यों में लागू करें और समाज में समानता और न्याय को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत रहें।