पंजाब में अवैध खनन पर लगाम: मंत्री गोयल का ‘जीरो सहनशीलता’ मंत्र!

Barinder Kumar Goel Illegal Mining

Illegal Mining :  पंजाब के खनन और भू-विज्ञान मंत्री Barinder Kumar Goel ने आज अवैध खनन के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश दिया।

पंजाब भवन में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान, उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर किसी अधिकारी के अधिकार क्षेत्र में अवैध खनन का मामला सामने आया,

तो उस अधिकारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

Barinder Kumar Goel : Illegal Mining को रोकने के लिए की गई कार्रवाई

मंत्री गोयल ने मुख्यालय और जिला अधिकारियों से अवैध खनन को रोकने के लिए की गई कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट हर 15 दिन में सरकार को भेजने का निर्देश दिया।

उन्होंने कहा, “हम अवैध खनन के खिलाफ ‘जीरो सहनशीलता’ की नीति अपनाए हुए हैं।

” यह नीति मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के आदेशों के तहत लागू की गई है।

उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है

और कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

बैठक में मंत्री ने अधिकारियों से संवाद करने और उनकी समस्याओं को प्राथमिकता पर निपटाने की भी अपील की।

उन्होंने जोर दिया कि लोगों को उचित दरों पर रेत की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए ताकि राज्य सरकार का राजस्व बढ़ सके।

मंत्री गोयल ने कहा, “हमारे राज्य के प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा और लोगों के हितों की रक्षा हमारी प्राथमिकता है।

अवैध खनन की घटनाओं को रोकना जरूरी है, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए ये संसाधन सुरक्षित रहें।”

बैठक में खनन और भू-विज्ञान विभाग के निदेशक

बैठक में खनन और भू-विज्ञान विभाग के निदेशक अभिजीत कपलिश, मुख्य अभियंता डॉ. हरिंदरपाल सिंह बेदी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

इस अवसर पर, मंत्री ने अधिकारियों को अवैध खनन रोकने के लिए आवश्यक उपायों को लागू करने का निर्देश दिया।

उन्होंने बताया कि पिछले कुछ महीनों में कई जगहों पर अवैध खनन की गतिविधियों की शिकायतें मिली हैं।

ऐसे मामलों में किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

मंत्री ने कहा, “हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि खनन उद्योग पारदर्शी और जिम्मेदार हो।”

बरिंदर कुमार गोयल ने यह भी कहा कि अगर अवैध खनन की शिकायतें बढ़ती हैं,

तो उन संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी, जो अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में असफल होते हैं।

राज्य सरकार का यह प्रयास न केवल खनन उद्योग को सुरक्षित और नियंत्रित रखने के लिए है,

बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण और समुदाय के विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है।