डीपीआरओ कार्यालय ने सड़क सुरक्षा में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक SSP Deepak Pareek ने सड़क दुर्घटनाओं के डेटा का तीन महीने का गहन विश्लेषण करने का सुझाव दिया।
यह सुझाव जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में दिया गया,
जिसमें पिछले तीन महीनों के आंकड़ों के आधार पर दुर्घटनाओं में कमी पर चर्चा हुई।
बैठक में प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, जिले में दुर्घटनाओं में 4.5 प्रतिशत, मृत्यु दर में 11.5 प्रतिशत और चोटों में 30 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।
हालांकि, एसएसपी पारीक ने जोर देकर कहा कि इस सकारात्मक प्रवृत्ति को बनाए रखने
और यात्रियों की सुरक्षा को और बेहतर बनाने के लिए गहन अध्ययन आवश्यक है।
SSP Deepak Pareek : मोबाइल पोर्टेबल सोलर रेड लाइट का प्रयोग
सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए एसएसपी ने मोबाइल पोर्टेबल सोलर रेड लाइट का परीक्षण करने का सुझाव भी दिया।
उन्होंने कहा कि यह सिस्टम विशेष दिनों में व्यस्त जंक्शनों पर ट्रैफिक सिग्नल के कार्य करने में मदद कर सकता है,
विशेषकर तब जब स्थायी लाइट सिग्नल काम नहीं कर रहे हों।
यह एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया जाएगा,
जिससे प्रभावशीलता को समझा जा सके।
ट्रैफिक मार्शल की तैनाती
इसके अलावा, एसएसपी ने मोहाली की व्यस्त सड़कों और जंक्शनों पर ट्रैफिक मार्शल की तैनाती का भी प्रस्ताव रखा।
उन्होंने कहा, “मोहाली की सड़कों पर वाहनों की आवाजाही में लगातार वृद्धि हो रही है, जिससे ट्रैफिक अव्यवस्था उत्पन्न हो रही है।
इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हमें ट्रैफिक मार्शल की आवश्यकता है।
” यह कदम न केवल यातायात को नियंत्रित करेगा, बल्कि सड़क पर होने वाली दुर्घटनाओं को भी कम करेगा।
आगे की योजना
एसएसपी ने बैठक में यह भी बताया कि सभी संबंधित विभागों को इन उपायों को लागू करने के लिए एक विस्तृत योजना तैयार करनी होगी।
उन्होंने सभी सदस्यों को निर्देश दिया कि वे स्थानीय निवासियों से भी सुझाव लें ताकि सड़क सुरक्षा को सुनिश्चित करने में सभी की भागीदारी हो सके।
इसके अतिरिक्त, पारीक ने सभी को याद दिलाया कि सड़क सुरक्षा केवल पुलिस की जिम्मेदारी नहीं है,
बल्कि समाज के सभी सदस्यों की जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा, “हमें एक सामूहिक प्रयास की आवश्यकता है।
हर नागरिक को सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन करना चाहिए।”
मोहाली में सड़क सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए उठाए गए इन कदमों से न केवल दुर्घटनाओं में कमी आएगी,
बल्कि शहर के नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता भी बढ़ेगी।
पुलिस प्रशासन ने इस दिशा में ठोस प्रयास करने का वादा किया है,
और अब यह देखना होगा कि ये योजनाएँ कितनी प्रभावी साबित होती हैं।
सभी की सहयोग की आवश्यकता होगी ताकि हम एक सुरक्षित सड़क परिवहन प्रणाली की दिशा में आगे बढ़ सकें।