कमाल का कचरा: कालका के छात्रों ने बनाया ‘बेस्ट आउट ऑफ़ वेस्ट’ का जादू!

Best out of waste

राजकीय महाविद्यालय कालका में “Best out of waste” प्रतियोगिता का आयोजन किया गया,

जिसमें छात्रों ने अपशिष्ट सामग्री से उपयोगी कूड़ेदान बनाकर अपनी रचनात्मकता का जलवा दिखाया।

यह आयोजन कॉलेज के ईको क्लब और ब्यूटीफिकेशन समिति के तत्वावधान में हुआ,

जिसका उद्देश्य पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाना था।

महाविद्यालय की प्राचार्या प्रोमिला मालिक के नेतृत्व में आयोजित इस प्रतियोगिता में सभी संकायों के विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया।

छात्रों ने न केवल सुंदर बल्कि प्रयोग करने योग्य कूड़ेदान बनाए,

जिन्हें देखकर प्राचार्या ने उनकी सराहना की और सभी को पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रेरित किया।

Best out of waste : विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया

प्राचार्या ने “रीडूस, रीसायकल और रीयूज” के महत्व पर जोर देते हुए कहा

कि ऐसे आयोजनों से छात्रों में सृजनशीलता और पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ती है।

प्रतियोगिता में बीए द्वितीय वर्ष की कोमल ने पहले, प्रीटिजिता ने दूसरे और बीएससी द्वितीय की मनप्रीत कौर ने तीसरे स्थान पर अपनी जगह बनाई।

इस कार्यक्रम को सफल बनाने में ईको क्लब की संयोजक प्रोफेसर डॉ. बिंदु रानी और अन्य सदस्यों का विशेष योगदान रहा।

प्रोफेसर नीरू शर्मा, प्रोफेसर सुमन, और अन्य शिक्षकों ने भी इस आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

इस प्रतियोगिता ने न केवल छात्रों की प्रतिभा को उजागर किया, बल्कि यह भी साबित किया

कि थोड़े से प्रयास से हम अपने कचरे को उपयोगी चीजों में बदल सकते हैं।

इस प्रकार के आयोजनों से महाविद्यालय में सकारात्मक वातावरण और उत्साह का संचार होता है।

प्राचार्या ने “रीडूस, रीसायकल और रीयूज” के महत्व पर जोर देते हुए कहा

कि ऐसे आयोजनों से छात्रों में सृजनशीलता और पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ती है।

प्रतियोगिता में बीए द्वितीय वर्ष की कोमल ने पहले, प्रीटिजिता ने दूसरे और बीएससी द्वितीय की मनप्रीत कौर ने तीसरे स्थान पर अपनी जगह बनाई।

इस कार्यक्रम को सफल बनाने में ईको क्लब की संयोजक प्रोफेसर डॉ. बिंदु रानी और अन्य सदस्यों का विशेष योगदान रहा।

प्रोफेसर नीरू शर्मा, प्रोफेसर सुमन, और अन्य शिक्षकों ने भी इस आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

इस प्रतियोगिता ने न केवल छात्रों की प्रतिभा को उजागर किया, बल्कि यह भी साबित किया

कि थोड़े से प्रयास से हम अपने कचरे को उपयोगी चीजों में बदल सकते हैं।

इस प्रकार के आयोजनों से महाविद्यालय में सकारात्मक वातावरण और उत्साह का संचार होता है।