राजकीय महाविद्यालय कालका में अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस: लड़कियों के अधिकारों की नई आवाज़!

Government College Kalka

Government College Kalka: राजकीय महाविद्यालय कालका की प्राचार्या प्रोमिला मलिक के नेतृत्व में सेलिब्रेशन ऑफ डेज़ समिति ने अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस का भव्य आयोजन किया।

इस दिन का मुख्य उद्देश्य न केवल लड़कियों के अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाना है,

बल्कि समाज में उनकी स्थिति को सुधारना और उनके स्वास्थ्य के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना भी है।

Government College Kalka :  हर लड़की को उसके अधिकार और अवसर मिलें

प्राचार्या प्रोमिला मलिक ने अपने संबोधन में कहा, “इस दिन को मनाने का उद्देश्य समाज में लड़कियों की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करना है।

हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हर लड़की को उसके अधिकार और अवसर मिलें।

” उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2012 में की गई थी

और इस साल की थीम है “भविष्य के लिए लड़कियों की दृष्टि।”

कार्यक्रम के दौरान, विद्यार्थियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध महिलाओं के व्यक्तित्व पर सुंदर और आकर्षक पोस्टर बनाए।

इनमें से कई नामी हस्तियों जैसे कि श्रीमती अरुणा आसफ अली, सावित्रीबाई फुले, कल्पना चावला, सरोजिनी नायडू,

आनंदीबाई, ऐनी फ्रैंक, रानी लक्ष्मी बाई, मदर टेरेसा, अमृता प्रीतम, और राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के योगदान और उपलब्धियों को दर्शाया गया।

महिलाओं की उपलब्धियों को प्रस्तुत

इस अवसर पर विद्यार्थियों ने न केवल पोस्टर बनाए, बल्कि महिलाओं की उपलब्धियों को प्रस्तुत करने के लिए एक संवाद भी आयोजित किया।

कार्यक्रम के अंत में, शिक्षकों ने विद्यार्थियों को उनके प्रयासों के लिए सराहा और उनके काम की सराहना की।

सेलिब्रेशन ऑफ डेज़ कमेटी की प्रभारी प्रोफेसर नीतू चौधरी, प्रोफेसर डॉक्टर बिंदु, प्रोफेसर डॉक्टर नवनीत नैंसी, प्रोफेसर डॉक्टर बिंदु रानी,

प्रोफेसर डॉ प्रदीप, डॉ जगपाल, असिस्टेंट प्रोफेसर सविता, और डॉ नमिता ने कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

उनके मार्गदर्शन और दिशा-निर्देशन में विद्यार्थियों ने कार्यक्रम को पूरी ऊर्जा और उत्साह के साथ प्रस्तुत किया।

इस आयोजन ने न केवल लड़कियों के अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाई,

बल्कि विद्यार्थियों में नेतृत्व और रचनात्मकता का भी विकास किया।

कई छात्रों ने इस कार्यक्रम को अपने लिए प्रेरणादायक बताया और कहा

कि ऐसे आयोजनों से उन्हें अपनी आवाज़ उठाने और अपने अधिकारों के लिए खड़े होने की प्रेरणा मिलती है।

क्या राजकीय महाविद्यालय कालका का यह आयोजन अन्य शैक्षणिक संस्थानों के लिए एक प्रेरणा बनेगा?

यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या अन्य महाविद्यालय भी इस तरह के प्रभावी कार्यक्रम आयोजित कर अपनी छात्राओं को सशक्त बनाने के लिए कदम उठाएंगे।