हरियाणा के पुलिस महानिदेशक DGP Shatrujeet Kapoor ने हाल ही में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेशभर के पुलिस अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। इस बैठक का उद्देश्य हिंसक अपराधों पर नियंत्रण, Immigration Fraud की रोकथाम, और नशामुक्ति पर केंद्रित था।
डीजीपी ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि इन मुद्दों पर तुरंत कार्रवाई की जाए।
DGP Shatrujeet Kapoor : Immigration Fraud से जुड़े मामलों को गंभीरता से लिया जाए
बैठक की शुरुआत में, डीजीपी कपूर ने बताया कि राज्य में हिंसक अपराधों की बढ़ती संख्या को नियंत्रित करने के लिए युवा पुलिसकर्मियों को उच्च स्तर का शस्त्र संचालन प्रशिक्षण दिया जाएगा।
यह प्रशिक्षण 21 अक्टूबर से शुरू होगा
और इसके तहत पुलिसकर्मियों को उचित परिस्थितियों में नागरिकों की सुरक्षा के लिए प्रभावी ढंग से हथियारों का उपयोग करना सिखाया जाएगा।
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे अपने जिलों में अच्छे युवा पुलिसकर्मियों का चयन करें
और उन्हें प्रशिक्षित करें ताकि राज्य की सुरक्षा में सुधार हो सके।
डीजीपी कपूर ने इस बात पर जोर दिया कि इमिग्रेशन फ्रॉड से जुड़े मामलों को गंभीरता से लिया जाए।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि विदेश भेजने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले एजेंटों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
इस संदर्भ में उन्होंने बताया कि ऐसे मामलों की संख्या 5-6 जिलों में अधिक देखी जा रही है,
और पुलिस अधीक्षकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी शिकायतों का समय पर समाधान हो।
नए कानून के तहत, धोखाधड़ी करने वाले एजेंटों की संपत्ति अटैच करने का भी प्रावधान है,
जिससे अधिकारियों को और अधिक सख्ती से कार्रवाई करने का अधिकार मिलता है।
डीजीपी कपूर ने पुलिस अधीक्षकों से कहा
बैठक में नशामुक्ति अभियान की प्रगति पर भी चर्चा की गई। डीजीपी कपूर ने पुलिस अधीक्षकों से कहा
कि वे अपने जिलों के गांवों और वार्डों को नशामुक्त बनाने के लिए स्वयं के लक्ष्य निर्धारित करें।
उन्होंने स्पष्ट किया कि नशामुक्ति के लिए दो महत्वपूर्ण कार्य किए जाने चाहिए:
पहला, नशा बिक्री की रोकथाम और दूसरा, नशे से ग्रस्त व्यक्तियों का इलाज कराना।
अगर ये दोनों कार्य प्रभावी ढंग से किए जाते हैं, तो गांव और वार्ड अपने आप नशामुक्त हो जाएंगे।
बैठक के दौरान, डीजीपी ने पुलिस अधिकारियों को अपनी निगरानी बढ़ाने
और नशामुक्ति के मामलों की गहनता से जांच करने का भी निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि इस दिशा में लापरवाही की गुंजाइश नहीं होनी चाहिए,
क्योंकि यह युवाओं के भविष्य को प्रभावित कर रहा है। बैठक में यह भी तय किया गया
कि पुलिस अधीक्षक समय-समय पर इन मामलों की समीक्षा करेंगे,
ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कितनी शिकायतें आई हैं,
कितनी एफआईआर दर्ज हुई हैं, और कितने अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है।
इस बैठक में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक संजय कुमार सहित कई अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।
डीजीपी कपूर के इस आह्वान से साफ है कि हरियाणा पुलिस ने इमिग्रेशन फ्रॉड
और नशामुक्ति के मुद्दों पर सख्त कार्रवाई करने का संकल्प लिया है,
ताकि प्रदेश में कानून-व्यवस्था बनाए रखी जा सके और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।