पंजाब में सिख विरासत का संरक्षण: दीवान टोडर मल्ल की विरासत संजोने की मुहिम

Kultar Singh Sandhwan

Kultar Singh Sandhwan: दसवें सिख गुरु, श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों के अंतिम संस्कार के लिए मुगलों के आदेशों की अवहेलना करने वाले दीवान टोडर मल्ल की विरासत अद्वितीय है।

खस्ता हाल दीवान टोडर मल्ल हवेली, जिसे जहाज हवेली के नाम से भी जाना जाता है,

को संरक्षित करने और उसे विरासती रूप देने के लिए सभी पक्षों का सहयोग अनिवार्य है।

Kultar Singh Sandhwan : हाल ही में हुई बैठक के दौरान

पंजाब विधानसभा सचिवालय में हाल ही में हुई बैठक के दौरान, पंजाब विधानसभा के स्पीकर स. कुलतार सिंह संधवां ने कहा,

“हमारा उद्देश्य सिख पंथ की इस महान विरासती इमारत को संरक्षित कर कौम को समर्पित करना है

ताकि आने वाली पीढ़ियां इससे परिचित हो सकें और अपने इतिहास पर गर्व कर सकें।

” उन्होंने दीवान टोडर मल्ल विरासती फाउंडेशन पंजाब द्वारा किए जा रहे

प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह कार्य शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी

और पंजाब सरकार के पर्यटन एवं पुरातत्व विभाग के सहयोग से संपन्न होगा।

स्पीकर ने दीवान टोडर मल्ल की अद्वितीय बहादुरी को याद करते हुए कहा,

“जब छोटे साहिबजादों को इस्लाम न स्वीकारने के आरोप में जीवित दीवार में चिनवाया जा रहा था,

तब दीवान टोडर मल्ल ने मुगलों के आदेशों की परवाह न करते हुए सोने के सिक्के बिछाकर जमीन का एक टुकड़ा खरीदा था।

” उन्होंने साहिबजादों के पवित्र शरीर मिलने के बाद उनका अंतिम संस्कार भी किया, जो उनके साहस और श्रद्धा को दर्शाता है।

खविंदर सिंह काहने ने बताया

विरासती फाउंडेशन के अध्यक्ष स. लखविंदर सिंह काहने ने बताया

कि फाउंडेशन दीवान टोडर मल्ल हवेली के पुराने रूप को बहाल करने के लिए पूरी श्रद्धा से सेवा कर रही है।

इस दिशा में आगे बढ़ते हुए, ब्रिटिश लाइब्रेरी लंदन से 1911 की हवेली की तस्वीर प्राप्त की गई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, जहाज हवेली को 18वीं सदी का रूप दिया जाएगा।

उन्होंने कहा, “हम एस.जी.पी.सी. और पंजाब सरकार के सहयोग से हवेली को उसके पुरातन रूप में तैयार करने में सफल होंगे।”

उन्होंने यह भी बताया कि इस मकसद के लिए डेढ़ एकड़ जमीन फाउंडेशन द्वारा खरीदी गई है।

इस अवसर पर दीवान टोडर मल्ल विरासती फाउंडेशन पंजाब द्वारा विरासती स्थलों

और इमारतों की देखभाल के विशेषज्ञ इंजीनियरों की टीम द्वारा अब तक की गई खोज पर एक प्रस्तुति भी दी गई।

इस टीम ने हवेली के पुरातन रूप को बहाल करने के संबंध में अपनी पूरी रूपरेखा साझा की।

बैठक में फतेहगढ़ साहिब के विधायक स. लखबीर सिंह राय,

पंजाब पर्यटन एवं पुरातत्व विभाग की निदेशक श्रीमती अमृत सिंह, एस.एस.पी. फतेहगढ़ साहिब डॉ. रवजोत कौर ग्रेवाल,

और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

सभी ने दीवान टोडर मल्ल की विरासत को संरक्षित करने के इस प्रयास की सराहना की।

दीवान टोडर मल्ल की अद्वितीय विरासत को संरक्षित करने का यह प्रयास न केवल सिख समुदाय के लिए,

बल्कि पूरे पंजाब के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

आने वाली पीढ़ियों को अपने इतिहास से परिचित कराना और गर्वित बनाना इस पहल का मुख्य उद्देश्य है।