अश्विन Navratri मेले के चौथे दिन, श्री माता मनसा देवी और श्री काली माता मंदिर कालका में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।
इस अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए श्री माता मनसा देवी पूजा स्थल बोर्ड की ओर से पुख्ता प्रबंध किए गए थे,
जिससे हर कोई माता के दरबार में जाकर अपनी श्रद्धा अर्पित कर सके।
Navratri चौथे दिन श्रद्धालुओं ने कुल….
श्री माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष और उपायुक्त डा. यश गर्ग ने जानकारी देते हुए बताया कि चौथे दिन श्रद्धालुओं ने कुल 22 लाख 74 हजार 858 रुपये की राशि दान स्वरूप भेंट की।
इनमें से श्री माता मनसा देवी मंदिर में 18 लाख 47 हजार 856 रुपये का दान दिया गया,
जबकि श्री काली माता मंदिर कालका में 4 लाख 16 हजार 152 रुपये का चढ़ावा चढ़ाया गया।
इसके अतिरिक्त, चंडी मंदिर में भी श्रद्धालुओं ने 10,850 रुपये की राशि का चढ़ावा अर्पित किया।
चांदी के भेंट
माता मनसा देवी मंदिर में श्रद्धालुओं ने चांदी के 34 नग भी अर्पित किए, जिनका वजन 315 ग्राम है।
इसी तरह, काली माता मंदिर में 38 चांदी के नग भेंट किए गए। इस प्रकार, कुल 78 नग चांदी के चढ़ावे में आए हैं,
जो श्रद्धालुओं की श्रद्धा और विश्वास को दर्शाते हैं।
Navratri : श्रद्धालुओं की भीड़
चौथे दिन, मंदिरों में 24 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने माता के दरबार में मत्था टेका और अपनी मन्नतें मांगी।
श्रद्धालुओं की इस भारी भीड़ ने यह साबित कर दिया कि Navratri का त्योहार हर साल की तरह इस बार भी धूमधाम से मनाया जा रहा है।
सुरक्षा और व्यवस्था
श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए मंदिर परिसर में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई थी।
इसके अलावा, भजन-कीर्तन और अन्य धार्मिक आयोजनों का आयोजन किया गया, जिससे वातावरण और भी भक्तिमय बन गया।
मंदिर प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए विशेष इंतजाम किए थे,
ताकि वे बिना किसी परेशानी के माता के दरबार में जा सकें।
सभी श्रद्धालुओं से अपील की गई थी कि वे मंदिर में रहते हुए कोविड-19 से संबंधित नियमों का पालन करें।
श्रद्धा और आस्था का प्रतीक
श्री माता मनसा देवी और श्री काली माता मंदिर में हर साल हजारों श्रद्धालु आते हैं।
इस नवरात्र में भी भक्तों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है।
हर कोई अपनी श्रद्धा के साथ माता से आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आतुर है।
इस बार के नवरात्र मेले ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि श्रद्धा और आस्था का कोई मोल नहीं होता।
श्रद्धालुओं ने अपनी मेहनत की कमाई से माता के दरबार में जो चढ़ावा चढ़ाया है, वह उनकी भक्ति का प्रमाण है।
इस तरह, Navratri का यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है,
बल्कि यह समाज में एकता और भाईचारे को भी बढ़ावा देता है।
श्रद्धालुओं की भक्ति और दान के इस अद्भुत संगम ने इस नवरात्र को और भी खास बना दिया है।