पंजाब सरकार का पराली प्रबंधन में बड़ा कदम: 8,045 नोडल अधिकारियों की नियुक्ति

Gurmeet Singh Stubble Management

Gurmeet Singh Khuddian: पंजाब सरकार ने राज्य में पराली जलाने ( Stubble Management ) की घटनाओं को नियंत्रित करने और उसके उचित प्रबंधन के लिए 8,045 नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की है।

ये नोडल अधिकारी उन क्षेत्रों पर नजर रखेंगे जहां पराली जलाने की घटनाएं अधिक होती हैं।

Stubble Management :धान की कटाई के सीजन के दौरान

पंजाब के कृषि और किसान कल्याण मंत्री स. गुरमीत सिंह खुड्डियां ने इस संबंध में जानकारी साझा करते हुए बताया

कि धान की कटाई के सीजन के दौरान पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए विभिन्न स्तरों पर अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई है।

इसमें 79 एसडीएम, 108 तहसीलदार, 108 डीएसपी, 1,140 क्लस्टर अधिकारी और अन्य स्टाफ शामिल हैं।

इन नोडल अधिकारियों को कटाई के बाद की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने का काम सौंपा गया है।

Gurmeet Singh Khuddian: शिक्षा और संचार (आईईसी) से संबंधित गतिविधियों शामिल

मंत्री ने बताया कि ये अधिकारी सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) से संबंधित गतिविधियों में भी शामिल होंगे,

जिसमें किसानों के साथ बैठकें कर उन्हें पराली प्रबंधन (सीआरएम) मशीनों के उपयोग के बारे में जागरूक करना शामिल है।

स. खुड्डियां ने राज्य के किसानों से अपील की कि वे ‘उन्नत किसान’ मोबाइल ऐप का लाभ उठाएं।

इस ऐप का उद्देश्य छोटे और सीमांत किसानों को सीआरएम मशीनों तक आसानी से पहुंच प्रदान करना है।

मंत्री ने बताया कि इस ऐप पर 1.30 लाख से अधिक सीआरएम मशीनें सूचीबद्ध हैं, जिन्हें किसान आसानी से बुक कर सकते हैं।

अभी तक किसानों ने कुल 8,635 सीआरएम मशीनें खरीदी हैं।

इसके अलावा, कृषि विभाग ने सब्सिडी पर सीआरएम मशीनों की खरीद के लिए 16,205 स्वीकृति पत्र जारी किए हैं।

इससे यह स्पष्ट है कि सरकार किसानों को पराली प्रबंधन में मदद करने के लिए दृढ़ संकल्पित है।

स. खुड्डियां ने कहा कि पराली जलाने की समस्या केवल एक पर्यावरणीय मुद्दा नहीं है,

बल्कि यह किसानों की सेहत और उनकी फसल उत्पादन पर भी प्रभाव डालती है।

इसलिए, उन्होंने सभी किसानों से सहयोग की अपील की, ताकि इस समस्या को प्रभावी तरीके से हल किया जा सके।

सरकार का यह कदम न केवल पर्यावरण की रक्षा करेगा, बल्कि किसानों की आय बढ़ाने में भी मदद करेगा।

इस पहल के माध्यम से पंजाब सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है

कि किसानों को पराली जलाने की आवश्यकता न पड़े और वे अपनी फसलों का सही ढंग से प्रबंधन कर सकें।

इस तरह, पंजाब सरकार ने पराली जलाने की घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाए हैं,

जो किसानों और पर्यावरण दोनों के लिए फायदेमंद साबित होंगे।