Harjot Singh Bains: पंजाब में सरकारी प्राइमरी स्कूलों के अध्यापकों (Teachers ) को अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर की ट्रेनिंग का सुनहरा अवसर मिलेगा। पंजाब के स्कूल शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने बताया कि राज्य सरकार ने फिनलैंड (Finland) की यूनिवर्सिटी ऑफ तुर्कु में प्राइमरी स्कूल के अध्यापकों को ट्रेनिंग के लिए भेजने का निर्णय लिया है।
यह ट्रेनिंग तीन हफ्तों की होगी और इससे शिक्षकों को नई तकनीकों और शैक्षणिक पद्धतियों को सीखने का मौका मिलेगा।
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Harjot Singh Bains ने कहा कि…
मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि यह निर्णय मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की नेतृत्व में लिया गया है।
उन्होंने यह भी बताया कि फरवरी 2023 से अब तक, 198 प्रिंसिपलों और शिक्षा प्रशासकों को सिंगापुर की दो प्रमुख संस्थाओं—प्रिंसिपल अकादमी और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सिंगापुर इंटरनेशनल—में लीडरशिप विकास कार्यक्रम में प्रशिक्षित किया गया है।
इसके अलावा, 100 हेडमास्टरों को आईआईएम अहमदाबाद में लीडरशिप, स्कूल प्रबंधन, शिक्षा विभाग में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और भागीदारी संबंधित ट्रेनिंग दी गई है।
इन प्रयासों का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों की क्षमताओं को बढ़ाना और विद्यार्थियों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करना है।
हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि इच्छुक अध्यापक 24 सितंबर 2024 से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
इसके लिए विभाग की वेबसाइट “ई-पंजाब पोर्टल” पर सभी आवश्यक जानकारी उपलब्ध होगी।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जो अध्यापक इस ट्रेनिंग के लिए आवेदन करेंगे,
उनके पढ़ाने की विधि की पुष्टि छात्रों और उनके माता-पिता से की जाएगी।
यह कदम सुनिश्चित करेगा कि अध्यापकों का चयन सही और प्रभावी तरीके से किया जाए।
Finland की शिक्षा प्रणाली विश्व स्तर पर
इस तरह की अंतर्राष्ट्रीय ट्रेनिंग से न केवल शिक्षकों का विकास होगा, बल्कि इससे विद्यार्थियों की सीखने की क्षमता भी बढ़ेगी।
फिनलैंड की शिक्षा प्रणाली विश्व स्तर पर सराही जाती है,
और वहां के शिक्षण तरीकों को अपनाने से पंजाब के स्कूलों में भी सकारात्मक बदलाव आ सकता है।
हरजोत सिंह बैंस ने इस पहल को लेकर आशा जताई कि इससे पंजाब के स्कूलों की शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार होगा।
उन्होंने कहा कि शिक्षकों की प्रशिक्षण में निवेश करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे शिक्षा प्रणाली के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं।
पंजाब सरकार का यह कदम दिखाता है कि वह शिक्षा के क्षेत्र में गंभीर है
और अध्यापकों के विकास के लिए ठोस प्रयास कर रही है।
फिनलैंड के अनुभव से लाभ उठाकर, पंजाब के अध्यापक नई शैक्षणिक विधियों और प्रथाओं को सीखेंगे,
जो कि उनके विद्यार्थियों के लिए लाभदायक साबित होगी।
इस पहल से न केवल अध्यापकों का विकास होगा,
बल्कि इससे शिक्षा के स्तर में भी सुधार होगा, जिससे पंजाब के बच्चे बेहतर भविष्य की ओर बढ़ सकेंगे।