Fake IPS : बिहार में एक 18 वर्षीय युवक मिथिलेश मांझी ने ऐसा कारनामा कर दिया जिसको देख आम जनता क्या पुलिस भी हैरान है।
बता दे की मिथिलेश मांझी ने पुलिस को बताया की वह 2 लाख रूपए देकर ‘ट्रेनी IPS अधिकारी’ बना है ।
इस युवक ने कहा की इसे IPS बनने के लिए सिर्फ 2 लाख रुपए की ‘फीस’, एक जोड़ी पुलिस वर्दी और एक खिलौना पिस्तौल की जरूरत थी।
हालांकि, उसकी यह खुशी ज्यादा देर तक नहीं टिक पाई, क्योंकि जमुई की सिकंदरा पुलिस ने उसे धर दबोचा।
Fake IPS : क्या है पूरा मामला ?
मिथिलेश, जो लखीसराय के हलसी स्थित गोवर्धन बिगहा गांव का निवासी है,
पुलिस वर्दी पहनकर सिकंदरा बाजार में घूम रहा था।
जब पुलिस ने उसे रोका और उसकी शिक्षा और प्रशिक्षण के बारे में पूछताछ की,
तो उसने स्वीकार किया कि वह यहाँ 2 लाख रूपए देकर IPS बना है और बस ऐसे ही वर्दी पहन कर घूम रहा था।
पुलिस को पता चला कि उसने केवल 10वीं तक की पढ़ाई की है।
इस घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की।
गिरफ्तार किए जाने के बाद, मिथिलेश ने पुलिस को बताया
कि उसे IPS की नौकरी दिलाने का लालच खैरा के मनोज सिंह ने दिया था।
मनोज ने उसे 2.3 लाख रुपये के भुगतान पर यह नौकरी दिलाने का वादा किया था।
अब पुलिस इस रैकेट की जड़ तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।
मिथिलेश की गिरफ्तारी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल
इस मामले का एक दिलचस्प पहलू यह भी है कि मिथिलेश की गिरफ्तारी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है,
जिसमें वह खिलौना पिस्तौल पुलिस को सौंपते नजर आ रहा है।
यह वीडियो इंटरनेट पर लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है।
पुलिस ने इस वीडियो को सबूत के तौर पर इस्तेमाल करने की योजना बनाई है।
ताकि साथ ही लोगों को जागरूक किया जा सके।
जमुई के उप-विभागीय पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) सतीश सुमन ने मीडिया को बताया, “मिथिलेश को गिरफ्तार कर लिया गया है।
हम मनोज सिंह के नाम को ट्रैक कर रहे हैं और उसके द्वारा चलाए जा रहे संभावित नौकरी रैकेट की जांच कर रहे हैं।
” पुलिस का मानना है कि यह मामला सिर्फ एक युवक की बेवकूफी नहीं है,
बल्कि यह एक बड़ा रैकेट हो सकता है जो युवाओं को झूठे वादों में फंसाकर पैसे ऐंठता है।
पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे ऐसे मामलों में सतर्क रहें और किसी भी तरह की धोखाधड़ी से बचें।
इस घटना ने ना केवल मिथिलेश के सपनों को चकनाचूर किया,
बल्कि यह भी साबित किया कि किसी भी नौकरी के लिए मेहनत और शिक्षा सबसे जरूरी है।
अब देखना यह है कि पुलिस इस रैकेट के अन्य सदस्यों का पता लगाने में कितनी सफल होती है।
इस मामले ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि सच्चाई को जानना और समझना जरूरी है,
क्योंकि बिना ज्ञान के किया गया प्रयास अक्सर गलत रास्ते पर ले जाता है।